नई दिल्ली: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को घोषणा की कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने इतिहास में पहली बार दावों के निपटान में 5 करोड़ का आंकड़ा पार कर नई उपलब्धि हासिल की है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान ईपीएफओ ने 2,05,932.49 करोड़ रुपये के कुल 5.08 करोड़ से अधिक दावों का निपटान किया है. यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निपटाए गए 1,82,838.28 करोड़ रुपये के दावों की संख्या से 4.45 करोड़ अधिक है.
डॉ. मंडाविया ने इस बात पर जोर दिया कि यह उपलब्धि ईपीएफओ द्वारा दावा निपटान की प्रक्रियाओं में सुधार और सदस्यों की शिकायतों को कम करने के लिए शुरू किए गए परिवर्तनकारी सुधारों के जरिये से हासिल की गई है.
उन्होंने कहा, "हमने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे कि ऑटो निपटान किए जाने वाले दावों की अधिकतम सीमा और श्रेणियों को बढ़ाना, मेंबर प्रोफाइल में बदलाव को सरल बनाना, पीएफ ट्रांसफर को सुव्यवस्थित करना और केवाईसी अनुपालन अनुपात में सुधार करना. इन सुधारों ने ईपीएफओ की दक्षता को काफी हद तक बढ़ाया है."
ऑटो-क्लेम सेटलमेंट दोगुना
तेज दावा निपटान के लिए प्रमुख सुविधा में से एक ऑटो-क्लेम सेटलमेंट तंत्र रहा है, जो आवेदन की तारीख से तीन दिनों के भीतर दावों का निपटान सुनिश्चित करता है. डॉ. मंडाविया ने कहा कि यह सुधार पहले से ही अच्छा परिणाम दिखा रहा है क्योंकि चालू वित्त वर्ष में ऑटो-क्लेम सेटलमेंट दोगुना होकर 1.87 करोड़ क्लेम हो गया है, जबकि पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख ऑटो-क्लेम सेटलमेंट किए गए थे.
ट्रांसफर क्लेम के सबमिशन की प्रक्रिया में सुधार
पीएफ के तहत ट्रांसफर क्लेम के सबमिशन की प्रक्रिया में सुधारों ने कार्यों (workflow) को काफी हद तक सुव्यवस्थित कर दिया है. ट्रांसफर दावा आवेदन को सरल बनाने के बाद, अब सिर्फ 8 प्रतिशत ट्रांसफर दावों के लिए सदस्य (कर्मचारी) और नियोक्ता (कंपनी) के सत्यापन की जरूरत होती है. दिलचस्प बात यह है कि 48 प्रतिशत दावे नियोक्ता को शामिल किए बिना सदस्यों द्वारा सीधे सबमिट किए जाते हैं और 44 प्रतिशत ट्रांसफर अनुरोध स्वचालित रूप से बनाए जाते हैं.
डॉ. मंडाविया ने सदस्य प्रोफाइल में बदलाव से संबंधित सुधारों के बारे में बताया, "सरल प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से, लगभग 97.18 प्रतिशत मेंबर प्रोफाइल सुधारों (member profile corrections) को सदस्यों द्वारा खुद स्वीकृत किया गया है, केवल 1% के लिए नियोक्ता की स्वीकृति की जरूरत है, और (ईपीएफओ) कार्यालय के हस्तक्षेप को घटाकर केवल 0.4% कर दिया गया है. इसके अलावा, नियोक्ता द्वारा अस्वीकृति के मामले घटकर 1.11% और क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा 0.21% रह गए हैं, जो सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं के प्रभाव और दावा निपटान में प्रक्रिया संबंधी बाधाओं को कम करने को दर्शाता है."
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