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"सोनिया" को सलाम : बेटी की पढ़ाई के लिए फरीदाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चला रही दिव्यांग महिला

हरियाणा के फरीदाबाद की सोनिया अपने परिवार की खातिर पुरुषों की तरह शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा चला रही है.

Divyang Female Sonia drives electric rickshaw like men in Faridabad to fulfills his Family Needs
सोनिया को सलाम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : September 22, 2025 at 8:53 PM IST

5 Min Read
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फरीदाबाद : हरियाणा के फरीदाबाद जिले के हरकेश नगर कॉलोनी की रहने वाली 37 साल की दिव्यांग सोनिया पुरुषों की तरह फरीदाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चला रही हैं.

ई-रिक्शा चला रही सोनिया : ई-रिक्शा चलाना सोनिया का कोई शौक नहीं बल्कि मजबूरी है. सोनिया के पति अनपढ़ हैं और साफ-सफाई का काम करते हैं जिससे घर का खर्चा नहीं चल पा रहा है. साथ ही वे नशे की लत के शिकार हैं. यही वजह है कि 13 वर्षीय बेटी की अच्छी शिक्षा के लिए सोनिया पुरुषों की तरह है सड़कों पर ई रिक्शा चलाती हैं. सोनिया एक पैर से दिव्यांग हैं. वे ठीक से खड़ी और चलफिर भी नहीं सकती है लेकिन इसके बावजूद भी वो निडर होकर सड़कों पर ई रिक्शा चलाती हैं और अपने घर का भरण पोषण कर रही हैं.

फरीदाबाद में ई रिक्शा चलाती सोनिया (Etv Bharat)

शादी के बाद बढ़ा घर का खर्चा : ईटीवी भारत से बातचीत में सोनिया ने बताया कि "बचपन में ही उनके पिता की मौत हो गई थी जिसके बाद वे अपनी मां के साथ दिल्ली से फरीदाबाद आ गई. इसी दौरान लगभग 15 साल पहले मेरी शादी अनिल के साथ हो गई. सब कुछ ठीक चल रहा था. इसी दौरान 13 साल पहले मैंने एक बेटी को भी जन्म दिया और धीरे-धीरे परिवार का खर्चा भी बढ़ने लगा. हालांकि मेरे पति अनपढ़ हैं, पढ़े-लिखे नहीं हैं, इसीलिए वे साफ-सफाई का काम कर रहे हैं जिससे हमारे परिवार का गुजारा नहीं हो रहा था और इसी टेंशन में मेरे पति थोड़ा नशा भी करने लगे. इसके बाद घर में लड़ाई झगड़ा भी शुरू हो गया. इसी बीच मैंने सोचा कि क्यों नहीं बेटी को अच्छी शिक्षा दी जाए और मैंने एक ई रिक्शा फाइनेंस करवा लिया."

Divyang Sonia drives e-rickshaw like men in Faridabad to fulfills his Family Needs
ई-रिक्शा में बैठी सोनिया (Etv Bharat)

दिव्यांग होने के बावजूद नहीं मिल रही पेंशन : सोनिया ने बताया कि "मैंने ई रिक्शा चलाना सीखा और अब मैं फरीदाबाद की सड़कों पर 2 सालों से ई रिक्शा चला रही हूं. मेरी एक 13 साल की बेटी है जो आठवीं क्लास में पढ़ रही है. मैं बेटी को अच्छी शिक्षा देना चाहती हूं और इसीलिए मैं खुद ई-रिक्शा चलाती हूं. फरीदाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाने के दौरान ट्रैफिक पुलिसकर्मी सपोर्ट करते हैं. हर दिन एक जैसा नहीं होता और भगवान मेरी कभी तो सुनेंगे यही मानते हुए मैं सड़कों पर ई-रिक्शा चला रही हूं. हालांकि कई बार दिक्कतें भी आती हैं और ऑटो स्टैंड वाले सवारी को लेकर लड़ने लगते हैं लेकिन मैं जितनी सवारी मिलती है, उन्हें बिठा लेती हूं. मैं दिव्यांग हूं और इसका सर्टिफिकेट भी मेरे पास है लेकिन अभी तक मुझे किसी भी प्रकार की सरकारी मदद या पेंशन नहीं मिल पा रही है. मैं सरकार और प्रशासन से अपील करती हूं कि मुझे भी दिव्यांग श्रेणी को दी जाने वाली पेंशन का लाभ दिया जाए. इससे मेरी आर्थिक मदद होगी.

Divyang Sonia drives e-rickshaw like men in Faridabad to fulfills his Family Needs
ई-रिक्शा के साथ सोनिया (Etv Bharat)

सरकार से मदद की अपील : सोनिया की ई-रिक्शा में बैठे धर्मेंद्र वर्मा ने बताया कि "अच्छा लगता है देखकर जब महिलाएं भी पुरुषों के मुकाबले काम करती हैं और दिव्यांग होने के बावजूद भी सोनिया अपने घर को चलाने के लिए ई-रिक्शा चला रही है जो दूसरों के लिए मिसाल से कम नहीं है. मैं सरकार से आग्रह करते हुए कहूंगा कि इनकी जो भी मदद हो सके, वो करनी चाहिए.

मेहनत करने में कोई बुराई नहीं : वहीं सोनिया की ई-रिक्शा में बैठी महिला सवारी सुमन ने बताया कि अच्छी बात है कि एक महिला भी पुरुष के मुकाबले काम कर रही हैं और मुझे देखकर खुशी हुई कि ये दिव्यांग होते हुए भी ई-रिक्शा चला रही हैं. मेहनत करने में कोई बुराई नहीं है. ऐसे में उनके साथ बैठकर सफर करने में और भी सेफ महसूस कर रही हूं.

रोजाना करीब 500 रुपए की कमाई : आपको बता दें सोनिया 4 घंटे सुबह तो शाम को 5 से 6 घंटे तक ई-रिक्शा रोज चलाती हैं जिससे वो रोज का 500 रुपए तक कमा लेती हैं. उनकी कोशिश हैं कि वे अपनी बेटी को इन पैसों के जरिए अच्छी शिक्षा दे सकें. यहां उम्मीद की जानी चाहिए कि इस ख़बर के बाद सोनिया की मदद के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि और सरकारी नुमाइंदे सामने आएंगे और सोनिया के सपने को पूरा करने में मदद करेंगे.

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