नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. बताया जा रहा है कि इस दौरान रक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. हालांकि आधिकारिक रूप से बातचीत को लेकर ब्यौरा सामने नहीं आया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर पीएम मोदी के साथ बैठक की. यह बैठक ऐसे समय में हुई जब एक दिन पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए लिए गए प्रमुख निर्णयों के बारे में जानकारी दी.
#WATCH | Delhi: Defence Minister Rajnath Singh leaves from 7 Lok Kalyan Marg, Prime Minister Narendra Modi's residence. pic.twitter.com/lCINxlD82x
— ANI (@ANI) April 28, 2025
पीएम मोदी के साथ आज की बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर संसद परिसर में आयोजित सर्वदलीय बैठक के तीन दिन बाद हुई. सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री ने की थी. 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 लोगों की बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक समेत बांकी पर्यटक थे. यह घटना दोपहर करीब 2 बजे बैसरन घास के मैदान में हुई. यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद से इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक था. इसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शहीद हो गए थे.
घटना के बाद 23 अप्रैल से ही एनआईए की टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं. सबूतों की तलाश तेज कर दी है. इसके अलावा भारतीय सेना भी हाई अलर्ट पर है. पहलगाम में हुए हमले के बाद आतंकवादियों को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया है.
23 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने हमले के संबंध में कदम उठाने के लिए बैठक की. इसमें इसकी कड़े शब्दों में निंदा की गई तथा पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की गई. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई.
सीसीएस को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को उजागर किया गया. यह ध्यान दिलाया गया कि यह हमला केंद्र शासित प्रदेश में सफलतापूर्वक चुनाव होने और आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ.
इसके बाद से भारत ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का फैसला किया. संबंधित उच्चायोगों में इन पदों को निरस्त माना गया. दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाने का फैसला किया गया.