दिल्ली: विख्यात कोचिंग टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा की राजनीतिक पारी की शुरूआत धमाकेदार होती नहीं दिख रही है. अवध ओझा पटपड़गंज सीट से चुनाव हार गये हैं. बीजेपी उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी ने उन्हें पराजित कर दिया. रविन्द्र नेगी पिछले चुनाव में भी बहुत कम वोट से हारे थे.
अवध ओझा ने हार स्वीकार की: पटपड़गंज सीट से आप उम्मीदवार अवध ओझा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "यह मेरी व्यक्तिगत हार है. मैं लोगों से जुड़ नहीं सका. मैं लोगों से मिलूंगा और अगला चुनाव यहीं से लड़ूंगा।"
#WATCH | AAP candidate from Patparganj seat Avadh Ojha concedes his defeat, says, " it's my personal defeat. i couldn't connect to people... i'll meet the people and will contest the next election from here." pic.twitter.com/6UbhMljzPS
— ANI (@ANI) February 8, 2025
कौन हैं अवध ओझा ?: सिविल सेवा सर्विस की तैयारी कराने वाले देश के जान माने शिक्षकों में अवध ओझा शामिल है. अवध ओझा इतिहास विषय की तैयारी कराते हैं. इनके पढ़ाने का ढंग अनोखा है. इनके बैच में हजारों छात्र रहते हैं. इनके इंटरव्यू के व्यू सोशल मीडिया में लाखों में आते हैं. युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं.
अवध ओझा की राजनीतिक पारी: आम आदमी पार्टी के हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों में से एक अवध ओझा को आप ने पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ाया. पटपड़गंज से मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन इस बार पार्टी ने उनका चुनाव क्षेत्र बदल दिया और अवध ओझा को उम्मीदवार बनाया. पार्टी को यह भरोसा था कि अवध ओझा बड़ी संख्या में युवाओं का वोट आकर्षित करेंगे. लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा. अवध ओझा की चुनावी नैया डगमगा गयी और चुनाव हार गये. बीजेपी उम्मीदवार रवीन्द्र नेगी चुनाव जीत गये हैं.
रणनीति हुई फेल: राजनीतिक जानकारों के मुताबिक पटपड़गंज अवध ओझा के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती थी. आप को इस बात का भरोसा था कि अवध ओझा की बेहतर शिक्षक वाली इमेज उसे सिर्फ पटपड़गंज में ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्र में भी मददगार साबित होगी. इस सीट को दिल्ली में शिक्षा क्रांति का दिल के तौर पर देखा जाता था. इसलिए देश के जाने माने कोचिंग शिक्षक को आप ने यहां चुनाव लड़ाने की रणनीति बनायी लेकिन वह सफल होती नहीं दिख रही.