हैदराबाद: साइबर अपराधियों ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के एक प्राइवेट कर्मचारी को डेढ़ करोड़ से अधिक का चूना लगा दिया. साइबर अपराधियों ने मियापुर के एक निजी कर्मचारी को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के जरिए हाई रिटर्न का वादा करके ₹1.6 करोड़ की ठगी कर ली. अब साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
पुलिस का कहना है कि 47 वर्षीय पीड़ित कर्मचारी को हाल ही में अज्ञात व्यक्तियों ने एक टेलीग्राम समूह में जोड़ दिया था. इस ग्रुप की एक लेडी ने उनसे संपर्क कर दावा किया कि वह बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में उनकी सहायता कर सकती हैं
इसी दौरान महिला ने हैदराबादी व्यक्ति का भरोसी जीतकर उसे ‘वर्चुअल वीआईपी’ नामक एक धोखाधड़ी वाले प्लेटफ़ॉर्म पर इंवेस्मेंट करने के लिए प्रेरित किया. पीड़ित ने अपने शुरुआती दौर में धोखेबाजों द्वारा साझा की गई UPI आईडी पर ₹10,000 ट्रांसफर किए और उसे ₹10,000 का लाभ दिखाया गया.
सौ फीसदी रिटर्न मिलने से उत्साहित होकर कर्मचारी को 7 दिन के कॉंट्रेक्ट करने के लिए राजी किया गया. इस दौरान उन्हें ₹5 लाख के निवेश पर 100 फीसदी रिटर्न का वायदा किया गया. इस कड़ी में धोखेबाजों ने लाभ पर 20% कमीशन और समय से पहले निकासी करने पर दंड सहित कई कड़ी शर्तें लगाईं. लालच और लाभ के बीच में फंसकर पीड़ित ने अंततः कई लेन-देन में ₹1.02 करोड़ ट्रांसफर कर दिए.
बाद में, जब उन्होंने अनुबंध से बाहर निकलने और अपने पैसे वापस लेने की कोशिश की तो घोटालेबाजों बड़ी बाधां खड़ी कर दी. इस कड़ी में पूरा भुगतान करने के एवज में ₹31.43 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग कर दी. इस तरह से ट्रैप किए गए आदमी को विभिन्न शुल्कों की आड़ में कुल ₹1.61 करोड़ ट्रांसफर करने पड़े.
इस तरह से पीड़ित ने अपने रिटर्न के लिए बहुत कोशिश की. जिसका धोखेबाजों ने टालमटोल जवाब दिया. इसके बाद पीड़ित ठगा सा महसूस करने लगा. थक-हारकर आखिर में उसने साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अब साइबर क्राइम टीम मामले की जांच कर रही है.
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