ECI ने बनाया 'चक्रव्यूह'! बिहार असेंबली चुनाव में साढ़े 8 लाख चुनाव अधिकारियों की करेगा तैनाती
चुनाव आयोग ने बिहार में दो चरणों के चुनावों को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव अधिकारी तैनात किए.

Published : October 9, 2025 at 5:34 PM IST
नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को कहा कि उसने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए लगभग 8.5 लाख अधिकारियों को तैनात किया है.
चुनाव आयोग ने कहा, "बिहार में विभिन्न चरणों के चुनावों को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए लगभग 8.5 लाख चुनाव अधिकारियों को तैनात किया गया है.
तैनात किए गए कर्मियों में लगभग 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस अधिकारी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी, मतगणना के लिए 4,840 माइक्रो-ऑब्जर्वर और 90,712 आंगनवाड़ी सेविकाएं भी तैनात की जा सकती हैं."
90,712 बीएलओ और 243 ईआरओ सहित चुनाव मशीनरी मतदाताओं के लिए फोन कॉल पर और ईसीआईनेट ऐप पर बुक-अ-कॉल टू बीएलओ सुविधा के माध्यम से उपलब्ध है. कॉल सेंटर नंबर +91 (एसटीडी कोड) 1950 पर जिला निर्वाचन अधिकारी/क्षेत्रीय निर्वाचन अधिकारी स्तर पर कोई भी शिकायत/प्रश्न दर्ज किया जा सकता है.
चुनाव आयोग ने कहा कि तैनात सभी कर्मियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 28ए के प्रावधानों के अनुसार चुनाव आयोग में प्रतिनियुक्ति पर माना जाएगा.
"पहली बार, बिहार के 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक सामान्य पर्यवेक्षक को आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करने के लिए तैनात किया गया है. आयोग ने कहा कि इसके अलावा, 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं."
चुनाव आयोग ने कहा कि पर्यवेक्षक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात रहेंगे और राजनीतिक दलों/उम्मीदवारों से उनकी चिंताओं का समाधान करने के लिए नियमित रूप से मिलेंगे.
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे। मतगणना 14 नवंबर को होगी.
2020 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा और जदयू के नेतृत्व वाले एनडीए ने 125 सीटें जीतीं, जबकि राजद और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 110 सीटें और अन्य ने आठ सीटें जीतीं. राजद 75 विधानसभा सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा ने 74 और जदयू ने 43 सीटें जीतीं.
बता दें कि बिहार में 25 जून एसआईआर की शुरुआत होते ही घमासान मचा था. ECI ने 30 सितंबर को बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट जारी की. SIR अभियान से पहले 7.89 करोड़ वोटर्स थे. ये संख्या अब घटकर 7.42 करोड़ हो गई. 47 लाख वोटर की कमी हुई. ड्राफ्ट लिस्ट (1 अगस्त) में 65 लाख नाम (मौत, माइग्रेशन, डुप्लीकेट आदि कारणों से हटाए गए थे.
उसके बाद 21.53 लाख नए नाम जोड़े गए. फाइनल में 3.66 लाख और हटे. इससे नेट बढ़ोतरी 17.87 लाख हुई.
ये भी पढ़ें - बिहार चुनाव 2025: NDA में फंसा पेंच, चिराग और मांझी ने बढ़ाई BJP की मुश्किलें !

