नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्ट द्वारा पारित उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें सीबीआई को आय से अधिक संपत्ति के मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के प्रधान सचिव के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.
मामले की सुनवाई जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ कर रही थी. केएम अब्राहम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने पीठ के समक्ष बुधवार को जोरदार दलील दी कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कानून की धारा 17ए के तहत FIR अनिवार्य मंजूरी के बिना दर्ज नहीं की जा सकती.
रिटायर आईएएस अधिकारी हैं अब्राहम
उन्होंने कहा कि अब्राहम एक रिटायर आईएएस अधिकारी हैं और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव हैं. पीठ ने मुख्य प्रधान सचिव द्वारा दायर अपील पर सीबीआई, केरल सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करने का फैसला किया.
हाई कोर्ट ने क्या कहा था
बता दें कि 11 अप्रैल को केरल हाई कोर्ट ने एक्टिविस्ट जोमन पुथेनपुरकल की याचिका पर सीएम के मुख्य सचिव अब्राहम के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था.हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, अन्य मटेरियल और अब्राहम के बचाव का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने पर प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि उनके पास आय के ज्ञात सोर्स से अधिक चल और अचल संपत्ति है.
VACB की जांच संदिग्ध
हाई कोर्ट ने कहा था कि मामले में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) द्वारा की गई जांच जनता में विश्वास पैदा नहीं करेगी. हाई कोर्ट ने कहा एसीबी द्वारा की गई जांच की विश्वसनीयता संदिग्ध है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने तिरुवनंतपुरम में जांच आयुक्त-सह-विशेष न्यायाधीश के 2017 के आदेश को खारिज कर दिया, जिसने अब्राहम के खिलाफ याचिकाकर्ता की शिकायत को खारिज किया था.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अब्राहम ने सेवा के दौरान मुंबई में 3 करोड़ रुपये का एक अपार्टमेंट, तिरुवनंतपुरम के थाइकौड में 1 करोड़ रुपये का एक और अपार्टमेंट खरीदा और कोल्लम जिले के कडप्पाक्कडा में 8 करोड़ रुपये की कीमत का तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनवाया. इन आरोपों का अब्राहम ने खंडन किया था.
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