नई दिल्ली: भारत में ईवीएम से चुनाव कराया जाता है. पिछले कुछ दिनों से विपक्ष के नेता ईवीएम से छेड़छाड़ किये जाने की आशंका जताते रहे हैं. इसको लेकर सदन में और चुनाव आयोग भी जवाब देता रहा है. अब अमेरिका में भी ईवीएम पर सवाल उठ रहा है. वहां की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने कहा है कि वोटिंग मशीनों में बड़ी कमजोरियां हैं. उनके मुताबिक हैकर्स वोट बदल सकते हैं और चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के बयान के बाद ईवीएम पर फिर रार छिड़ गया. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने शनिवार को इस पर जवाब देते हुए कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक वेंडिंग मशीनें (ईवीएम) पूरी तरह सुरक्षित हैं. उनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा रही है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जहां भी लोकतंत्र मौजूद है, वहां मतदाता सूचियां और चुनाव प्रक्रियाएं अलग-अलग हैं. कुछ देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा निर्मित ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है और इन मशीनों की कानूनी जांच की गई है तथा भारत की ईवीएम को ब्लूटूथ इंफ्रारेड से नहीं जोड़ा जा सकता है, इसलिए इनसे छेड़छाड़ करना संभव नहीं है." मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पांच करोड़ वी.वी.पी.ए.टी. पर्चियों की गिनती की गई हैं, किसी भी विसंगति की सूचना नहीं मिली है.
उन्होंने आगे कहा, "हम भारत के मतदाताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं." इससे पहले 11 अप्रैल को कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) और केंद्र सरकार से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की भेद्यता पर अमेरिकी राजनीतिज्ञ तुलसी गबार्ड की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया न देने के लिए सवाल किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह भी किया था.
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की " हैकिंग के मुद्दे" पर मेरी प्रेस वार्ता👇
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 12, 2025
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एक्स पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक गबार्ड ने सार्वजनिक रूप से ईवीएम हैकिंग का मुद्दा उठाया था. उन्होंने गबार्ड के इस कथन को उद्धृत किया कि ईवीएम "मतदान के परिणामों में हेरफेर करने के लिए शोषण की दृष्टि से संवेदनशील हैं." कई सवाल उठाते हुए सुरजेवाला ने पूछा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग का आधिकारिक ट्विटर हैंडल इस मामले पर चुप क्यों है.
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