आगरा: राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन की टिप्पणी से करणी सेना का गुस्सा फूट पड़ा. बुधवार को करणी सेना के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सपा सांसद के आवास पर बुलडोजर के साथ पहुंच गए. आक्रोशित लोगों ने सपा सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. आक्रोशित लोग जय श्री राम का नारा लगाते रहे. इस दौरान सांसद के आवास का गेट तोड़ने की भी कोशिश की. साथ ही तोड़फोड़ करते हुए कुर्सियां फेंकीं. इसके बाद सांसद के आवास के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू हो गई. झड़प के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए. इस दौरान तैनात पुलिस फोर्स ने आक्रोशित लोगों को शांत कराने की कोशिश की. बीच-बीच में कई बार पुलिस को लाठी चलानी पड़ी. वहीं, इस घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सांसद के घर पर हमला इसलिए हुआ क्योंकि वह दलित हैं.
" रामजी लाल सुमन जी के घर इसलिए अटैक हुआ है क्योंकि वह दलित हैं।"
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 26, 2025
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी, कन्नौज pic.twitter.com/MgsrDzNp1D
बुधवार को करणी सेना ने सपा सांसद के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया था. सुबह से ही यमुना एक्सप्रेस वे पर करणी सेना के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और क्षत्रिय समाज के लोग एकजुट होने लगे. हजारों कार्यकर्ताओं के साथ कई बुलडोजर भी थे. कार्यकर्ता सपा सांसद के आवास का घेराव करने के लिए बुलडोजर के साथ निकले. आक्रोशित भीड़ लगातार सपा सांसद रामजी लाल के खिलाफ नारेबाजी करती रही. इधर, करणी सेना के प्रदर्शन को लेकर सपा सांसद के आवास पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई. सोसाइटी के दोनों गेट बंद कर दिए गए. वहीं, सांसद के आवास पर सपा के साथ ही भीम आर्मी के पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी जुट गए.
जब करणी सेना के कार्यकर्ता सपा सांसद के आवास के बाहर जुटे तो भीड़ बेकाबू होने लगी. सोसायटी के गेट को तोड़ने की कोशिश की गई. थोड़ी ही देर में कुर्सियां फेंकी जाने लगीं. इस बीच सपा सांसद के आवास के बाहर खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू हो गई. लोगों का आक्रोश देख पुलिस ने मोर्चा संभाला. भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया गया. आखिरकार पुलिस को लाठी चलानी पड़ी. भीड़ को रोकने के लिए लगाई गई बैरिकेडिंग काम नहीं आई. हर तरफ हंगामे का माहौल रहा. इसके बाद भी लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. तोड़फोड़ और कुर्सियां फेंके जाने के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए.
इस वजह से फूटा गुस्सा: सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में टिप्पणी की थी. सांसद ने कहा था कि राणा सांगा ने बाबर को हिंदुस्तान बुलाया था. उन्होंने राणा सांगा को गद्दार और हिंदुओं को उनकी संतान बताया. इससे क्षत्रिय समाज और हिंदूवादियों में गहरा आक्रोश है. देशभर में भाजपा और क्षत्रिय समाज के लोग इसके विरोध में हैं. आगरा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ हरिपर्वत थाना में शिकायत दी गई है. इसके साथ ही सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सपा मुखिया अखिलेश यादव और रामजीलाल सुमन के खिलाफ वाद दायर किया है.
ओकेंद्र राणा ने कही ये बात: आगरा में करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था. इसको लेकर उन्होंने एक वीडियो जारी किया था. कहा था कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने क्षत्रिय समाज के महापुरुष के खिलाफ ओछी बात कही है. हमारे महापुरुष और पूर्वजों को कोई भी गाली दे जाता है. सांसद के आवास की हर ईंट पर राणा सांगा लिखना है. इस बार हम माफ नहीं करेंगे. अगर माफी मांगनी है तो रुपवास में महाराणा सांगा के स्मारक पर नाक रगड़कर माफी मांगनी पड़ेगी. राजपूत और क्षत्रिय समाज एकजुट होकर दिखा दे कि कोई भी हमारे महापुरुषों के लिए कुछ बोलने से पहले सोचे.

थाना हरिपर्वत पहुंचे सपा कार्यकर्ता : रामजीलाल सुमन के घर पर हमला किए जाने को लेकर सपाइयों में आक्रोश है. सपा कार्यकर्ता आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाना हरिपर्वत पहुंचे. इस दौरान उनके साथ रामजीलाल सुमन के बेटे रणजीत सुमन भी मौजूद रहे. पुलिस अधिकारियों और सपाइयों के बीच बातचीत हो रही है.
सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में दस अप्रैल को सुनवाई: आगरा में आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव और सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन आगरा में एक वाद दायर किया था. सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन आगरा ने जिसे प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज करके इस मामले में 10 अप्रैल की तारीख दी है. वादी आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने इस में तथ्यों के आधार पर पैरवी करेंगे. कोर्ट से मांग की है कि लगातार वीर पराक्रमी राणा सांगा को लेकर गलत तथ्य बताए जाते हैं. कोई भी और कुछ भी बोलता रहता है. जबकि, इतिहास की किताबों में साफ लिखा है कि बाबर को हिंदुस्तान में दौलत खान लोदी ने बुलाया था, जो तब पंजाब का गर्वनर था. उसने बाबर को इब्राहिम लोदी से युद्ध करने और दिल्ली पर कब्जा करने के लिए न्योता दिया था. इसके साथ ही दूसरी मांग ये कि है कि राणा सांगा और बाबर के मध्य युद्ध फतेहपुर सीकरी किले पर निर्णायक युद्ध हुआ था. जबकि, ये युद्ध खानवा का कहा जाता है. इसके ऐतिहासिक तथ्य भी स्पष्ट किए जाएं.

दौलत खान लोदी ने बाबर को बुलाया था हिंदुस्तान : आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में वीर शिरोमणि राणा सांगा को गद्दार बोला है. कहा कि राणा सांगा ने बाबर को हिंदुस्तान के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बुलाया था. जबकि, ऐसा इतिहास में कहीं नहीं लिखा है. खुद बाबरनामा में बाबर ने लिखा है कि हिंदुस्तान में आने का न्यौता उसे पंजाब के गर्वनर दौलत खां लोदी ने दिया था. जो सुल्तान इब्राहिम लोदी का रिश्ते में चाचा था. उसने ही हिंदुस्तान आकर दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए बुलाया था.
बाबरनामा के अनुवाद में ये लिखी बात : आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत के अधिकारी एएस बिवरिज ने बाबरनामा का अंग्रेजी में अनुवाद किया. एएस बिवरिज ने जिसके पेज नंबर 439 और 440 -441 में लिखा है कि बाबर को दौलत खां लोदी ने हिंदुस्तान बुलवाया था. उसे इब्राहिम लोदी से युद्ध करने के लिए दौलत खां लोदी ने न्योता दिया था. इसके साथ ही अंग्रेजी हुकूमत के दौरान पंजाब सरकार ने सन 1883-84 के लौहार गजेटियर के पेज संख्या 20 पर दौलत खान लोदी द्वारा बाबर को हिंदुस्तान पर आक्रमण करने का न्योता देने के तथ्य का जिक्र है.
कोर्ट से मांग, ऐतिहासिक तथ्यों को करें स्पष्ट : आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह के मुताबिक, सिविल जज सीनियन डिवीजन से मांग है कि एतिहासिक तथ्यों का स्पष्ट करें. क्योंकि, इतिहास की किताबों में लिखा है कि बाबर को इब्राहिम लोदी के विरूद्ध हिंदुस्तान पर आक्रमण करने के लिए दौलत खान लोदी ने आमंत्रति किया था. दूसरी मांग है कि 17 मार्च 1527 में सीकरी किले पर अंतिम निर्णायक युद्ध हुआ था. न कि खानवा के मैदान हैं. इस मामले के ऐतिहासिक तथ्यों को स्पष्ट करें. इस मामले में मैंने सपा मुखिया सीएम अखिलेश यादव और सपा के सांसद रामजीलाल सुमन को प्रतिवादी बनाया है.