भागलपुर: बिहार के पूर्वी क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक बार फिर से लापरवाही सामने आई है. यहां एक डॉक्टर ने ईंट के सहारे इलाज कर सभी को चौंका दिया है. अब यह तस्वीर बिहार स्वास्थ्य विभाग के लिए गले की हड्डी बन गई है.
महिला के पैर में बांधी ईंट: महिला मरीज की बेटी ने बताया कि वह भागलपुर पीरपैंती की रहने वाली है. ठेकिया देवी सड़क हादसे में घायल हो गयी थी. पिछले एक महीने से मायागंज अस्पताल में भर्ती है, लेकिन आज तक उसका ऑपरेशन नहीं हुआ. हद तो तब हो गई जब डॉक्टर ने पैर में वेट लगाने की बजाय कहा कि 'ईंट बांध दीजिए.'
''जब मां को अस्पताल लेकर आए थे तो डॉक्टरों ने कहा था कि पैर को सेट करने के लिए वजन लटकाना होगा, लेकिन ऐसा कोई इंतजाम नहीं है. आप लोग बाहर से ईंट लेकर आइए. हमलोग ईंट लेकर आए जिसे पैर से रस्सी के सहारे बांधकर लटका दिया गया. ईंट लटकाने की वजह से मेरी मां का पैर सूज गया. ऐसे में ऑपरेशन के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है.'' -सुमित्रा देवी, मरीज की बेटी
12 बजे रात में कहा -'ईंट लाओ': सुमित्रा देवी ने आगे बताया कि रात के 12 बज रहे थे. इतनी रात में डॉक्टर ने ईंट लाने के लिए भेजा था. 'इतनी रात में हम लोग ईंट कहां से और कैसे ढूंढते. हालांकि इलाज भी जरूरी था इसलिए मां-बेटा अस्पताल से बाहर निकलकर दो ईंट ढूंढकर लाए.

अभी भी लटकी ईंट: बेटी ने बताया कि इसके बाद दोनों ईंट को भार के लिए पैर से बांधकर लटका दिया गया. जब मां के पैर में दर्द हुआ तो हमने ईंट निकाल दी, लेकिन एक ईंट अभी भी लटकी हुई है.

कैसे हुआ हादसा?: सुमित्रा देवी ने बताया कि मां एक महीने पहले ई-रिक्शा में बैठकर बाजार जा रही थी. इसी दौरान ई-रिक्शा से गिर गई जिससे उनका हाथ और पैर की हड्डी टूट गयी. कहा कि जब मां को लेकर मायागंज अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने कहा कि ऑपरेशन जरूरी है. एक महीने से केवल दवा और सुई दी जा रही है.

'' ईंट लटकना गलत है. ऐसा नहीं होना चाहिए. ईंट की जगह, वहां वेट लटकाना चाहिए था. इस पर एक्शन लेंगे. शो-कॉज नोटिस दिया गया है, यह गलत है." - डॉक्टर हेमशंकर शर्मा, अस्पताल अधीक्षक

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