चंडीगढ़: शहर में इन दिनों साइबर ठग ठगी के लिए अलग-अलग तरीके अख्तियार कर रहे हैं. इस बीच चंडीगढ़ में एक 82 साल के कर्नल और उनकी पत्नी से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. ठगों ने दंपति को 9 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके कुल 3.41 करोड़ रुपए की ठगी की. पीड़ित दंपति ने थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
18 मार्च को आया पहली बार कॉल: दरअसल, कर्नल दिलीप सिंह बाजवा और उनकी पत्नी रनविंदर कौर बाजवा चंडीगढ़ सेक्टर 2 में रह रहे हैं. 18 मार्च को इंटरनेशनल नंबर से उन्हें एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने दंपति से पूछा कि, "क्या आप नरेश गोयल को जानते हैं?" इस पर दंपति ने जवाब दिया, "हम नहीं जानते." इसके बाद दंपति से कहा गया कि, "नरेश गोयल मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद है. उसके घर से 247 एटीएम कार्ड मिले हैं. उसमें एक कार्ड में आपका नाम भी है, जिसमें 20 लाख रुपए आए हैं. कुल 2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है. यह देश से जुड़ा मामला है. आपको अरेस्ट किया जा सकता है."

दंपति को भेजा फर्जी लेटर: इसके बाद 19 मार्च को एक बार फिर इंटरनेशनल नंबर से कॉल आया. इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का फर्जी लेटर भेजा, जहां अरेस्ट करने वाली टीम आ रही थी. दंपति को डराते हुए उनसे जुड़ी हर एक जानकारी ले ली गई. इसमें बैंक बैलेंस, घर में पड़ा सोना, प्रॉपर्टी के कागजात सब जानकारी दंपति से ले ली गई और दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया. डिजिटल अरेस्ट के दौरान वीडियो के जरिए दंपति को कोर्ट रूम दिखाया गया.
9 बार किया डिजिटल अरेस्ट: पीड़ित कर्नल दिलीप ने बताया, "मुझे 9 बार डिजिटल अरेस्ट किया गया. 27 मार्च को दोपहर 3 बजे वीडियो कॉल पर कोर्ट रूम दिखाया गया, जहां जज पुलिस ऑफिसर और दो आरोपी नजर आ रहे थे. इस दौरान जज ने मुझे कहा कि आपकी बेल गारंटीड है, लेकिन 2 करोड़ का बेल वारंट भरना होगा. इस पर मैंने जवाब दिया कि हमारे पास अब पैसे नहीं बचे हैं. तब जज ने मुझे किसी भी तरह पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट का डर दिखाया. डिजिटल अरेस्ट के दौरान संपत्ति को सुप्रीम कोर्ट का डर दिखाते हुए ₹800000 अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए. मुझसे कुल पांच अलग-अलग खातों में कुल 3. 41 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए गए."
किसी को न बताने की दी धमकी: डिजिटल अरेस्ट के दौरान पीड़ित को ठगों ने किसी को भी कुछ भी न बताने की धमकी दिए. ठगों ने दंपति को नकली कोर्ट, नकली पुलिस और जज वीडियो कॉल में दिखाया और लगातार दंपति को धमकाते रहे.
ठगी का पता चलने पर लगाई न्याय की गुहार: पैसों की भरपाई करने के लिए कर्नल दिलीप बाजवा ने अपने कुछ रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने की कोशिश की. इस पर रिश्तेदारों ने कर्नल को डिजिटल ठगी की बात कही. इसके बाद उन्होंने कुछ वकीलों से संपर्क किया. इसके बाद ठगी का अहसास होने पर दंपति ने 28 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज कराई.
पीड़ित दंपति ने बयां किया अपना दर्द: पीड़ित रिटायर्ड कर्नल दलीप सिंह ने कहा कि "युवा अवस्था में मैंने अपना जीवन राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. अब अपने जीवन के अंतिम वर्षों में मैंने धोखेबाजों के हाथों अपना सब कुछ खो दिया है.यह एक दुखद और क्रूर त्रासदी है कि इस तरह से ठगा गया है, अब मेरी एकमात्र उम्मीद चंडीगढ़ पुलिस के साइबर सेल पर टिकी है. मुझे उम्मीद है कि हमारी पुलिस धोखेबाजों को पकड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम है और वे हमारे साथ ठगी करने वाले सभी धोखेबाजों को पकड़ने में सफल होगी.मैं हमारे देश के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मामले में दखल देने और हमारी खोई हुई बचत को वापस पाने में मदद करने की अपील करता हूं, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी चलाने के लिए आवश्यक थी." वहीं, कर्नल की पत्नी ने भी कहा कि हमें लगा ही नहीं कि हम ठगी का शिकार हो रहे हैं. हमें कुछ भी सोचने का ठगों ने मौका ही नहीं दिया."
दंपति ने लगाई सरकार से मदद की गुहार: ठगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद दंपति ने गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई है.
पुलिस की आम लोगों से अपील: एसपी गीतांजलि खंडेलवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ में 2025 में 7 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं. 2 दिन पहले भी बुजुर्ग दंपति के साथ ऐसा मामला सामने आया है. मैं जनता को बताना चाहती हूं कि डिजिटल अरेस्ट नामक कोई चीज नहीं होती. डर का माहौल बनाकर स्कैमर डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फेक जज को सामने लाकर उनके मन में डर बैठाया गया, समय के साथ उनको फील हुआ कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है. करीब साढ़े 6 लाख की राशि फ्रीज कर ली गई है. बाकि पैसे फ्रीज कराने की कोशिश जारी है.
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