बुलढाणा: शरीर का हर अंग महत्वपूर्ण होता है और आंखें सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन अक्सर हम अपनी आंखों की देखभाल में लापरवाही बरतते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला की जान पर बन आई. इस घटना से डॉक्टर भी हैरान हैं.
दरअसल, महाराष्ट्र के बुलढाणा की एक महिला मरीज ज्योति गायकवाड़ की आंखों से 60 जीवित लार्वा निकलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चिखली. स्वप्निल मोरवाल ने इस महिला की आंख से 60 जीवित कीड़े निकाले हैं और इस महिला की आंख को खराब होने से बचाया है. डॉक्टर को इन लार्वा को हटाने में लगभग दो घंटे लग गए और उन्हें एक-एक करके प्रत्येक लार्वा को सावधानीपूर्वक निकालना पड़ा. मोरवाल अस्पताल के डॉक्टरों ने यह सर्जरी की.
डॉक्टर भी हो गए हैरान
पांच-छह घंटे बाद ज्योति गायकवाड़ के परिजन उन्हें इलाज के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास ले गए. डॉक्टर ने जांच की तो चौंकाने वाली बात सामने आई. महिला की आंखों में 60 से ज्यादा जीवित लार्वा पाए गए, डॉक्टरों की भी आंखें चकरा गईं. डॉक्टर ने तुरंत महिला का इलाज किया और आंख से सारा लार्वा निकाल दिया. डॉक्टर ने कहा, अगर इन लार्वा को नहीं हटाया गया, तो उसकी दृष्टि खोने का डर था.
वास्तव में क्या हुआ?
जब ज्योति गायकवाड़ अपने खेतों में काम कर रही थीं, उस वक्त कुछ घास और की मिट्टी उड़कर उनकी आंखों में चली आई थी. जिसके बाद ज्योति ने अपनी आंख को हाथ से रगड़ा और दर्द को नजरअंदाज कर खेत में काम करती रही. ज्योति काम खत्म करके घर लौट आई. चूँकि घर आने के बाद भी उनकी आंखों का दर्द कम नहीं हुआ, जिसके बाद महिला ने उन्होंने घरेलू उपचार के रूप में अपनी आंखों को पानी से धोया, लेकिन उसकी आंखों में हो रही जलन अभी भी ठीक नहीं हुआ. जिसके बाद महिला नें घर पर मौजूद एक आई ड्रॉप का उपयोग किया. इसमें लगभग पांच घंटे लग गये.
पांच से छह घंटे बाद आंख में संक्रमण और ज्यादा बढ़ गया. जब कोई भी उपचार काम नहीं आया, तब हारकर परिजन उसे डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने तुरंत आंख की जांच की और एंटीसेप्टिक लगाया और जब दूरबीन से आंख देखी तो डॉक्टर भी हैरान रह गए. क्योंकि आंखों में जिंदा लार्वा घूम रहा था.
इस मामले को देखते हुए स्वप्नील मोरवाल,नेत्रतज्ञ ने कहा कि यदि ज्योति गायकवाड़ ने कुछ और देर कर दी होती, तो लार्वा आंख से और संभवतः मस्तिष्क तक भी पहुंच सकता था. इसलिए आंखों की समस्याओं के लिए घरेलू उपचारों पर निर्भर न रहें. अन्यथा दृष्टि हमेशा के लिए जा सकती है.
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