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चीनी खुफिया जहाज: भारतीय जलक्षेत्र में जासूसी के लिए बढ़ रहे ड्रैगन के शिप! - CHINESE SPYING SHIPS INDIAN WATERS

इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने ट्वीट किया है कि एक तथाकथित चीनी अनुसंधान जहाज 'दा यांग यी हाओ' भारत की ओर बढ़ रहा है.

CHINESE SPYING SHIPS IN INDIAN WATERS.
भारतीय जलक्षेत्र में जासूसी कर रहे चीनी जहाज. (AP (File- Photo))
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 17, 2025 at 10:43 AM IST

Updated : May 17, 2025 at 2:31 PM IST

7 Min Read

हैदराबाद: भू-राजनीतिक तनाव, खासकर भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच एक तथाकथित चीनी अनुसंधान जहाज भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहा है. गौर करें तो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार के आतंकियों को सबक सिखाते हुए पाकिस्तान की गर्दन पर तगड़ी चोट की थी. इस बीच चीन के तथाकथित अनुसंधान जहाज का भारत की ओर बढ़ना इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच के गठजोड़ की कहानी का हिस्सा हो सकता है.

इस चीनी जहाज को लेकर ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि चीन का एक तथाकथित अनुसंधान जहाज, 'दा यांग यी हाओ' भारत की सीमा की ओर बढ़ रहा है. उधर भारतीय एजेंसियां भी सक्रिय हैं, और मूवमेंट पर नजर रख रही हैं.

चीनी अनुसंधान (जासूसी) जहाज की क्षमता
दा यांग यी हाओ उन कई जहाजों में से एक है, जिन्हें चीन अनुसंधान जहाज कहता है, लेकिन भारत और अन्य देश उन्हें जासूसी जहाज मानते हैं. इन जहाजों में नागरिक और सैन्य अनुप्रयोगों के साथ दोहरे उद्देश्य वाली वैज्ञानिक क्षमताएं हैं. वे समुद्र तल का नक्शा बना सकते हैं. मिसाइलों को ट्रैक कर सकते हैं. पनडुब्बियों की रीडिंग सहित कई चीजों पर नजर रख सकते हैं. वे समुद्र विज्ञान संबंधी वैज्ञानिक अभियानों, जैसे गहरे समुद्र की खोज और समुद्री संसाधन सर्वेक्षण की आड़ में ऐसी गतिविधियां करते हैं.

चीनी अनुसंधान पोतों के बारे में
 चीन के पास अनुसंधान पोतों का एक विशाल बेड़ा है. साथ ही उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा नागरिक अनुसंधान पोत बेड़ा है. ये बेड़ा अक्सर सैन्य उद्देश्यों के लिए सुर्खियों में रहता है.

 भारत ने हिंद महासागर में चीनी अनुसंधान को सीमित करने की कोशिश की है. वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि कई जहाजों का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जाता है.

 चीन अपने तथाकथित चीन समुद्री अनुसंधान पोतों की संख्या और आकार दोनों में लगातार विस्तार कर रहा है. यह 2012 में स्थापित एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण बेड़ा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक "मजबूत समुद्री देश" के निर्माण के लिए पहले ही कह चुके हैं.

 अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के डेटाबेस के मुताबिक, 1990 में या उसके बाद निर्मित 64 पंजीकृत चीनी सर्वेक्षण पोत हैं, जो अमेरिका के 44 और जापान के 23 से अधिक हैं.

 चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया है. चीन ने 2019 से श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड और पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र के करीब जासूसी पोत, जिसे वह महासागर अनुसंधान पोत बताता है, तैनात किए हैं. इन सबका उद्देश्य क्षेत्र में भारत की संपत्तियों की निगरानी करना और समुद्र तल में खनिजों पर अनुसंधान करना है.

 2023 में, चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में 25 शोध और ट्रैकिंग जहाजों को तैनात करने की सूचना दी थी.

 रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से अब तक हिंद महासागर क्षेत्र में कुल 48 चीनी वैज्ञानिक अनुसंधान जहाज तैनात किए गए हैं.

भारतीय मिसाइल परीक्षणों पर चीनी जहाजों की निगरानी की घटनाएं
मार्च 2024: जियांग यांग होंग 01, भारतीय मिसाइल अग्नि 5 परीक्षण से ठीक पहले कई दिनों तक बंगाल की खाड़ी में देखा गया था. एक समय पर, जहाज विशाखापत्तनम से केवल 250 समुद्री मील दूर था. अग्नि 5 मिसाइल परीक्षण, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा 11 मार्च 2024 को सफलतापूर्वक किया गया था.

नवंबर 2022 में, युआन वांग 6 और युआन वांग 5 नियोजित मिसाइल परीक्षण से कुछ दिन पहले हिंद महासागर क्षेत्र में घूमते रहे. भारत ने बाद में NOTAM (एयरमैन को अधिसूचना) को रद कर दिया. इसमें 10 और 11 नवंबर, 2022 को होने वाले परीक्षणों के लिए बंगाल की खाड़ी में नो-फ्लाई ज़ोन की घोषणा की गई थी.

 दिसंबर 2022 में, भारत ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर फिर से NOTAM जारी किया. इसके बाद चीनी अनुसंधान पोत युआन वांग 05 ने अपने मार्ग से यू-टर्न लिया और भारतीय महासागर क्षेत्र में वापस आ गया.

चीन के जासूसी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में घुस रहे
चीनी जासूसी जहाजों में से कुछ हैं जियांग यांग हांग 01, जियांग यांग हांग 03, यांग वांग 7 और बेई डियाओ 996. इन तीनों का हिंद महासागर क्षेत्र में घुसने का आरोप लगता रहा है.

 सितंबर 2019 में, भारतीय नौसेना ने शियान 1 नामक चीनी शोध पोत को खदेड़ दिया. ये पोत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट पर भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में बिना अनुमति के काम करते हुए पकड़ा गया था.

 2019 और 2021 के बीच, जासूसी पोत जियांग यांग हांग 01 पूर्वी इंडोनेशिया और म्यांमार के करीब पाया गया. यह पोत कई बार इस क्षेत्र में हो कई बार जा चुका हो.

 इसी पोत का एक उन्नत संस्करण जियांग यांग होंग 03 वर्ष 2019 और 2020 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सर्वेक्षण करते हुए देखा गया.

 अगस्त 2023: शुपांग श्रेणी के हाइड्रोग्राफिक पोत डेंग जियाक्सियन को 10-24 अगस्त तक आईओआर में तैनात किया गया. यह पोत 28 अगस्त को सुंडा जलडमरूमध्य के माध्यम से आईओआर में फिर से प्रवेश किया और सितंबर 2023 की शुरुआत में लोम्बोक/ओम्बाई वेटार जलडमरूमध्य से बाहर निकल गया. 11 सितंबर, 2023 को इसी पोत को फिलीपींस सागर का सर्वेक्षण करते हुए देखा गया.

 इसी पोत के विभिन्न संस्करण श्रीलंका के करीब दक्षिणी हिंद महासागर में भी देखे गए हैं.

 मालदीव ने आने वाले सप्ताह में एक चीनी जासूसी जहाज को अपने जलक्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दे दी है. वहीं श्री लंका सरकार ने इस वर्ष 2024 में ऐसे जहाजों के दौरे पर रोक लगा दी है.

गौर करें तो पहलगाम आतंकी हमले में 22 अप्रैल को 25 नागरिकों समेत 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकियों को पर खुला प्रहार किया था. भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करते हुए 100 से अधिक टेरेरिस्टों को खाक में मिला दिया था. इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया था. भारत को टार्गेट कर दागी गई कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था. उनके एयर डिपेंस सिस्टम को ही जाम कर दिया था.

हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर चल रहा है. फिर भी भारत की सेना, खास तौर पर अरब सागर और उत्तरी हिंद महासागर में नौसेना हाई अलर्ट पर हैं. इस बीच चीने जहाज दा यांग यी हाओ के उन्नत सेंसर और हाइड्रोग्राफिक उपकरण, भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत सहित भारतीय युद्धपोतों की गतिविधियों पर नज़र रखने की कोशिश कर सकते हैं. साथ ही ये पाकिस्तान की मदद के लिए भी काम कर सकते हैं. ऐसे में इंडिया और इंलिट्री को चौकस रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें - नौसेना ने अंडमान-निकोबार से संदिग्ध चीनी जहाज वापस भेजा

हैदराबाद: भू-राजनीतिक तनाव, खासकर भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच एक तथाकथित चीनी अनुसंधान जहाज भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहा है. गौर करें तो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार के आतंकियों को सबक सिखाते हुए पाकिस्तान की गर्दन पर तगड़ी चोट की थी. इस बीच चीन के तथाकथित अनुसंधान जहाज का भारत की ओर बढ़ना इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच के गठजोड़ की कहानी का हिस्सा हो सकता है.

इस चीनी जहाज को लेकर ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि चीन का एक तथाकथित अनुसंधान जहाज, 'दा यांग यी हाओ' भारत की सीमा की ओर बढ़ रहा है. उधर भारतीय एजेंसियां भी सक्रिय हैं, और मूवमेंट पर नजर रख रही हैं.

चीनी अनुसंधान (जासूसी) जहाज की क्षमता
दा यांग यी हाओ उन कई जहाजों में से एक है, जिन्हें चीन अनुसंधान जहाज कहता है, लेकिन भारत और अन्य देश उन्हें जासूसी जहाज मानते हैं. इन जहाजों में नागरिक और सैन्य अनुप्रयोगों के साथ दोहरे उद्देश्य वाली वैज्ञानिक क्षमताएं हैं. वे समुद्र तल का नक्शा बना सकते हैं. मिसाइलों को ट्रैक कर सकते हैं. पनडुब्बियों की रीडिंग सहित कई चीजों पर नजर रख सकते हैं. वे समुद्र विज्ञान संबंधी वैज्ञानिक अभियानों, जैसे गहरे समुद्र की खोज और समुद्री संसाधन सर्वेक्षण की आड़ में ऐसी गतिविधियां करते हैं.

चीनी अनुसंधान पोतों के बारे में
 चीन के पास अनुसंधान पोतों का एक विशाल बेड़ा है. साथ ही उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा नागरिक अनुसंधान पोत बेड़ा है. ये बेड़ा अक्सर सैन्य उद्देश्यों के लिए सुर्खियों में रहता है.

 भारत ने हिंद महासागर में चीनी अनुसंधान को सीमित करने की कोशिश की है. वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि कई जहाजों का इस्तेमाल जासूसी के लिए किया जाता है.

 चीन अपने तथाकथित चीन समुद्री अनुसंधान पोतों की संख्या और आकार दोनों में लगातार विस्तार कर रहा है. यह 2012 में स्थापित एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण बेड़ा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक "मजबूत समुद्री देश" के निर्माण के लिए पहले ही कह चुके हैं.

 अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के डेटाबेस के मुताबिक, 1990 में या उसके बाद निर्मित 64 पंजीकृत चीनी सर्वेक्षण पोत हैं, जो अमेरिका के 44 और जापान के 23 से अधिक हैं.

 चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया है. चीन ने 2019 से श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड और पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र के करीब जासूसी पोत, जिसे वह महासागर अनुसंधान पोत बताता है, तैनात किए हैं. इन सबका उद्देश्य क्षेत्र में भारत की संपत्तियों की निगरानी करना और समुद्र तल में खनिजों पर अनुसंधान करना है.

 2023 में, चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में 25 शोध और ट्रैकिंग जहाजों को तैनात करने की सूचना दी थी.

 रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 से अब तक हिंद महासागर क्षेत्र में कुल 48 चीनी वैज्ञानिक अनुसंधान जहाज तैनात किए गए हैं.

भारतीय मिसाइल परीक्षणों पर चीनी जहाजों की निगरानी की घटनाएं
मार्च 2024: जियांग यांग होंग 01, भारतीय मिसाइल अग्नि 5 परीक्षण से ठीक पहले कई दिनों तक बंगाल की खाड़ी में देखा गया था. एक समय पर, जहाज विशाखापत्तनम से केवल 250 समुद्री मील दूर था. अग्नि 5 मिसाइल परीक्षण, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा 11 मार्च 2024 को सफलतापूर्वक किया गया था.

नवंबर 2022 में, युआन वांग 6 और युआन वांग 5 नियोजित मिसाइल परीक्षण से कुछ दिन पहले हिंद महासागर क्षेत्र में घूमते रहे. भारत ने बाद में NOTAM (एयरमैन को अधिसूचना) को रद कर दिया. इसमें 10 और 11 नवंबर, 2022 को होने वाले परीक्षणों के लिए बंगाल की खाड़ी में नो-फ्लाई ज़ोन की घोषणा की गई थी.

 दिसंबर 2022 में, भारत ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर फिर से NOTAM जारी किया. इसके बाद चीनी अनुसंधान पोत युआन वांग 05 ने अपने मार्ग से यू-टर्न लिया और भारतीय महासागर क्षेत्र में वापस आ गया.

चीन के जासूसी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में घुस रहे
चीनी जासूसी जहाजों में से कुछ हैं जियांग यांग हांग 01, जियांग यांग हांग 03, यांग वांग 7 और बेई डियाओ 996. इन तीनों का हिंद महासागर क्षेत्र में घुसने का आरोप लगता रहा है.

 सितंबर 2019 में, भारतीय नौसेना ने शियान 1 नामक चीनी शोध पोत को खदेड़ दिया. ये पोत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तट पर भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में बिना अनुमति के काम करते हुए पकड़ा गया था.

 2019 और 2021 के बीच, जासूसी पोत जियांग यांग हांग 01 पूर्वी इंडोनेशिया और म्यांमार के करीब पाया गया. यह पोत कई बार इस क्षेत्र में हो कई बार जा चुका हो.

 इसी पोत का एक उन्नत संस्करण जियांग यांग होंग 03 वर्ष 2019 और 2020 में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में सर्वेक्षण करते हुए देखा गया.

 अगस्त 2023: शुपांग श्रेणी के हाइड्रोग्राफिक पोत डेंग जियाक्सियन को 10-24 अगस्त तक आईओआर में तैनात किया गया. यह पोत 28 अगस्त को सुंडा जलडमरूमध्य के माध्यम से आईओआर में फिर से प्रवेश किया और सितंबर 2023 की शुरुआत में लोम्बोक/ओम्बाई वेटार जलडमरूमध्य से बाहर निकल गया. 11 सितंबर, 2023 को इसी पोत को फिलीपींस सागर का सर्वेक्षण करते हुए देखा गया.

 इसी पोत के विभिन्न संस्करण श्रीलंका के करीब दक्षिणी हिंद महासागर में भी देखे गए हैं.

 मालदीव ने आने वाले सप्ताह में एक चीनी जासूसी जहाज को अपने जलक्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दे दी है. वहीं श्री लंका सरकार ने इस वर्ष 2024 में ऐसे जहाजों के दौरे पर रोक लगा दी है.

गौर करें तो पहलगाम आतंकी हमले में 22 अप्रैल को 25 नागरिकों समेत 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी. उसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और उसके पाले हुए आतंकियों को पर खुला प्रहार किया था. भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करते हुए 100 से अधिक टेरेरिस्टों को खाक में मिला दिया था. इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया था. भारत को टार्गेट कर दागी गई कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था. उनके एयर डिपेंस सिस्टम को ही जाम कर दिया था.

हालांकि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर चल रहा है. फिर भी भारत की सेना, खास तौर पर अरब सागर और उत्तरी हिंद महासागर में नौसेना हाई अलर्ट पर हैं. इस बीच चीने जहाज दा यांग यी हाओ के उन्नत सेंसर और हाइड्रोग्राफिक उपकरण, भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत सहित भारतीय युद्धपोतों की गतिविधियों पर नज़र रखने की कोशिश कर सकते हैं. साथ ही ये पाकिस्तान की मदद के लिए भी काम कर सकते हैं. ऐसे में इंडिया और इंलिट्री को चौकस रहने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें - नौसेना ने अंडमान-निकोबार से संदिग्ध चीनी जहाज वापस भेजा

Last Updated : May 17, 2025 at 2:31 PM IST
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