डीएमके-विसीके गठबंधन में दरार, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्रन बोले– करूर हादसे के लिए सेंटिल बालाजी जिम्मेदार
बीजेपी अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने डीएमके-विसीके गठबंधन में दरार की बात कही और करूर हादसे में सेंटिल बालाजी को जिम्मेदार ठहराया.

Published : October 12, 2025 at 4:26 PM IST
दिन्डिगुल: तमिलनाडु की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन ने दावा किया है कि डीएमके (DMK) और विसीके (VCK) के बीच गठबंधन में दरार आ चुकी है, वहीं कांग्रेस का भविष्य भी इस गठबंधन में अनिश्चित है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि करूर भगदड़ हादसे में 41 लोगों की मौत के लिए डीएमके नेता सेंथिल बालाजी जिम्मेदार हैं.
दिन्डिगुल जिले के पलानी में बीजेपी के नए पदाधिकारियों की परिचय बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन, प्रदेश संगठन सचिव केशव विनायकम, राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष वनाथी श्रीनिवासन, कृषि प्रकोष्ठ अध्यक्ष जी.के. नागराज समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत में कार्यकर्ताओं ने क्रेन से पुष्पमालाओं के साथ नागेंद्रन का भव्य स्वागत किया.
बैठक में पार्टी के विभिन्न मोर्चों के कार्यों, भविष्य की रणनीतियों, चुनावी गतिविधियों और जनता से जुड़ने के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस मौके पर नैनार नागेंद्रन ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) 20 अप्रैल 2026 के बाद तमिलनाडु में सत्ता में आएगा. गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला 10 जनवरी के बाद लिया जाएगा.”
उन्होंने आगे कहा, “डीएमके ने सत्ता में आने के चार साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन राज्य के लिए कोई ठोस काम नहीं किया. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अपने बेटे को उपमुख्यमंत्री बना दिया है. सरकार बदलने के बाद उन्हें हर बात का जवाब देना होगा.”
नागेंद्रन ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मुख्यमंत्री कल्लकुरिची में शराब से हुई मौतों पर 10 लाख रुपये मुआवजा दे रहे हैं, जबकि सामान्य मौतों पर केवल 2 लाख रुपये ही दिए जाते हैं. करूर हादसे में 41 लोगों की जान गई, इसका जिम्मेदार कौन है? देश जानता है कि इसके पीछे करूरसेंथिल बालाजी हैं.”
गौरतलब है कि 27 सितंबर को टीवीके नेता विजय के करूर में आयोजित जनसभा के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद तमिलनाडु की राजनीति में चर्चाएँ तेज हैं कि विजय पर डीएमके का राजनीतिक दबाव बढ़ गया है और वह बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर मजबूर हो सकते हैं.
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