नई दिल्ली: इथियोपियाई प्रतिनिधिमंडल ने ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम’ के अंतर्गत आज दिल्ली विधानसभा का दौरा किया. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 41-सदस्यीय इथियोपियाई प्रतिनिधिमंडल से विशेष संवाद किया. यह प्रतिनिधिमंडल 17 मई तक राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (NCGG) द्वारा आयोजित कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्रा के अंतर्गत भारत यात्रा पर है.
इस प्रतिनिधिमंडल में इथियोपिया की यूनियन पार्लियामेंट की उपाध्यक्ष ज़हरा हुमेद, क्षेत्रीय विधानसभाओं के अध्यक्षगण, राज्य मंत्री, विभागीय सचिव एवं सुरक्षा विभागों के प्रमुख शामिल थे. दिल्ली विधानसभा परिसर में इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यप्रणाली, ऐतिहासिक विरासत एवं प्रौद्योगिकी आधारित नवाचारों की जानकारी दी. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने भारत और इथियोपिया के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को रेखांकित करते हुए साझा परंपराओं जैसे समोसा और चाय का उल्लेख किया.

विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा द्वारा अपनाई गई प्रमुख पहलों की जानकारी दी, जिसमें राष्ट्रीय ई-विधान अनुप्रयोग (NEVA) के अंतर्गत पेपरलेस कार्यवाही, 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, जिसके माध्यम से दिल्ली विधानसभा देश की पहली पूर्णतः सौर ऊर्जा चालित विधानसभा बनी और डिजिटल पुस्तकालय जैसे नवाचार शामिल हैं. अध्यक्ष ने विधायक-मंत्री सहभागिता तंत्र, जनशिक्षा को बढ़ावा देने हेतु लाइट एंड साउंड शो, और आज़ादी के आंदोलन से जुड़ी प्रस्तुतियों का भी उल्लेख किया.

उन्होंने बताया कि किस प्रकार विधानसभा को एक जीवंत लोकतांत्रिक केंद्र एवं नागरिक जागरूकता के मंच में रूपांतरित किया जा रहा है. उन्होंने भवन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला यह भवन मूलतः 1909 के मॉर्ले-मिंटो सुधारों के तहत इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए निर्मित हुआ था, जहां 1914 में पहली बैठक हुई थी. यह भवन आगे चलकर केंद्रीय विधानसभा और काउंसिल ऑफ स्टेट्स की संयुक्त बैठक का स्थल भी रहा. 1966 से 1990 के बीच यह दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल का केंद्र रहा.
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संसदीय सहयोग और जन से जन संपर्क की भूमिका पर बल देते हुए कहा, “दिल्ली विधान सभा केवल एक विधायी मंच नहीं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की जीवंत धरोहर है. हमें अपने इथियोपियाई साथियों का स्वागत कर प्रसन्नता हो रही है और हम भविष्य में निरंतर सहयोग की आशा करते हैं.”

प्रतिनिधिमंडल की ओर से इथोपिया पार्लियामेंट की डिप्टी स्पीकर ज़हरा हुमेद ने भारत की जीवंत लोकतांत्रिक परंपरा, मजबूत संस्थागत ढांचे और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के बीच विकास की गति की सराहना की. उन्होंने भारत-इथियोपिया के सांस्कृतिक जुड़ाव, सड़क खाद्य संस्कृति, भारतीय सिनेमा और इथियोपिया में भारतीय शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया. साथ ही, BRICS+ की साझेदारी को मजबूती देने की बात कही. उन्होंने भारत को विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया और कहा कि इथियोपिया भी पूर्वी अफ्रीका की सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्था है. अंत में, इथियोपियाई प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विधान सभा और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस संवाद को अत्यंत प्रेरणादायक और उपयोगी बताया.
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