चेन्नई: लोकसभा सांसद और मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) नेता वाइको के बेटे दुरई वाइको ने पार्टी के प्रधान सचिव पद से अपने इस्तीफे की घोषणा की है. एक बयान में दुरई वाइको ने कहा, "हमारे आंदोलन के संस्थापक ने राजनीति में प्रवेश किया और जितना पाया उससे कहीं ज़्यादा खो दिया. उन्हें जो एकमात्र पहचान मिली वह तमिल अधिकारों के लिए उनकी लड़ाई के लिए 'लाइफटाइम वॉरियर' पुरस्कार था."
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पार्टी के भीतर कोई व्यक्ति मीडिया को गुप्त रूप से जानकारी दे रहा है, जिससे पार्टी और उसके नेतृत्व दोनों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा, "प्रधान सचिव के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, यह व्यक्ति इसे स्वीकार करने में असमर्थ है और पिछले चार वर्षों से लगातार पार्टी को बदनाम करने का बोझ डाल रहा है. मैं ऐसे व्यक्ति के साथ नेतृत्व की स्थिति में बने रहना नहीं चाहता."
दुरई वाइको ने कहा कि वे 20 अप्रैल को प्रशासनिक समिति की बैठक में भाग लेंगे. लेकिन, उसके बाद पार्टी मुख्यालय की किसी भी प्रमुख बैठक में भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, "मैंने यह निर्णय केवल इसलिए लिया है ताकि आंदोलन या इसके संस्थापक को जरा भी नुकसान न पहुंचे." उन्होंने तिरुचि निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई जिन्होंने उन्हें संसद के लिए चुना और उन्हें सांसद के रूप में अपनी समर्पित सेवा का आश्वासन दिया.
दुरई वाइको ने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रति एक दृढ़ साथी बने रहने का भी वादा किया. अपने बयान में उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे पिछले सात वर्षों में मेरे द्वारा उठाए गए कदमों को आगे बढ़ाएं और हमारे नेता के साथ खड़े रहें तथा उनकी भावनाओं को कमजोर पड़ने न दें."
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