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जम्मू-कश्मीर चुनाव : इंजीनियर रशीद और जमात के पूर्व सदस्यों के बीच गठबंधन, कहा- शानदार जीत लक्ष्य - Jammu Kashmir Election 2024

Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर में प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव से पहले सांसद इंजीनियर रशीद की पार्टी एआईपी और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों ने गठबंधन का ऐलान किया है. एआईपी प्रमुख इंजीनियर राशीद और गुलाम कादिर वानी के बीच बैठक में यह फैसला लिया गया. श्रीनगर से मीर फरहत की रिपोर्ट.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2024, 10:02 PM IST

Engineer Rashid, banned JeI form pre-poll alliance for Kashmir assembly elections
इंजीनियर राशिद (Facebook/Er Rashid)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर को होनी है. इससे ठीक पहले सांसद इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) ने कश्मीर घाटी में गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. एआईपी प्रमुख इंजीनियर रशीद और प्रतिबंधित संगठन के पैनल प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने रविवार को श्रीनगर में गठबंधन का ऐलान किया.

प्रतिबंधित जेईआई के पैनल प्रमुख शमीम अहमद ठोकर ने एआईपी के साथ गठबंधन की पुष्टि की. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, "हमने आज श्रीनगर में एक बैठक की, जिसमें हमने इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने का फैसला किया."

बैठक के बाद जारी एक बयान में एआईपी ने कहा कि हमारा लक्ष्य एआईपी और जेईआई उम्मीदवारों के लिए एक शानदार जीत सुनिश्चित करना है. यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास मजबूत प्रतिनिधि हों जो उनकी भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त कर सकें. यह सहयोग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए शांति, न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण की खोज में संयुक्त मोर्चा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही एआईपी
एआईपी कश्मीर घाटी में 30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी उन निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है, जो पूर्व में उसके सदस्य थे. जमात-ए-इस्लामी ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, जैनपुरा और देवसर विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहां पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होना है.

इसके अलावा जेईआई ने बीरवाह, लंगेट, बांदीपोरा, बारामुल्ला, सोपोर और राफियाबाद विधानसभा क्षेत्रों में भी उम्मीदवार खड़े किए हैं. लंगेट रशीद का गृह क्षेत्र है, जिसका प्रतिनिधित्व उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दो बार किया है. विधानसभा चुनावों में इंजीनियर रशीद ने अपने भाई शेख खुर्शीद को मैदान में उतारा है, जो सरकारी टीचर थे लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी है.

बयान में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में एआईपी और जेईआई ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां गठबंधन ने 'दोस्ताना मुकाबला' करने पर सहमति जताई है, खास तौर पर लंगेट, देवसर और जैनापोरा जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में. अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में वे संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.

बयान में कहा गया है, "दोनों दलों ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने और क्षेत्र में स्थायी व सम्मानजनक शांति को बढ़ावा देने में एकता के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से विकसित हो रहे राजनीतिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि न तो जेईआई और न ही एआईपी निष्क्रिय पर्यवेक्षक बने रह सकते हैं."

1 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर हैं इंजीनियर रशीद
इंजीनियर रशीद को 1 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. रशीद के दिल्ली की तिहाड़ जेल से छूटने के बाद एआईपी ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. रशीद दक्षिण कश्मीर की विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं, जहां पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होना है.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद 28 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. सरकार ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया और कश्मीर घाटी में इसकी संपत्तियों और कार्यालयों को सील कर दिया.

केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने की उम्मीद में, जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने संसद चुनावों में मतदान किया और कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एआईपी और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा रही है.

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले इंजीनियर रशीद, 'मैंने तिहाड़ में खूब पीड़ा झेली, बॉलीवुड डायरेक्टर को दूंगा स्क्रिप्ट'

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर को होनी है. इससे ठीक पहले सांसद इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) ने कश्मीर घाटी में गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. एआईपी प्रमुख इंजीनियर रशीद और प्रतिबंधित संगठन के पैनल प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने रविवार को श्रीनगर में गठबंधन का ऐलान किया.

प्रतिबंधित जेईआई के पैनल प्रमुख शमीम अहमद ठोकर ने एआईपी के साथ गठबंधन की पुष्टि की. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा, "हमने आज श्रीनगर में एक बैठक की, जिसमें हमने इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने का फैसला किया."

बैठक के बाद जारी एक बयान में एआईपी ने कहा कि हमारा लक्ष्य एआईपी और जेईआई उम्मीदवारों के लिए एक शानदार जीत सुनिश्चित करना है. यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास मजबूत प्रतिनिधि हों जो उनकी भावनाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त कर सकें. यह सहयोग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए शांति, न्याय और राजनीतिक सशक्तिकरण की खोज में संयुक्त मोर्चा बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही एआईपी
एआईपी कश्मीर घाटी में 30 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी उन निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है, जो पूर्व में उसके सदस्य थे. जमात-ए-इस्लामी ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, जैनपुरा और देवसर विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहां पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होना है.

इसके अलावा जेईआई ने बीरवाह, लंगेट, बांदीपोरा, बारामुल्ला, सोपोर और राफियाबाद विधानसभा क्षेत्रों में भी उम्मीदवार खड़े किए हैं. लंगेट रशीद का गृह क्षेत्र है, जिसका प्रतिनिधित्व उन्होंने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में दो बार किया है. विधानसभा चुनावों में इंजीनियर रशीद ने अपने भाई शेख खुर्शीद को मैदान में उतारा है, जो सरकारी टीचर थे लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी है.

बयान में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में एआईपी और जेईआई ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, वहां गठबंधन ने 'दोस्ताना मुकाबला' करने पर सहमति जताई है, खास तौर पर लंगेट, देवसर और जैनापोरा जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में. अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में वे संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे.

बयान में कहा गया है, "दोनों दलों ने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने और क्षेत्र में स्थायी व सम्मानजनक शांति को बढ़ावा देने में एकता के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से विकसित हो रहे राजनीतिक परिदृश्य पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि न तो जेईआई और न ही एआईपी निष्क्रिय पर्यवेक्षक बने रह सकते हैं."

1 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर हैं इंजीनियर रशीद
इंजीनियर रशीद को 1 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया है. रशीद के दिल्ली की तिहाड़ जेल से छूटने के बाद एआईपी ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है. रशीद दक्षिण कश्मीर की विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं, जहां पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होना है.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद 28 फरवरी, 2019 को केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. सरकार ने जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया और कश्मीर घाटी में इसकी संपत्तियों और कार्यालयों को सील कर दिया.

केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाए जाने की उम्मीद में, जमात-ए-इस्लामी के नेताओं ने संसद चुनावों में मतदान किया और कश्मीर में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी एआईपी और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा रही है.

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