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बठिंडा में किसान और पुलिस के बीच झड़प, जमीन की मापी करने गया था प्रशासन - FARMERS AND POLICE CLASH

पंजाब के बठिंडा पुलिस प्रशासन एक प्रोजेक्ट के लिए जमीन चिह्नित करने गयी थी. कस्बा रामपुरा फूल के जींद के ग्रामीणों से झड़प हो गई.

farmers and police Clash in Punjab
बठिंडा में किसान-पुलिस के बीच झड़प. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 7:43 PM IST

Updated : Jan 20, 2025, 8:31 PM IST

बठिंडा: पंजाब के बठिंडा के कस्बा रामपुरा फूल के जींद गांव में सोमवार 20 जनवरी को किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन ने गांव में एक प्रोजेक्ट के लिए जमीन चिह्नित करने गयी थी. भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से इसका कड़ा विरोध किया गया. इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों की एक ट्रॉली को जब्त कर लिया.

किसानों के विरोध के आगे झुकी पुलिसः प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां की अगुआई में बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे. इस दौरान पुलिस प्रशासन और किसान नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई. किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए ट्रॉली वापस करने को कहा. किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जब्त की गयी ट्रॉली को किसान नेताओं को वापस कर दिया.

कॉरपोरेट के लिए काम करने के आरोपः इस मौके पर किसान नेता झंडा सिंह जेठूके ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों के हाथों में खेल रही पंजाब सरकार ने किसानों की जमीनें छीनने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके तहत जमीनों की रजिस्ट्री और भूमि पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि इन जमीनों को कॉरपोरेट घरानों को सौंपा जा सके. लेकिन किसान संगठन इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे.

चार दशक से खेती करने की बात कहीः झंडा सिंह जेठूके ने कहा कि सरकार भले ही कोर्ट का सहारा लेकर किसानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है, लेकिन जब किसानों के हक में फैसला आता है तो ये सरकारें उसे लागू करने में आनाकानी करती हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान चार दशकों से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं तो इन मुरब्बा बंदी और नक्शा बंदी की क्या जरूरत है.

इसे भी पढ़ेंः केंद्र 14 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक करेगा, डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने को राजी

बठिंडा: पंजाब के बठिंडा के कस्बा रामपुरा फूल के जींद गांव में सोमवार 20 जनवरी को किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन ने गांव में एक प्रोजेक्ट के लिए जमीन चिह्नित करने गयी थी. भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से इसका कड़ा विरोध किया गया. इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से किसानों की एक ट्रॉली को जब्त कर लिया.

किसानों के विरोध के आगे झुकी पुलिसः प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां की अगुआई में बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे. इस दौरान पुलिस प्रशासन और किसान नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई. किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए ट्रॉली वापस करने को कहा. किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने जब्त की गयी ट्रॉली को किसान नेताओं को वापस कर दिया.

कॉरपोरेट के लिए काम करने के आरोपः इस मौके पर किसान नेता झंडा सिंह जेठूके ने कहा कि कॉरपोरेट घरानों के हाथों में खेल रही पंजाब सरकार ने किसानों की जमीनें छीनने की पूरी तैयारी कर ली है. इसके तहत जमीनों की रजिस्ट्री और भूमि पंजीकरण किया जा रहा है, ताकि इन जमीनों को कॉरपोरेट घरानों को सौंपा जा सके. लेकिन किसान संगठन इसे किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे.

चार दशक से खेती करने की बात कहीः झंडा सिंह जेठूके ने कहा कि सरकार भले ही कोर्ट का सहारा लेकर किसानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है, लेकिन जब किसानों के हक में फैसला आता है तो ये सरकारें उसे लागू करने में आनाकानी करती हैं. उन्होंने कहा कि जब किसान चार दशकों से इस जमीन पर खेती कर रहे हैं तो इन मुरब्बा बंदी और नक्शा बंदी की क्या जरूरत है.

इसे भी पढ़ेंः केंद्र 14 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक करेगा, डल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने को राजी

Last Updated : Jan 20, 2025, 8:31 PM IST
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