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Explainer: केजरीवाल ने शुरू किया था DBSE बोर्ड, रेखा सरकार ने कहा- इसकी जरूरत नहीं; क्या बंद होगा यह शिक्षा बोर्ड - DBSE BOARD MAY BE CLOSED

सीबीएसई बोर्ड में नामांकित किए जाएंगे एसओएसई के नौवीं के छात्र. जल्द ही सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत चलाए जाएंगे एसओएसई स्कूल, पढ़िए ऐसा क्यों?

दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को बंद करने की तैयारी
दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को बंद करने की तैयारी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : June 11, 2025 at 9:04 AM IST

Updated : June 11, 2025 at 9:13 AM IST

7 Min Read

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय जल्द ही आप सरकार द्वारा स्थापित दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) को बंद कर सकता है.शिक्षा निदेशालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि डीबीएसई से संबद्ध 56 एसओएसई (स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस) स्कूलों का संचालन सीबीएसई को सौंपने की तैयारी चल रही है.आइए इसके बारे में हर पहलू को समझते हैं...

छात्रों का सीबीएसई बोर्ड के तहत दाखिला होगा
सूत्रों ने बताया कि एसओएसई स्कूल में नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा जल्द ही आयोजित की जाएगी और चयनित छात्रों का सीबीएसई बोर्ड के तहत दाखिला होगा. निदेशालय जल्द ही दाखिला प्रक्रिया के लिए आयोजित परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा करने जा रहा है. शिक्षा उपनिदेशक ने अपने एक आदेश में इसका जिक्र भी किया है, जिसमें वर्ष 2025-26 में नौवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों का दसवीं कक्षा का बोर्ड पंजीकरण सीबीएसई में कराया जाएगा.

रेखा गुप्ता ने कहा था कि नियमों के खिलाफ बना डीबीएसई
रेखा गुप्ता ने कहा था कि नियमों के खिलाफ बना डीबीएसई (ETV Bharat)

रेखा सरकार का कहना -'CBSE है तो दूसरे बोर्ड की जरूरत नहीं'
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह बयान दिया था कि केजरीवाल सरकार ने नियमों के विरुद्ध दिल्ली का एजुकेशन बोर्ड बनाया. इस बोर्ड के द्वारा पढ़ने वाले बच्चों के सर्टिफिकेट विदेशों में मान्य नहीं होंगे. दिल्ली की मौजूदा सरकार का कहना है कि जब दिल्ली में पहले से एक सीबीएसई बोर्ड है तो दूसरा बोर्ड बनाने की जरूरत नहीं है. दिल्ली के स्कूल पहले से ही सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हैं.

ऐसे हुई नए बोर्ड की शुरुआत
दिल्ली की पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार ने वर्ष 2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया था. इसके बाद दिल्ली में पहले से संचालित प्रतिभा विकास विद्यालय को डॉक्टर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के नाम से बदलकर 31 स्कूलों को इस बोर्ड से एफिलेटेड किया गया. इसके साथ ही 11 स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग को भी इस बोर्ड से संबद्ध किया गया था. साथ ही, अन्य स्कूलों को भी धीरे-धीरे दिल्ली के अपने एजुकेशन बोर्ड से जोड़ने की बात कही गई थी और धीरे-धीरे यह प्रक्रिया शुरू हो रही थी.

क्या कहते हैं शिक्षा के जानकार?
सभी स्कूलों को इस साल दिए गए हैं सीबीएसई बोर्ड के करिकुलम में ही दाखिला देने के निर्देश एक निजी स्कूलों की प्रधानाचार्य ने बताया कि दिल्ली के दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से संबद्ध सभी सरकारी स्कूलों को दिल्ली सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां इस साल दाखिला सीबीएसई बोर्ड के करिकुलम के अनुसार ही लें. साथ ही दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के कार्यक्रम के हिसाब से जहां पर 10वीं और 12वीं के जो बैच चल रहे हैं वह इस बोर्ड के तहत अंतिम मैच होंगे. अगले साल दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. सभी सरकारी स्कूलों को पहले की तरह ही सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत ही चलाया जाएगा.

क्या हैं किसी भी राज्य में एजुकेशन बोर्ड शुरू करने के नियम
जानकारों के अनुसार, किसी भी राज्य में एजुकेशन बोर्ड शुरू करने के लिए उसे तीन जगह से मान्यता मिलना अनिवार्य है. इसमें पहली शर्त है कि बोर्ड गठन करने का फैसला दिल्ली सरकार की कैबिनेट से पास होना चाहिए. दूसरी शर्त है कि नए बोर्ड को राष्ट्रीय और अन्य राज्यों के बोर्ड के साथ इक्विवलेंस अर्थात् समानता सर्टिफिकेट केंद्र सरकार से मिलना चाहिए. तीसरी शर्त काउंसल ऑफ़ बोर्ड्स ऑफ़ स्कूल एजुकेशन (सीओबीएसई) की सदस्यता मिलना जरूरी है. ये देश के सभी मान्यता प्राप्त बोर्ड्स का समूह हैं. यह समूह सभी बोर्ड्स की विश्वसनीयता और मान्यता के स्टेटस का आंकलन करता है.

2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया गया था.
2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया गया था. (ETV Bharat)

कब और किस तरह हुआ दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) का गठन
केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने 6 मार्च 2021 को डीबीएसई के गठन की मंज़ूरी दी थी. 16 मार्च 2021 को डीबीएसई का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार ऑफ़ सोसाइटी ने किया. 18 मार्च 2021 को गजट नोटिफ़िकेशन के ज़रिए डीबीएसई को दिल्ली सरकार ने नोटिफाई कर दिल्ली राजपत्र में दर्ज किया. डीबीएसई को सीओबीएसई ने 6 अगस्त 2021 को अपने समूह का सदस्य बनाया और अपनी वेबसाइट पर 21वें नंबर पर दर्ज किया. एआईयू ने 28 जुलाई 2021 को दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन को सीबीएसई और देश के अन्य रिकॉग्नाइज्ड बोर्ड के साथ बराबरी का दर्जा दिया.

इतना ही नहीं, 3 जनवरी 2024 को सीबीएसई ने डीबीएसई को अपने सभी रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया. जिन बोर्ड्स को भारत सरकार की सक्षम एजेंसीज मान्यता देती हैं, उन बोर्ड्स के सर्टिफिकेट विदेशी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए भी मान्य होते हैं.

सीबीएसई बोर्ड में नामांकित किए जाएंगे एसओएसई के नौवीं के छात्र
सीबीएसई बोर्ड में नामांकित किए जाएंगे एसओएसई के नौवीं के छात्र (ETV Bharat)

नियमों का पालन हुआ, सभी दस्तावेज मौजूदः AAP
दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन को भारत सरकार मान्यता प्राप्त बोर्ड्स की सूची में 15 वें नंबर पर दर्ज़ करती है. इसे मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन, भारत सरकार की वेबसाइट dsel.education.gov.in/sites/default/… पर देखा जा सकता है. इस तरह आप का कहना है सभी नियमों का पालन करते हुए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड शुरू किया था. इसके सभी दस्तावेज भी मौजूद हैं. अब मुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक कारणों से इस बोर्ड को बंद कर रही हैं और झूठ बोलकर बहाना यह बना रही हैं कि इस बोर्ड के सर्टिफिकेट विदेशों में मान्य नहीं होंगे. यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

आप का कहना है कि मैडम सच बोलकर भी आप बोर्ड को बंद कर सकती हैं, बच्चे आपके सच की इज़्ज़त करेंगे. साथ ही दिल्ली में दो बोर्ड की बात करें तो अन्य राज्यों में पहले से ही तीन-तीन और चार चार बोर्ड चल रहे हैं. इसलिए यह बात भी गलत है कि दिल्ली में दो एजुकेशन बोर्ड नहीं हो सकते.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने भी बंद किए जाने की बात से इनकार नहीं किया है.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने भी बंद किए जाने की बात से इनकार नहीं किया है. (ETV Bharat)

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बोर्ड को खत्म करने के सवाल पर साधी चुप्पी दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने ईटीवी भारत संवाददाता के दिल्ली के एजुकेशन बोर्ड को बंद करने के सवाल पर चुप्पी साध ली. उन्होंने इस सवाल का प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद व्यक्तिगत रूप से ईटीवी संवाददाता को यह बताया कि हां हमने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को खत्म कर दिया है.

दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई)
दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) (ETV Bharat)

सर्टिफिकेट की वैधता क्या होगी?
अब सवाल यह उठता है कि अगर DBSE बोर्ड के छात्रों का नामांकन CBSE बोर्ड में हो जाएगा तो DBSE से अब तक 10वीं पास करने वाले छात्रों को मिले पास सर्टिफिकेट की वैधता क्या होगी? चूंकि छात्रों का 10वीं पास सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य है। आज से कुछ साल बाद ये बच्चे किसे बताते फिरेंगे कि दिल्ली में तीन साल तक DBSE नाम का बोर्ड खुला था. सीबीएसई के अधिकारियों से जब डीबीएसई के नौवीं कक्षा के छात्रों को इसी सत्र से सीबीएसई में दाखिला देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर सरकार अनुरोध करती है कि हम डीबीएसई बोर्ड चलाने में असमर्थ हैं और डीबीएसई के छात्रों को सीबीएसई में दाखिला देना चाहते हैं तो उनके अनुरोध पर जरूर कार्रवाई की जाएगी.

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छात्रों का सीबीएसई बोर्ड के तहत दाखिला होगा
सूत्रों ने बताया कि एसओएसई स्कूल में नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा जल्द ही आयोजित की जाएगी और चयनित छात्रों का सीबीएसई बोर्ड के तहत दाखिला होगा. निदेशालय जल्द ही दाखिला प्रक्रिया के लिए आयोजित परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा करने जा रहा है. शिक्षा उपनिदेशक ने अपने एक आदेश में इसका जिक्र भी किया है, जिसमें वर्ष 2025-26 में नौवीं कक्षा में दाखिला लेने वाले छात्रों का दसवीं कक्षा का बोर्ड पंजीकरण सीबीएसई में कराया जाएगा.

रेखा गुप्ता ने कहा था कि नियमों के खिलाफ बना डीबीएसई
रेखा गुप्ता ने कहा था कि नियमों के खिलाफ बना डीबीएसई (ETV Bharat)

रेखा सरकार का कहना -'CBSE है तो दूसरे बोर्ड की जरूरत नहीं'
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह बयान दिया था कि केजरीवाल सरकार ने नियमों के विरुद्ध दिल्ली का एजुकेशन बोर्ड बनाया. इस बोर्ड के द्वारा पढ़ने वाले बच्चों के सर्टिफिकेट विदेशों में मान्य नहीं होंगे. दिल्ली की मौजूदा सरकार का कहना है कि जब दिल्ली में पहले से एक सीबीएसई बोर्ड है तो दूसरा बोर्ड बनाने की जरूरत नहीं है. दिल्ली के स्कूल पहले से ही सीबीएसई बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त हैं.

ऐसे हुई नए बोर्ड की शुरुआत
दिल्ली की पिछली अरविंद केजरीवाल सरकार ने वर्ष 2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया था. इसके बाद दिल्ली में पहले से संचालित प्रतिभा विकास विद्यालय को डॉक्टर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के नाम से बदलकर 31 स्कूलों को इस बोर्ड से एफिलेटेड किया गया. इसके साथ ही 11 स्कूल ऑफ एप्लाइड लर्निंग को भी इस बोर्ड से संबद्ध किया गया था. साथ ही, अन्य स्कूलों को भी धीरे-धीरे दिल्ली के अपने एजुकेशन बोर्ड से जोड़ने की बात कही गई थी और धीरे-धीरे यह प्रक्रिया शुरू हो रही थी.

क्या कहते हैं शिक्षा के जानकार?
सभी स्कूलों को इस साल दिए गए हैं सीबीएसई बोर्ड के करिकुलम में ही दाखिला देने के निर्देश एक निजी स्कूलों की प्रधानाचार्य ने बताया कि दिल्ली के दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से संबद्ध सभी सरकारी स्कूलों को दिल्ली सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने यहां इस साल दाखिला सीबीएसई बोर्ड के करिकुलम के अनुसार ही लें. साथ ही दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन के कार्यक्रम के हिसाब से जहां पर 10वीं और 12वीं के जो बैच चल रहे हैं वह इस बोर्ड के तहत अंतिम मैच होंगे. अगले साल दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा. सभी सरकारी स्कूलों को पहले की तरह ही सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत ही चलाया जाएगा.

क्या हैं किसी भी राज्य में एजुकेशन बोर्ड शुरू करने के नियम
जानकारों के अनुसार, किसी भी राज्य में एजुकेशन बोर्ड शुरू करने के लिए उसे तीन जगह से मान्यता मिलना अनिवार्य है. इसमें पहली शर्त है कि बोर्ड गठन करने का फैसला दिल्ली सरकार की कैबिनेट से पास होना चाहिए. दूसरी शर्त है कि नए बोर्ड को राष्ट्रीय और अन्य राज्यों के बोर्ड के साथ इक्विवलेंस अर्थात् समानता सर्टिफिकेट केंद्र सरकार से मिलना चाहिए. तीसरी शर्त काउंसल ऑफ़ बोर्ड्स ऑफ़ स्कूल एजुकेशन (सीओबीएसई) की सदस्यता मिलना जरूरी है. ये देश के सभी मान्यता प्राप्त बोर्ड्स का समूह हैं. यह समूह सभी बोर्ड्स की विश्वसनीयता और मान्यता के स्टेटस का आंकलन करता है.

2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया गया था.
2021 में दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन का गठन किया गया था. (ETV Bharat)

कब और किस तरह हुआ दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) का गठन
केजरीवाल सरकार की कैबिनेट ने 6 मार्च 2021 को डीबीएसई के गठन की मंज़ूरी दी थी. 16 मार्च 2021 को डीबीएसई का रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रार ऑफ़ सोसाइटी ने किया. 18 मार्च 2021 को गजट नोटिफ़िकेशन के ज़रिए डीबीएसई को दिल्ली सरकार ने नोटिफाई कर दिल्ली राजपत्र में दर्ज किया. डीबीएसई को सीओबीएसई ने 6 अगस्त 2021 को अपने समूह का सदस्य बनाया और अपनी वेबसाइट पर 21वें नंबर पर दर्ज किया. एआईयू ने 28 जुलाई 2021 को दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन को सीबीएसई और देश के अन्य रिकॉग्नाइज्ड बोर्ड के साथ बराबरी का दर्जा दिया.

इतना ही नहीं, 3 जनवरी 2024 को सीबीएसई ने डीबीएसई को अपने सभी रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया. जिन बोर्ड्स को भारत सरकार की सक्षम एजेंसीज मान्यता देती हैं, उन बोर्ड्स के सर्टिफिकेट विदेशी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए भी मान्य होते हैं.

सीबीएसई बोर्ड में नामांकित किए जाएंगे एसओएसई के नौवीं के छात्र
सीबीएसई बोर्ड में नामांकित किए जाएंगे एसओएसई के नौवीं के छात्र (ETV Bharat)

नियमों का पालन हुआ, सभी दस्तावेज मौजूदः AAP
दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन को भारत सरकार मान्यता प्राप्त बोर्ड्स की सूची में 15 वें नंबर पर दर्ज़ करती है. इसे मिनिस्ट्री ऑफ़ एजुकेशन, भारत सरकार की वेबसाइट dsel.education.gov.in/sites/default/… पर देखा जा सकता है. इस तरह आप का कहना है सभी नियमों का पालन करते हुए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली का अपना शिक्षा बोर्ड शुरू किया था. इसके सभी दस्तावेज भी मौजूद हैं. अब मुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक कारणों से इस बोर्ड को बंद कर रही हैं और झूठ बोलकर बहाना यह बना रही हैं कि इस बोर्ड के सर्टिफिकेट विदेशों में मान्य नहीं होंगे. यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

आप का कहना है कि मैडम सच बोलकर भी आप बोर्ड को बंद कर सकती हैं, बच्चे आपके सच की इज़्ज़त करेंगे. साथ ही दिल्ली में दो बोर्ड की बात करें तो अन्य राज्यों में पहले से ही तीन-तीन और चार चार बोर्ड चल रहे हैं. इसलिए यह बात भी गलत है कि दिल्ली में दो एजुकेशन बोर्ड नहीं हो सकते.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने भी बंद किए जाने की बात से इनकार नहीं किया है.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने भी बंद किए जाने की बात से इनकार नहीं किया है. (ETV Bharat)

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बोर्ड को खत्म करने के सवाल पर साधी चुप्पी दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने ईटीवी भारत संवाददाता के दिल्ली के एजुकेशन बोर्ड को बंद करने के सवाल पर चुप्पी साध ली. उन्होंने इस सवाल का प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद व्यक्तिगत रूप से ईटीवी संवाददाता को यह बताया कि हां हमने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को खत्म कर दिया है.

दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई)
दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (डीबीएसई) (ETV Bharat)

सर्टिफिकेट की वैधता क्या होगी?
अब सवाल यह उठता है कि अगर DBSE बोर्ड के छात्रों का नामांकन CBSE बोर्ड में हो जाएगा तो DBSE से अब तक 10वीं पास करने वाले छात्रों को मिले पास सर्टिफिकेट की वैधता क्या होगी? चूंकि छात्रों का 10वीं पास सर्टिफिकेट पूरे देश में मान्य है। आज से कुछ साल बाद ये बच्चे किसे बताते फिरेंगे कि दिल्ली में तीन साल तक DBSE नाम का बोर्ड खुला था. सीबीएसई के अधिकारियों से जब डीबीएसई के नौवीं कक्षा के छात्रों को इसी सत्र से सीबीएसई में दाखिला देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर सरकार अनुरोध करती है कि हम डीबीएसई बोर्ड चलाने में असमर्थ हैं और डीबीएसई के छात्रों को सीबीएसई में दाखिला देना चाहते हैं तो उनके अनुरोध पर जरूर कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : June 11, 2025 at 9:13 AM IST
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