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नेहरू युवा केंद्र पर गर्म हुई राजनीति! नाराज कांग्रेस ने केंद्र की 'MY Bharat' को लेकर उठाए सवाल - RENAMING OF NEHRU YUVA KENDRA

कांग्रेस ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को निशाना बनाना एक गलत कदम है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खड़गे, फाइल फोटो
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष खड़गे, फाइल फोटो (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : May 16, 2025 at 7:21 PM IST

Updated : May 16, 2025 at 8:49 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: कांग्रेस इस बात से नाराज है कि, केंद्र सरकार नेहरू युवा केंद्र संगठन का नाम बदलकर 'माई भारत' करके पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को निशाना बना रही है. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को तुरंत अपना फैसला वापस लेना चाहिए.

NYKS खेल और युवा कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह योजना ग्रामीण युवाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 1972 में शुरू की गई थी और तब से सफलतापूर्वक चल रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने और पिछली यूपीए सरकार की कई योजनाओं का नाम बदलने के बाद भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया.

सीनियर कांग्रेस नेता और NYKS के पूर्व उपाध्यक्ष बीपी सिंह ने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर संस्था का नाम बदला है. सिंह ने ईटीवी भारत से कहा, "भगवा पार्टी चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, प्रमुख संस्थानों से नेहरू का नाम हटाने से उनकी महान विरासत नहीं मिटेगी.

उन्होंने कहा कि, इससे पता चलता है कि सरकार देश के संस्थापकों में से एक को मिटाने के अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए स्थापित संस्थानों को नष्ट करने पर आमादा है, क्योंकि महात्मा गांधी और नेहरू जैसे समावेशी, प्रगतिशील प्रतीक उन्हें परेशान करते हैं."

बीपी सिंह ने आगे कहा, "एनवाईकेएस को लाखों आम नागरिकों को सामुदायिक सेवा प्रदान करने और अपने कार्यक्रम के माध्यम से हजारों युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए पूरे देश में जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि, नई, दिशाहीन संस्थाओं का निर्माण करके इसे नष्ट करने का सरकार का प्रयास दशकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले समय-परीक्षणित संस्थानों के प्रति उनके सम्मान की कमी को दर्शाता है. केंद्र को एनवाईकेएस को फिर से ब्रांड करने के इस फैसले को वापस लेना चाहिए.

सिंह के मुताबिक, सरकार को किसी पुरानी संस्था को पुनः ब्रांड करने के बजाय युवाओं के लिए किसी नई योजना के बारे में सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि, एनवाईकेएस का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाना और उन्हें अवसर प्रदान करना है.

सिंह ने कहा कि, यदि एनडीए सरकार युवाओं के लिए कोई योजना लाने की इच्छुक थी, तो उन्हें अपने नेताओं के नाम पर कुछ नया करने का प्रयास करना चाहिए था. तब किसी को इस पर आपत्ति नहीं होती. लेकिन उनके पास कोई प्रतीक नहीं है. यह पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को मिटाने का एक और प्रयास है. लोगों के मन में दिग्गज की जगह को देखते हुए ऐसा संभव नहीं होगा."

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के अनुसार, केंद्र के इस कदम से उसकी हताशा झलकती है. चिब ने ईटीवी भारत से कहा, "मेरा भारत नेहरू युवा केंद्र का नया स्वरूप है, जो इतिहास को मिटाकर उसे अपने प्रचार के अनुरूप फिर से लिखने का एक हताश प्रयास है. लेकिन सच्चाई नफरत के आगे नहीं झुकती.

उन्होंने कहा कि, सरकार को इस हास्यास्पद रीब्रांडिंग को वापस लेना चाहिए. केंद्र को युवाओं पर पड़ने वाले बेरोजगारी के प्रभाव पर चिंतित होना चाहिए, क्योंकि अप्रैल में बेरोजगारी की दर बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई है. उनमें से अधिकांश युवा हैं और पिछले 45 वर्षों में सबसे खराब बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार ने नौकरियों का वादा किया था, लेकिन यह केवल चुनावी वादा ही रहा. सरकारी भर्ती रोक दी गई है, परीक्षा कैलेंडर रोक दिए गए हैं और अनुबंध नियुक्तियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.

चिब ने कहा कि, कांग्रेस ने कहा कि एनवाईकेएस पर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कांग्रेस घातक पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र को पूरा समर्थन दे रही थी.

वहीं, एआईसीसी पदाधिकारी चंदन यादव ने ईटीवी भारत से कहा कि, कांग्रेस राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करने के लिए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभा रही है, लेकिन सरकार अभी भी राजनीति कर रही है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस इस बात से नाराज है कि, केंद्र सरकार नेहरू युवा केंद्र संगठन का नाम बदलकर 'माई भारत' करके पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को निशाना बना रही है. कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को तुरंत अपना फैसला वापस लेना चाहिए.

NYKS खेल और युवा कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह योजना ग्रामीण युवाओं को लाभ पहुंचाने के लिए 1972 में शुरू की गई थी और तब से सफलतापूर्वक चल रही है. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने और पिछली यूपीए सरकार की कई योजनाओं का नाम बदलने के बाद भी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया.

सीनियर कांग्रेस नेता और NYKS के पूर्व उपाध्यक्ष बीपी सिंह ने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर संस्था का नाम बदला है. सिंह ने ईटीवी भारत से कहा, "भगवा पार्टी चाहे जितनी भी कोशिश कर ले, प्रमुख संस्थानों से नेहरू का नाम हटाने से उनकी महान विरासत नहीं मिटेगी.

उन्होंने कहा कि, इससे पता चलता है कि सरकार देश के संस्थापकों में से एक को मिटाने के अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने के लिए स्थापित संस्थानों को नष्ट करने पर आमादा है, क्योंकि महात्मा गांधी और नेहरू जैसे समावेशी, प्रगतिशील प्रतीक उन्हें परेशान करते हैं."

बीपी सिंह ने आगे कहा, "एनवाईकेएस को लाखों आम नागरिकों को सामुदायिक सेवा प्रदान करने और अपने कार्यक्रम के माध्यम से हजारों युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए पूरे देश में जाना जाता है.

उन्होंने कहा कि, नई, दिशाहीन संस्थाओं का निर्माण करके इसे नष्ट करने का सरकार का प्रयास दशकों से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले समय-परीक्षणित संस्थानों के प्रति उनके सम्मान की कमी को दर्शाता है. केंद्र को एनवाईकेएस को फिर से ब्रांड करने के इस फैसले को वापस लेना चाहिए.

सिंह के मुताबिक, सरकार को किसी पुरानी संस्था को पुनः ब्रांड करने के बजाय युवाओं के लिए किसी नई योजना के बारे में सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि, एनवाईकेएस का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाना और उन्हें अवसर प्रदान करना है.

सिंह ने कहा कि, यदि एनडीए सरकार युवाओं के लिए कोई योजना लाने की इच्छुक थी, तो उन्हें अपने नेताओं के नाम पर कुछ नया करने का प्रयास करना चाहिए था. तब किसी को इस पर आपत्ति नहीं होती. लेकिन उनके पास कोई प्रतीक नहीं है. यह पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत को मिटाने का एक और प्रयास है. लोगों के मन में दिग्गज की जगह को देखते हुए ऐसा संभव नहीं होगा."

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के अनुसार, केंद्र के इस कदम से उसकी हताशा झलकती है. चिब ने ईटीवी भारत से कहा, "मेरा भारत नेहरू युवा केंद्र का नया स्वरूप है, जो इतिहास को मिटाकर उसे अपने प्रचार के अनुरूप फिर से लिखने का एक हताश प्रयास है. लेकिन सच्चाई नफरत के आगे नहीं झुकती.

उन्होंने कहा कि, सरकार को इस हास्यास्पद रीब्रांडिंग को वापस लेना चाहिए. केंद्र को युवाओं पर पड़ने वाले बेरोजगारी के प्रभाव पर चिंतित होना चाहिए, क्योंकि अप्रैल में बेरोजगारी की दर बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई है. उनमें से अधिकांश युवा हैं और पिछले 45 वर्षों में सबसे खराब बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार ने नौकरियों का वादा किया था, लेकिन यह केवल चुनावी वादा ही रहा. सरकारी भर्ती रोक दी गई है, परीक्षा कैलेंडर रोक दिए गए हैं और अनुबंध नियुक्तियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.

चिब ने कहा कि, कांग्रेस ने कहा कि एनवाईकेएस पर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कांग्रेस घातक पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद केंद्र को पूरा समर्थन दे रही थी.

वहीं, एआईसीसी पदाधिकारी चंदन यादव ने ईटीवी भारत से कहा कि, कांग्रेस राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन करने के लिए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभा रही है, लेकिन सरकार अभी भी राजनीति कर रही है.

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Last Updated : May 16, 2025 at 8:49 PM IST
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