ETV Bharat / bharat

कांग्रेस की 'संविधान बचाओ' रैलियां 27 अप्रैल से फिर से शुरू, भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाएंगे - SAVE CONSTITUTION PROTESTS

संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर से शुरू होंगी. पहलगाम आतंकी हमले को लेकर इसे स्थगित कर दिया गया था.

कांग्रेस की 'संविधान बचाओ' रैली में पार्टी अध्यक्ष खड़गे
कांग्रेस की 'संविधान बचाओ' रैली में पार्टी अध्यक्ष खड़गे, फाइल (ANI)
author img

By Amit Agnihotri

Published : April 26, 2025 at 10:28 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमलों के कारण दो दिनों के लिए योजना को स्थगित करने के बाद 27 अप्रैल से अपना 'संविधान बचाओ' विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू किया जा रहा है. पार्टी द्वारा 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया था.

एआईसीसी पदाधिकारी और लोकसभा सदस्य सप्तगिरि शंकर उलाका ने ईटीवी भारत को बताया, "संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों में फिर से शुरू होंगी. इन रैलियों को पिछले दो दिनों से स्थगित कर दिया गया था. वह इसलिए क्योंकि पार्टी द्वारा 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया था.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने और इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा करने के लिए सभी राज्यों और जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता 25 अप्रैल, 2025 को ‘कैंडल लाइट’ मार्च निकालेंगे."

वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि, "25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी ‘संविधान बचाओ रैलियां’ स्थगित कर दी गई हैं. संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर से शुरू होंगी. एआईसीसी के तेलंगाना प्रभारी सचिव पी विश्वनाथन ने ईटीवी भारत को बताया कि, 27 अप्रैल को वे पूरे राज्य का दौरा करेंगे. राज्य में संविधान बचाओ रैलियां गांव स्तर पर फिर से शुरू की जाएंगी.

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने पहले ही अभियान शुरू कर दिया था, लेकिन पहलगाम हमलों के कारण इसे रोकना पड़ा. संविधान बचाओ रैलियों का आयोजन 25 अप्रैल से भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाने और झूठे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी परिवार को निशाना बनाए जाने का विरोध करने के लिए किया गया था.

हालांकि, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए देश के कुछ हिस्सों में पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर जनता को एकजुट करने की संभावना है.

एआईसीसी पदाधिकारी विवेक बंसल ने ईटीवी भारत को बताया, "25 अप्रैल की रात को सभी राज्य इकाइयों ने इस भयावह घटना पर लोगों को संगठित करने के लिए राजधानियों में मोमबत्ती मार्च निकाला. बंसल ने कहा कि, ये विरोध प्रदर्शन नहीं थे, बल्कि आतंकवादियों द्वारा मारे गए 28 निर्दोष पर्यटकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आयोजित किए गए थे.

बंसल ने आगे कहा कि, इसका उद्देश्य आतंकी हमले के खिलाफ स्थानीय लोगों को एकजुट करना था. इसने हमलों के पीछे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने में भी मदद की. यह लामबंदी सफल रही और देश के मूड को देखते हुए इसे कुछ समय तक जारी रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का समर्थन किया है, लेकिन सुरक्षा में चूक हुई यह तो स्पष्ट है. इसके लिए किसी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने कहा कि 27 अप्रैल से पश्चिमी राज्य के कुछ हिस्सों में छोटी संविधान बचाओ रैलियां आयोजित की जाएंगी, लेकिन बड़ी रैलियां 4 मई से आयोजित की जाएंगी.

संदीप ने ईटीवी भारत से कहा, "पहलगाम कैंडल लाइट मार्च पर फैसला आलाकमान को लेना है." आंध्र प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव गणेश यादव ने कहा कि, पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए सफल कैंडल लाइट मार्च के बाद, अगले कुछ दिनों में दक्षिणी राज्य में प्रस्तावित संविधान बचाओ रैलियां शुरू की जाएंगी.

यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "इस उद्देश्य के लिए 25 अप्रैल को विजयवाड़ा में राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक हुई थी। मुझे लगता है कि संविधान बचाओ रैलियां मई के पहले सप्ताह में फिर से शुरू होंगी."

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय हित में पहलगाम हमलों पर केंद्र का समर्थन करने का निर्णय लिया है. साथ ही पार्टी के लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि बैसरन मैदानों में मारे गए पर्यटकों के लिए कोई सुरक्षा क्यों नहीं थी, जबकि समूचा सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश आमतौर पर भारी सुरक्षा घेरे में रहता है.

ये भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले का खौफ नहीं! कुछ निडर पर्यटक कश्मीर की खूबसूरत वादियों में खो जाने चाहते हैं

नई दिल्ली: कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमलों के कारण दो दिनों के लिए योजना को स्थगित करने के बाद 27 अप्रैल से अपना 'संविधान बचाओ' विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू किया जा रहा है. पार्टी द्वारा 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया था.

एआईसीसी पदाधिकारी और लोकसभा सदस्य सप्तगिरि शंकर उलाका ने ईटीवी भारत को बताया, "संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों में फिर से शुरू होंगी. इन रैलियों को पिछले दो दिनों से स्थगित कर दिया गया था. वह इसलिए क्योंकि पार्टी द्वारा 25 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर कैंडल मार्च निकाला गया था.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने और इस अमानवीय कृत्य की कड़ी निंदा करने के लिए सभी राज्यों और जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता 25 अप्रैल, 2025 को ‘कैंडल लाइट’ मार्च निकालेंगे."

वेणुगोपाल ने यह भी कहा था कि, "25 और 26 अप्रैल को होने वाली सभी ‘संविधान बचाओ रैलियां’ स्थगित कर दी गई हैं. संविधान बचाओ रैलियां 27 अप्रैल से फिर से शुरू होंगी. एआईसीसी के तेलंगाना प्रभारी सचिव पी विश्वनाथन ने ईटीवी भारत को बताया कि, 27 अप्रैल को वे पूरे राज्य का दौरा करेंगे. राज्य में संविधान बचाओ रैलियां गांव स्तर पर फिर से शुरू की जाएंगी.

उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी ने पहले ही अभियान शुरू कर दिया था, लेकिन पहलगाम हमलों के कारण इसे रोकना पड़ा. संविधान बचाओ रैलियों का आयोजन 25 अप्रैल से भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाने और झूठे नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गांधी परिवार को निशाना बनाए जाने का विरोध करने के लिए किया गया था.

हालांकि, कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए देश के कुछ हिस्सों में पहलगाम आतंकी हमलों को लेकर जनता को एकजुट करने की संभावना है.

एआईसीसी पदाधिकारी विवेक बंसल ने ईटीवी भारत को बताया, "25 अप्रैल की रात को सभी राज्य इकाइयों ने इस भयावह घटना पर लोगों को संगठित करने के लिए राजधानियों में मोमबत्ती मार्च निकाला. बंसल ने कहा कि, ये विरोध प्रदर्शन नहीं थे, बल्कि आतंकवादियों द्वारा मारे गए 28 निर्दोष पर्यटकों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आयोजित किए गए थे.

बंसल ने आगे कहा कि, इसका उद्देश्य आतंकी हमले के खिलाफ स्थानीय लोगों को एकजुट करना था. इसने हमलों के पीछे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने में भी मदद की. यह लामबंदी सफल रही और देश के मूड को देखते हुए इसे कुछ समय तक जारी रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का समर्थन किया है, लेकिन सुरक्षा में चूक हुई यह तो स्पष्ट है. इसके लिए किसी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव बीएम संदीप ने कहा कि 27 अप्रैल से पश्चिमी राज्य के कुछ हिस्सों में छोटी संविधान बचाओ रैलियां आयोजित की जाएंगी, लेकिन बड़ी रैलियां 4 मई से आयोजित की जाएंगी.

संदीप ने ईटीवी भारत से कहा, "पहलगाम कैंडल लाइट मार्च पर फैसला आलाकमान को लेना है." आंध्र प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव गणेश यादव ने कहा कि, पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए सफल कैंडल लाइट मार्च के बाद, अगले कुछ दिनों में दक्षिणी राज्य में प्रस्तावित संविधान बचाओ रैलियां शुरू की जाएंगी.

यादव ने ईटीवी भारत से कहा, "इस उद्देश्य के लिए 25 अप्रैल को विजयवाड़ा में राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बैठक हुई थी। मुझे लगता है कि संविधान बचाओ रैलियां मई के पहले सप्ताह में फिर से शुरू होंगी."

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय हित में पहलगाम हमलों पर केंद्र का समर्थन करने का निर्णय लिया है. साथ ही पार्टी के लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि बैसरन मैदानों में मारे गए पर्यटकों के लिए कोई सुरक्षा क्यों नहीं थी, जबकि समूचा सीमावर्ती केंद्र शासित प्रदेश आमतौर पर भारी सुरक्षा घेरे में रहता है.

ये भी पढ़ें: पहलगाम आतंकी हमले का खौफ नहीं! कुछ निडर पर्यटक कश्मीर की खूबसूरत वादियों में खो जाने चाहते हैं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.