हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को तेलंगाना के हैदराबाद में भूदान भूमि घोटाले के सिलसिले में छापेमारी की, जिसमें अवैध लेन-देन और छिपी हुई संपत्तियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है. जानकारी के मुताबिक ईडी ने बंजारा हिल्स, याकूतपुरा, रैन बाजार, मोइनाबाद और कंचनबाग के पास विराटनगर में मुख्य आरोपी मुनव्वर खान और कादिरुन्निसा के आवासों, ऑफिस और फार्म पर छापेमारी की गई.
छापेमारी के दौरान ईडी अधिकारियों ने बड़ी संख्या में संपत्ति के दस्तावेज और कैश जब्त किया. रिपोर्ट के मुताबिक मुनव्वर खान के मोइनाबाद फार्म हाउस से 45 गाड़ियां मिलीं, जिनमें ज्यादातर BMW सहित विंटेज और लग्जरी कारें थीं. अधिकारी स्वामित्व के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं और जब्ती की संभावना के संकेत दिए हैं.
भूमि हड़पने का आरोप
आरोपियों पर सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर रेवेन्यु रिकॉर्ड में हेरफेर करने और रंगा रेड्डी जिले के महेश्वरम मंडल स्थित नागरम गांव में 42 एकड़ और 33 गुंटा भूदान भूमि हड़पने का आरोप है. यह घोटाला उस समय प्रकाश में आया, जब मेहदीपट्टनम के दस्तागिरी शरीफ ने महेश्वरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. इसमें निषेधाज्ञा के तहत सूचीबद्ध भूमि के अवैध पंजीकरण का आरोप लगाया गया.
इसके बाद, मोहम्मद मुनव्वर खान, कादिरुन्निसा, महेश्वरम तहसीलदार आरपी ज्योति, बोब्बिली दामोदर रेड्डी, बोब्बिली विश्वनाथ रेड्डी, एन संतोष कुमार और कोंडापल्ली श्रीधर रेड्डी सहित अन्य के खिलाफ मामले दर्ज किए गए. फंड डायवर्जन के सबूत मिलने के बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एक अलग मामला भी दर्ज किया है.
पूर्व कलेक्टर अमॉय कुमार से पूछताछ
चल रही जांच के दौरान ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में रंगा रेड्डी जिले के पूर्व कलेक्टर अमॉय कुमार से पूछताछ की थी. हालांकि कुमार को आरोपी के तौर पर नामित नहीं किया गया है, लेकिन जब धरनी पोर्टल के जरिए विवादास्पद भूमि हस्तांतरण को अंजाम दिया गया था, तब वह कलेक्टर थे.
ईडी घोटाले में शामिल अधिकारियों और अन्य लोगों की भूमिका की जांच जारी रखे हुए है. जांच के गहराने के साथ ही और जब्ती और संभावित गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है.