चेन्नई: तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी, महिलाओं के ऊपर की गयी टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं. मंत्री के बयान के बाद डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पोनमुडी को उनको पार्टी के उप महासचिव पद से हटा दिया था. बीजेपी भी उनके बयान को लेकर निशाना साध रही थी. यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है. चारों ओर से घिरता देख मंत्री पोनमुडी ने अपने शब्दों के चयन पर खेद व्यक्त किया.
विवाद के बाद जारी एक बयान में उन्होंने कहा, "मैं थानथाई पेरियार द्रविड़ कझगम की बैठक के दौरान इस्तेमाल की गई अनुचित भाषा के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं. मुझे सार्वजनिक जीवन में ऐसी गलती करने का गहरा अफसोस है. मुझे एहसास है कि मेरे भाषण ने कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और उन्हें परेशान करने वाली स्थिति में डाल दिया है. मैं उन सभी लोगों से दिल से और बार-बार माफ़ी मांगता हूं जो आहत हुए हैं."
मंत्री के पोनमुडी के बयान की पार्टी के अंदर भी कड़ी आलोचना हुई है. थूथुकुडी से पार्टी की सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने सार्वजनिक रूप से इस टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा, "संदर्भ चाहे जो भी हो, ऐसी अभद्र भाषा अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए." कोयंबटूर दक्षिण से भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन ने भी एक तीखा बयान जारी करते हुए पोनमुडी की टिप्पणी को “चौंकाने वाला और अपमानजनक” बताया. एएमएमके नेता टी.टी.वी. दिनाकरन और अन्य राजनीतिक हस्तियों ने भी मंत्री की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया.
क्या है मामलाः तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी ने महिलाओं, खासकर सेक्स वर्कर्स के बारे में टिप्पणी की थी. उनकी यह टिप्पणी शैव और वैष्णववाद से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. इसका एक वीडियो पर भी सोशल मीडिया पर दिख रहा है. इसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही थी. मामले को बढ़ता देख पार्टी ने वन मंत्री पोनमुडी के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया था.