नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले के आरोपी और लालू यादव के करीबी अमित कात्याल को खराब स्वास्थ्य के आधार पर नियमित जमानत दे दी. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कात्याल को दस लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी का स्वास्थ्य बीमार और कमजोर की श्रेणी में आता है, ऐसे में मनी लॉड्रिंग कानून की धारा 45 के तहत उसे दोहरे टेस्ट को संतुष्ट करना जरूरी नहीं है.
हाईकोर्ट ने विजय नायर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत का जिक्र करते हुए कहा कि मनी लॉड्रिंग कानून की धारा 45 का उपयोग मौलिक अधिकारों के आड़े नहीं आता है. आरोपी के कानून से बचकर भागने की कोई संभावना नहीं है, क्योंकि वो हमेशा ही जांच में सहयोग करता रहा है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और जितने साक्ष्य हैं वो दस्तावेजी हैं, जिनसे छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है.
ट्रायल कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिकाः 22 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमित कात्याल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इस मामले में 9 जनवरी को ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है. ईडी ने अमित कात्याल को 11 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया था. लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है.
यह भी पढ़ेंः Land For Jobs Scam : लालू के करीबी अमित कात्याल गिरफ्तार, लैंड फॉर जॉब स्कैम में ED की बड़ी कार्रवाई
ईडी के मुताबिक, कात्याल एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का डायरेक्टर था. इस कंपनी के जरिए कात्याल ने रेलवे के ग्रूप डी के विभिन्न अभ्यर्थियों से काफी कम रेट में जमीन लिया. इन भूखंडों को बाद में लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के नाम कर दिया गया. लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को गिरफ्तार किया था. भोला यादव 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है.