कोटा : देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट का आयोजन 4 मई को किया जाना है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इसकी तैयारी में जुटी हुई है. परीक्षा के जरिए एमबीबीएस, डेंटल, बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस व बीएसएमएस में प्रवेश मिलेगा. हालांकि, कैंडिडेट्स का उत्साह ज्यादातक एमबीबीएस में एडमिशन के लिए ही रहता है, वह भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में. इसके पीछे कारण है कि वहां पर फीस काफी कम रहती है. यह ज्यादातर सवा लाख से नीचे सालाना फीस में ही एडमिशन देते हैं.
देश में वर्तमान में 118190 एमबीबीएस सीटें हैं. इनमें 60124 सरकारी मेडिकल कॉलेज की है. इन कॉलेज में भी करीब 50 हजार सीट ही सस्ती फीस वाली है, जहां एक लाख के आसपास सालाना फीस है. वहीं, शेष करीब 10 हजार सीट पर मैनेजमेंट और NRI कोटे के तहत एडमिशन होता है, जिसमें फीस 10 से 25 लाख सालाना के आसपास है. ऐसे में माना जाए तो देश में 1.18 लाख एमबीबीएस सीट्स में से महज 42 फीसदी के आसपास ही कम फीस में एमबीबीएस कराने वाली सीट है. बाकी बची हुई 58 फीसदी सीट्स पर 30 लाख से लेकर सवा करोड़ तक फीस है.

10 हजार से ज्यादा NRI व मैनेजमेंट सीट : एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन की वेबसाइट पर 780 मेडिकल कॉलेज की 118190 सीट्स एमबीबीएस की दिखाई हुई है, जिन पर एडमिशन मिलना है. इनमें बढ़ोतरी भी हो सकती है. हालांकि, गौर करने वाली बात यह है कि इन्हीं एमबीबीएस सीट्स में 428 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 60124 एमबीबीएस की सीट हैं. इनमें 352 निजी या ट्रस्ट के मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 58066 सीट हैं. इन पर सवा करोड़ तक फीस सालाना ली जाती है, जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेज की 60124 सीट्स में मैनेजमेंट व एनआरआई कोटे की सीट्स हैं. एनआरआई और मैनेजमेंट कोटा की एमबीबीएस सीट्स सरकारी मेडिकल कॉलेज में 10 हजार से ज्यादा हैं.

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सरकारें सीट बढ़ा रही, खर्च भी कॉलेज से वसूल रही : देव शर्मा का कहना है कि सरकार ने जिला स्तर पर नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय किया था, जिस पर काफी काम भी किया है. हालांकि, इन कॉलेज में ज्यादातर या यूं कहें तो आधी सीट मैनेजमेंट या एनआरआई कोटा की है. इनमें सरकारी एमबीबीएस कॉलेज की फीस से 15 से 25 गुना ज्यादा फीस है. मेडिकल कॉलेज खोलने में भी सरकार का करोड़ों रुपए खर्च होता है. यहां तक की पढ़ाई के दौरान भी हर साल करोड़ों रुपए का बजट इनको जारी करना होता है. एक मेडिकोज को एमबीबीएस ग्रेजुएट करवाने पर लाखों रुपए सरकार को खर्च करना पड़ता है, इसीलिए कॉलेज बढ़ाने के साथ-साथ सरकारी मैनेजमेंट और एनआरआई कोटा की सीटों से सरकार इस खर्च को वसूलने में जुटी हुई है.

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यह है नीट यूजी में कॉम्पिटिशन : नीट यूजी में इस साल 23 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन कैंडिडेट ने करवाए हैं. एक सीट पर करीब 19 कैंडिडेट से ज्यादा एग्जाम के जरिए दावा पेश करेंगे. महज सस्ती सीटों वाली एमबीबीएस की बात करें तो यह कॉम्पिटिशन 42 कैंडिडेट के बीच में होने वाला है. पीछले साल से रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की संख्या इस बार कम हुई है. साथ ही सीट्स में भी बढ़ोतरी हुई है, इसीलिए कॉम्पिटिशन कुछ कम होगा. टॉपर्स कैंडिडेट सस्ती सीट वाले एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन लेते हैं, जहां पर दिल्ली एम्स में 8000 से भी कम फीस में पूरा एमबीबीएस का कोर्स हो जाता है. अन्य संस्थाओं में यह फीस बढ़ रही है.
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नए सरकारी कॉलेजों में आधी सीट कोटा में : देव शर्मा ने बताया कि उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो राजमेस (राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी) के कॉलेज संचालित हो रहे हैं. इनमें झालावाड़ मेडिकल कॉलेज सबसे पुराना है. यहां पर 200 एमबीबीएस सीट्स हैं. जबकि 100 ही सरकारी फीस वाली एमबीबीएस सीट हैं जिनमें 30 सीट 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटा काउंसलिंग के तहत भरी जाती है. शेष 70 सीट 85 फीसदी स्टेट कोटा काउंसलिंग के तहत अलॉट होती है. बची हुई 100 सीट में 70 मैनेजमेंट और 30 एनआरआई कोटा के तहत भरी जाती है. ऐसे में आधी सीट कम और आधी सीट ज्यादा फीस वाली है. इसी तरह से उदाहरण के तौर पर पाली मेडिकल कॉलेज को लिया जाए तो वहां पर 150 एमबीबीएस सीट हैं. इनमें 75 सीट कम फीस वाली है, जिनमें 22 सेंट्रल और 53 स्टेट काउंसलिंग से भरी जाती है, जबकि शेष 53 सीट्स मैनेजमेंट और 22 एनआरआई कोटा की है.

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सरकारी में 5 लाख तो एनआरआई कोटा में 1.40 करोड़ : देव शर्मा ने बताया कि राजस्थान में एमबीबीएस की फीस स्ट्रक्चर की बात की जाए तो यह 60 हजार से लेकर 92 हजार तक है. ऐसे में एमबीबीएस करीब 5 लाख से कम में सरकारी कॉलेज में हो जाती है. इसी तरह से मैनेजमेंट कोटा में यह 8 से लेकर 9 लाख सालाना के बीच है. मैनेजमेंट कोटा सीट पर 45 से 50 लाख में यह कोर्स हो रहा है. इसी तरह से एनआरआई सीट की बात की जाए तो यह करीब 30 हजार यूएस डॉलर है. ऐसे में करीब 25 लाख सालाना यह फीस है. एनआरआई कोटे पर यह 1.25 करोड़ के आसपास पहुंच रही है, जबकि प्राइवेट एमबीबीएस कॉलेज में भी लगभग एक से लेकर सवा करोड़ के आसपास फीस है. हालांकि, अन्य स्टेट में या फीस अलग है, लेकिन ज्यादा अंतर इनमें नहीं है.
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सबसे ज्यादा मेडिकल कॉलेज यूपी में : देश में एमबीबीएस सीटों की बात की जाए तो सर्वाधिक 12545 कर्नाटक में हैं, जहां 73 मेडिकल कॉलेज हैं. मेडिकल कॉलेज की संख्या की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, वहां 86 मेडिकल कॉलेज हैं. हालांकि, सीट 12475 है. उत्तर प्रदेश कॉलेज के मामले में सबसे ऊपर और सीट के मामले में दूसरे नंबर पर है. एमबीबीएस सीट और कॉलेज की संख्या दोनों के मामले में तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है. यहां पर 70 मेडिकल कॉलेज में 12050 सीट हैं. सीट के मामले में महाराष्ट्र चौथे नंबर पर है. यहां पर 11846 सीट है, जबकि कॉलेज की संख्या के मामले में वह देश में दूसरे नंबर पर है, महाराष्ट्र में अकेले 80 कॉलेज हैं.