शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार 17 मार्च को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. कई घोषणाओं के साथ अपने 3 घंटे के बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने के साथ भविष्य का रोड मैप भी सदन में रखा. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीसरी बार प्रदेश का बजट पेश किया.
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अपनी 22 साल पुरानी ऑल्टो में पहुंचे सीएम
पिछली बार के बजट की तरह ही इस बार मुख्यमंत्री सोमवार सुबह अपनी 22 साल पुरानी ऑल्टो कार में विधानसभा पहुंचे. सफेद रंग की ये ऑल्टो कार सुखविंदर सुक्खू के दिल के बेहद करीब है. सुखविंदर सिंह सुक्खू चौथी बार विधायक बने हैं उन्होंने बताया था कि जब वो पहली बार साल 2003 में विधायक बने थे तो अपनी इसी ऑल्टो कार से विधानसभा पहुंचे थे.
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राज्य का सबसे बड़ा बजट पेश किया
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 58,514 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. ये हिमाचल प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. बीते वित्त वर्ष के दौरान हिमाचल की अनुमानित वृद्धि दर 6.7%, जबकि सकल घरेलू उत्पाद 2,32,185 करोड़ रुपये अनुमानित है. वहीं हिमाचल में प्रति व्यक्ति आय 2,57,212 रुपये अनुमानित है जो 2024-25 की अनुमानित देश की प्रति व्यक्ति आय 2,00,162 रुपये से अधिक है.
सैलरी और पेंशन पर खर्च होगा 45% बजट
हिमाचल प्रदेश पर लगातार बढ़ते कर्ज की झलक भी इस बजट में दिखी. मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार के सिर इसका ठीकरा फोड़ा और मौजूदा हालात के लिए पूर्व की बीजेपी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन सुखविंदर सुक्खू का बजट इशारा करता है कि आखिर क्यों साल दर साल कर्ज का पहाड़ ऊंचा हो रहा है. 2025-26 में राजस्व प्राप्तियां 42,343 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि कुल राजस्व व्यय 48,733 करोड़ रुपये होगा. इस तरह राजस्व घाटा 6390 करोड़ और राजकोषीय घाटा 10,338 करोड़ रहने का अनुमान है. राजकोषीय घाटा हिमाचल के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 4.04 फीसदी रहने का अनुमान है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बजट का कितना हिस्सा किस पर खर्च होगा. 2025-26 के बजट के अनुसार हर 100 रुपये में से 25 रुपये कर्मचारियों के वेतन और 20 रुपये पेंशन पर खर्च होंगे. वहीं 12 रुपये ऋण के ब्याज को देने में लगेंगे जबकि 10 रुपये ऋण अदायगी पर लगेंगे. वहीं 9 रुपये स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट होगी जबकि बचे हुए 24 रुपये पूंजीगत कार्यों में खर्च होंगे. साफ है कि 58,514 करोड़ रुपये के बजट में से 45 फीसदी बजट सिर्फ सैलरी और पेंशन पर खर्च होगा. वहीं 22 फीसदी बजट ऋण अदायगी और उसपर ब्याज अदा करने में खर्च होंगे जो प्रदेश पर कर्ज के बोझ को दर्शाता है. सिर्फ 24 फीसदी बजट के सहारे ही विकास की गाड़ी खींची जाएगी.
ग्रीन हिमाचल बनाने पर जोर
हिमाचल में 2022 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अपने पहले बजट भाषण में ठीक 2 साल पहले 17 मार्च 2023 को सीएम सुक्खू ने हिमाचल को 31 मार्च 2026 तक ग्रीन हिमाचल या ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने का लक्ष्य तय किया था. सीएम सुक्खू ने हिमाचल को उत्तर भारत के लंग्स बताया और यही वजह है कि यहां के वातावरण और प्रकृति का अनुभव करने हर साल लाखों पर्यटक हिमाचल आते हैं. ऐसे में ग्रीन हिमाचल के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रीन एनर्जी या रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों का दोहन करने से हम इस ओर कदम बढ़ा पाएंगे. परिवहन की वजह से जलवायु पर होने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए हिमाचल में ई-व्हीकल और उसके इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा है. हिमाचल रोडवेज में ई-बसों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अन्य सरकारी विभागों में भी ई-वाहनों का प्रयोग हो रहा है. साथ ही चार्जिंग स्टेशन लगाने पर काम जारी है.
इसके अलावा 3000 पेट्रोल डीजल वाले टैक्सी वाहनों को ई-वाहन में बदला जाएगा. टैक्सी और ऑटो रिक्शा को ई-वाहन में परिवर्तित करने पर 40 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. एक हजार बस रूटों के नए परमिट निजी क्षेत्र को दिए जाएंगे. इन रूट्स पर ई-वाहन (टैंपो ट्रैवलर, बस आदि) की खरीद पर 40 फीसदी और डीजल पेट्रोल वाहनों की खरीद पर 30 फीसदी सब्सिडी देगी.
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किसान, बागवान और पशुपालकों को क्या मिला ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. जिसके तहत किसान, बागवान, पशुपालकों और मछली पालन के क्षेत्र में कई घोषणाएं की गई. पिछली बार की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का ऐलान किया है. इसके तहत एक लाख नए किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है. प्राकृतिक रूप से उगाए गए मक्की की एमएसपी को 30 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर 40 रुपये और प्राकृतिक गेहूं की एमएसपी को 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये किया गया है. इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में की थी. नोटिफाइड कलेक्शन सेंटर तक किसान अगर ये फसल लेकर खुद पहुंचता है तो 2 रुपये प्रति किलो की दर से सब्सिडी भी दी जाएगी. इसी तरह प्राकृतिक हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपये प्रति किलो किया गया है. साथ ही प्रदेश में उगाए मसालों को पहचान दिलाने के लिए हमीरपुर जिले में स्पाइस पार्क का निर्माण किया जाएगा. आलू की फसल को बढ़ावा देने के लिए ऊना में 20 करोड़ की लागत से आलू का प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा.
जिन किसानों की जमीन बैंक का कर्ज ना चुका पाने के कारण नीलाम होने वाली है. उनके लिए 3 लाख रुपये के कृषि ऋण को चुकाने के लिए सरकार मदद करेगी. वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लाई जाएगी जिसके तहत ब्याज का 50 फीसदी सरकार वहन करेगी. इसके लिए कुल 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है.
इसके अलावा पिछले साल तय किए गए गाय और भैंस के दूध की कीमतों में भी बढ़ोतरी की गई. गाय और भैंस के दूध की एमएसपी में 6 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 51 और 61 रुपये किया गया है. कलेक्शन सेंटर पर खुद दूध पहुंचाने पर 2 रुपये प्रति लीटर की ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी दी जाएगी. वहीं मछली पालकों से सरकार द्वारा ली जाने वाली 15 फीसदी रॉयल्टी को घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया गया है. 120 नई ट्राउट फिश इकाइयों के निर्माण के अलावा निजी क्षेत्र में 80% सब्सिडी के साथ 20 हैक्टेयर नए मछली तालाब बनाए जाएंगे.
एचपीशिवा (HPSHIVA) परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मौसम आधारित फसलों के लिए बीमा योजना के तहत 60 हजार से अधिक बागवानों को लाभान्वित हो रहे हैं. इस योजना में लीची, अनार और अमरूद को भी शामिल किया गया है. इस योजना का विस्तार किया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक बागवानों को इसका लाभ मिले.
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पर्यटन को बढ़ावा
हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है, जहां हर साल लाखों पर्यटक देश-विदेश से पहुंचते हैं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ एडवेंचर और हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही. इसी कड़ी में कांगड़ा स्थित गग्गल हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है जिसके लिए फिलहाल भू-अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है. न्यू टूरिज्म डेस्टिनेशन को दो चरणों में लगभग 2,400 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा और आगामी वित्त वर्ष में मनाली, कुल्लू, नग्गर, नादौन में वेलनेस सेंटर बनेंगे. धर्मशाला, शिमला और मंडी में आइस स्केटिंग रिंक्स का निर्माण होगा. नादौन में राफ्टिंग सेंटर और अन्य स्थानों पर वाटर स्पोर्ट्स के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन, एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा.
हिमाचली युवा पर्यटन को ध्यान में रखते हुए होटल या होमस्टे बनाते हैं तो 4 फीसदी ब्याज सरकार वहन करेगी वहीं जनजातीय क्षेत्रों में 5 फीसदी ब्याज का बोझ सरकार उठाएगी. इसके अलावा युवाओं को हाईवे, नेशनल हाईवे या जिला मुख्यालय पर फूड वैन उपलब्ध कराई जाएंगी. इस पर उन्हें 30 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी और इसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. प्रदेश में 200 होटल स्थापित करने के लिए निजी निवेश को आमंत्रित करेंगे, ये होटल थ्री स्टार, फोर स्टार, 5 स्टार या 7 स्टार होंगे. ज्वालाजी और नैना देवी मंदिर के लिए 100-100 करोड़ और धर्मशाला के तपोवन में इंटरनेशनल लेवल के कन्वेंशन सेंटर का निर्माण 200 करोड़ की लागत से होगा.
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नशे के खिलाफ बनेगी STF बनेगी
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में प्रदेश में फैलते नशे के जाल का भी जिक्र किया और इसपर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी और सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है. सीएम सुक्खू ने कहा कि साल 2025-26 में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) बनाने की घोषणा करता हूं जो नशीले पदार्थों की तस्करी जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए काम करेगी. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग एक्ट के प्रावधानों के तहत मौजूदा वक्त में नशे से जूझ रहे लोगों के लिए पुनर्वास और समाज की मुख्य धारा में लाने के प्रयास किए जाएंगे.
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कर्मचारियों को बजट में सौगात
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2025-26 के बजट में प्रदेश के कर्मचारियों को खुशखभरी देते हुए बकाया एरियर का भुगतान चरणबद्ध तरीके से करने का ऐलान किया है. 15 मई को सबसे पहले 70 से 75 वर्ष की आयु के पेंशनर्स के बकाया एरियर का भुगतान शुरू किया जाएगा. इसके बाद कर्मचारियों और फिर अधिकारियों का नंबर आएगा.इसके अलावा सीएम ने 3 फीसदी की दर से महंगाई भत्ते की किश्त 15 मई 2025 से देने का ऐलान किया है. वहीं दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में 25 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 425 रुपये किया जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों को अब न्यूनतम 12,750 रुपये मिलेंगे.
इनके मानदेय में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अपने बजट में पंचायती राज संस्थाओं से लेकर नगर निकायों के के प्रतिनिधियों और आंगनबाड़ी से लेकर अन्य पैरा वर्कर्ज के मानदेय में बढ़ोतरी का ऐलान किया.
मुख्यमंत्री की शायरी
अपने बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री हर बार की तरह शायरी करते भी दिखे. मुख्यमंत्री ने सोमवार को बजट भाषण के दौरान ये पंक्तियां पढ़ी थीं.
1. न गिराया किसी को कभी, न खुद को उछाला
कटा जिंदगी का सफर धीरे-धीरे
जहां आप पहुंचे छलाग लगा-लगाकर
मैं भी पहुंचा वहीं मगर धीरे-धीरे
2. मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीका
चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना
3. उसूलों पर जहां आंच आए, टकराना जरूरी है
जो जिंदा हो तो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है
4. परिवर्तन की सृष्टि है, जीवन है
स्थिर होना मृत्यु है, बेजान शांति मरण है
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