ETV Bharat / bharat

दमोह का फर्जी हार्ट सर्जन; एमपी पुलिस ने फिर प्रयागराज में दी दबिश, नरेंद्र जॉन केम के फ्लैट से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद - DAMOHS FAKE HEART SURGEON CASE

खुद को लंदन का डॉ. एनजोन केम बताकर मिशनरी हॉस्पिटल में कर रहा था नौकरी, ढाई महीने में की 15 हार्ट सर्जरी, 7 की मौत

Etv Bharat
फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम के फ्लैट से मिले अहम सबूत (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 6:32 PM IST

Updated : April 10, 2025 at 6:39 PM IST

4 Min Read

प्रयागराज: मध्यप्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल का फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम को प्रयागराज से गिरफ्तार करने के बाद एमपी पुलिस गुरुवार को एक बार फिर संगमनगरी पहुंची. जहां पुलिस डेम के किराए के घर नैनी स्थित ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 में पहुंची. जहां फर्जी हार्ट चिकित्सक रह रहा था. फ्लैट की जांच के दौरान पुलिस को कई दस्तावेज मिले जिनकी जांच की जा रही है. इन दस्तावेजों की जांच से ये साबित हो पाएगा कि डॉक्टर की डिग्री फर्जी थी या असली.

ऑनलाइन किराए पर लिया था फ्लैट

दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि फर्जी हार्ट सर्जन ने प्रयागराज के फ्लैट को जमुना सिंह से किराए पर लिया था और पिछले 9 महीने से यहां छिपकर रह रहा था. उसने अपने को डॉक्टर बताया था. साथ ही ये भी कहा था कि वो प्रयागराज में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है. अभी वो यहीं रहकर अगले कुछ साल काम करेगा. उसने इस फ्लैट को ऑनलाइन किराए पर लिया था. मकान मालिक जमुना सिंह ने भी डॉक्टर जानकर अपने फ्लैट को एग्रीमेंट कर किराए पर दिया था.

फर्जी हार्ट सर्जन के प्लैट पर दमोह पुलिस (Video Credit; ETV Bharat)

दमोह पुलिस ने पूरे दस्तावेजों की कराई वीडियोग्राफी

दमोह पुलिस की टीम गुरुवार की सुबह ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर के 511 फ्लैट में पहुंची. फ्लैट में मकान मालिक जमुना सिंह को भी बुलाया गया था. पुलिस ने एन जॉन केम के फ्लैट में उसका सारा सामान वीडियोग्राफी कराकर खुलवाया. फ्लैट में एक बड़ा सूटकेस मिला है, जिसमें उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ कई जरूरी दस्तावेज भी मिले हैं. पुलिस उनकी बारीकी से जांच कर रही है और फ्लैट में मिले सभी सामानों को सर्च कर उनकी लिस्टिंग कर रही है.

जांच में मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

पुलिस की जांच में फर्जी हॉट सर्जन के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनके आधार पर ये तय होगा कि वह एमबीबीएस डॉक्टर था या नहीं. उसने कहां डॉक्टरी की पढ़ाई की है?. पुलिस अब उन चिकित्सा संस्थानों में भी जाएगी और दस्तावेज के आधार पर उनका वेरिफिकेशन कराएगी. फिलहाल गुरुवार की सुबह ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 में पुलिस के पहुंचने से हड़कंप मच रहा. ओमेक्स आनंदा के मैनेजर को भी पुलिस ने मौके पर बुलवाया.

7 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी

बाता दें कि एमपी के दमोह मिशन अस्पताल में 15 हार्ट पेशेंट्स का ऑपरेशन करने वाला फर्जी हार्ट सर्जन एन जॉन केम को प्रयागराज से 7 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया. दमोह पुलिस ने प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस की मदद से उसकी गिरफ्तारी की है. नरेंद्र विक्रम यादव ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध डॉक्टर एन जोन केम बता कर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दमोह मिशनरी अस्पताल में नौकरी कर रहा था. आरोप है कि इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने ढाई महीने में 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की जिसमें से 7 की मौत हो गई. मामला गरमाने पर दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के आदेश दिए थे.

एसपी ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के दिए आदेश

दमोह पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने ईटीवी भारत को बताया कि डॉ. एनजोन केम (असली नाम नरेंद्र विक्रम यादव) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी. उसके प्रयागराज में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद दमोह से एक पुलिस टीम भेजी गई थी. उसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें: दमोह का फर्जी हार्ट सर्जन; ढाई महीने में की 15 हार्ट सर्जरी, 7 की मौत, प्रयागराज में गिरफ्तार

प्रयागराज: मध्यप्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल का फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम को प्रयागराज से गिरफ्तार करने के बाद एमपी पुलिस गुरुवार को एक बार फिर संगमनगरी पहुंची. जहां पुलिस डेम के किराए के घर नैनी स्थित ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 में पहुंची. जहां फर्जी हार्ट चिकित्सक रह रहा था. फ्लैट की जांच के दौरान पुलिस को कई दस्तावेज मिले जिनकी जांच की जा रही है. इन दस्तावेजों की जांच से ये साबित हो पाएगा कि डॉक्टर की डिग्री फर्जी थी या असली.

ऑनलाइन किराए पर लिया था फ्लैट

दमोह के पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि फर्जी हार्ट सर्जन ने प्रयागराज के फ्लैट को जमुना सिंह से किराए पर लिया था और पिछले 9 महीने से यहां छिपकर रह रहा था. उसने अपने को डॉक्टर बताया था. साथ ही ये भी कहा था कि वो प्रयागराज में प्राइवेट प्रैक्टिस करता है. अभी वो यहीं रहकर अगले कुछ साल काम करेगा. उसने इस फ्लैट को ऑनलाइन किराए पर लिया था. मकान मालिक जमुना सिंह ने भी डॉक्टर जानकर अपने फ्लैट को एग्रीमेंट कर किराए पर दिया था.

फर्जी हार्ट सर्जन के प्लैट पर दमोह पुलिस (Video Credit; ETV Bharat)

दमोह पुलिस ने पूरे दस्तावेजों की कराई वीडियोग्राफी

दमोह पुलिस की टीम गुरुवार की सुबह ओमेक्स आनंदा के पांचवें फ्लोर के 511 फ्लैट में पहुंची. फ्लैट में मकान मालिक जमुना सिंह को भी बुलाया गया था. पुलिस ने एन जॉन केम के फ्लैट में उसका सारा सामान वीडियोग्राफी कराकर खुलवाया. फ्लैट में एक बड़ा सूटकेस मिला है, जिसमें उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र के साथ कई जरूरी दस्तावेज भी मिले हैं. पुलिस उनकी बारीकी से जांच कर रही है और फ्लैट में मिले सभी सामानों को सर्च कर उनकी लिस्टिंग कर रही है.

जांच में मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज

पुलिस की जांच में फर्जी हॉट सर्जन के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनके आधार पर ये तय होगा कि वह एमबीबीएस डॉक्टर था या नहीं. उसने कहां डॉक्टरी की पढ़ाई की है?. पुलिस अब उन चिकित्सा संस्थानों में भी जाएगी और दस्तावेज के आधार पर उनका वेरिफिकेशन कराएगी. फिलहाल गुरुवार की सुबह ओमेक्स आनंदा के फ्लैट नंबर 511 में पुलिस के पहुंचने से हड़कंप मच रहा. ओमेक्स आनंदा के मैनेजर को भी पुलिस ने मौके पर बुलवाया.

7 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी

बाता दें कि एमपी के दमोह मिशन अस्पताल में 15 हार्ट पेशेंट्स का ऑपरेशन करने वाला फर्जी हार्ट सर्जन एन जॉन केम को प्रयागराज से 7 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया. दमोह पुलिस ने प्रयागराज कमिश्नरेट पुलिस की मदद से उसकी गिरफ्तारी की है. नरेंद्र विक्रम यादव ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध डॉक्टर एन जोन केम बता कर और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दमोह मिशनरी अस्पताल में नौकरी कर रहा था. आरोप है कि इस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट ने ढाई महीने में 15 मरीजों की हार्ट सर्जरी की जिसमें से 7 की मौत हो गई. मामला गरमाने पर दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के आदेश दिए थे.

एसपी ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच के दिए आदेश

दमोह पुलिस अधीक्षक श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने ईटीवी भारत को बताया कि डॉ. एनजोन केम (असली नाम नरेंद्र विक्रम यादव) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी. उसके प्रयागराज में छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद दमोह से एक पुलिस टीम भेजी गई थी. उसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया है. उसके शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराई जाएगी.

यह भी पढ़ें: दमोह का फर्जी हार्ट सर्जन; ढाई महीने में की 15 हार्ट सर्जरी, 7 की मौत, प्रयागराज में गिरफ्तार

Last Updated : April 10, 2025 at 6:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.