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हादसे का शिकार होने पर आयुष्मान भारत स्कीम के तहत कितने रुपये तक का मिलता है मुफ्त इलाज? जानें

आयुष्मान भारत स्कीम के तहत सड़क हादसे में घायल मरीजों को स्कीम का लाभ मिलता है या नहीं.

आयुष्मान भारत स्कीम
आयुष्मान भारत स्कीम (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : October 11, 2024 at 1:15 PM IST

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Updated : October 11, 2024 at 1:22 PM IST

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2018 में आयुष्मान भारत योजना शुरू की था. यह योजना लाभार्थियों को मुफ्त चिकित्सा बीमा प्रदान करती हैं. सरकार द्वारा संचालित इस हेल्थ स्कीम में अप्लाई करने के बाद लोगों का आयुष्मान कार्ड बनता है. इसके जरिए 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवाया जा सकता है.

केंद्र सरकार ने हाल ही में आयुष्मान योजना को 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए लागू कर दिया. इस फैसले का मकदस 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा.

ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या इस स्कीम के तहत सड़क हादसे में घायल होने वाले मरीजों का लाभ मिलता है. अगर आप भी इस बारे में जानन चाहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या रोड एक्सीडेंट में घायल होने वाले मरीज इस स्कीम के तहत अपना इलाज करवा सकते हैं या नहीं.

डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज
बता दें कि आयुष्मान योजना के तहत अब हादसे में जख्मी मरीजों को भी डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज का लाभ मिलता है. इस स्कीम के तहत हादसे में घायल होने वाले मरीज सरकारी या निजी अस्पताल में इलाज करवा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए तीन घंटे के भीतर पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है.

7 दिनों तक मुफ्त उपचार की सुविधा
इस योजना के तहत पात्र पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना के तहत लिस्टिड अस्पतालों में दुर्घटना की डेट से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए 1.5 लाख रुपये तक के ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा केयर से संबंधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं.

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना क्या है?
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है. करोड़ों कमजोर परिवार इन लाभों के लिए पात्र हैं. PMJAY सर्विस लाभार्थी के लिए सेवाओं तक कैशलेस और कागज रहित एक्सेस प्रदान करता है.

पीआईबी के मुताबिक 1 अगस्त 2014 को स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के सहयोग से किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद रहित उपचार प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ और असम में पायलट आधार पर एक योजना तैयार की है और इसे लागू करना शुरू कर दिया था.

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Last Updated : October 11, 2024 at 1:22 PM IST