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चंडीगढ़ के इन ख़ास बच्चों ने सबको चौंकाया, आंखों की रोशनी गंवाकर भी CBSE एग्जाम में शानदार रिजल्ट, एसिड अटैक सर्वाइवर "काफी" बनी टॉपर - CHANDIGARH BLIND SCHOOL TOPPER

चंडीगढ़ ब्लाइंड स्कूल के बच्चों ने सीबीएसई के 10वीं, 12वीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है. एसिड अटैक सर्वाइवर काफी ने टॉप किया है.

Children of blind schools of Chandigarh performed brilliantly in CBSE exam Kafi topped the 12th board
चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल के बच्चों ने (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 14, 2025 at 8:49 PM IST

6 Min Read

चंडीगढ़ : सीबीएसई के 10वीं, 12वीं की परीक्षा में चंडीगढ़ ब्लाइंड स्कूल के बच्चों का शानदार प्रदर्शन रहा है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेल चुकी "काफी" नाम की छात्रा ने 95.6% अंक लाकर 12वीं में टॉप किया है, वहीं नेत्रहीन होने के बावजूद सुमंत पोद्दार और गुरशरण ने 94% अंक लाकर स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया है.

"काफी" ने किया टॉप : चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में सीबीएसई की 12वीं की कक्षा में इस बार 16 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 12 बच्चों का रिजल्ट फर्स्ट डिवीजन रहा है, वहीं दसवीं की परीक्षा में कुल 13 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से दो छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन और बाकी छात्रों की सेकंड डिवीजन रही है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेलने के बाद शारीरिक और मानसिक तकलीफों से जूझने के बावजूद "काफी" नाम की छात्रा ने 12वीं की परीक्षा में 95.6% अंक लाकर टॉप किया है, वहीं दूसरे स्थान पर सुमंत पोद्दार रहे हैं जिन्होंने 94% अंक हासिल किये. वहीं गुरशरण सिंह ने 93.6% अंक हासिल करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं 10वीं कक्षा के बच्चों में सनी कुमार चौहान ने 86.20 प्रतिशत लाकर पहला स्थान हासिल किया है, जबकि दूसरे स्थान पर सिमरत कौर जिन्होंने 82.60 प्रतिशत अंक और तीसरे स्थान पर नीतिका जिन्होंने 78.60% अंक हासिल किए हैं.

चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल के बच्चों से एक्सक्लूसिव बातचीत (Etv Bharat)

3 साल की उम्र में "काफी" पर एसिड अटैक : ईटीवी भारत ने सभी टॉपर स्टूडेंट्स के साथ खास बातचीत की है. काफी ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके अंक 99% से ज्यादा आएंगे, लेकिन 95.60% आने पर भी वे खुश हैं. साथ ही परिवार के लोगों को भी उन पर गर्व है. काफी ने बताया कि मैं और मेरा परिवार हरियाणा के हिसार का रहने वाला है. 3 साल की उम्र में उनके पड़ोसी ने उन पर के एसिड अटैक किया था तभी से उनका चेहरा बिगड़ गया लेकिन उनके परिवार और उन्होंने हार नहीं मानी. काफी ने अपनी हिम्मत और पढ़ाई के दम पर अपने माता-पिता को कभी भी निराश नहीं होने दिया. काफी ने बताया कि पहले उनके पिता दिल्ली में रहते थे जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन जब उन्हें ब्लाइंड स्कूल के बारे में पता चला तो उन्होंने चंडीगढ़ रहना शुरू कर दिया. आज उनके पिता हरियाणा सेक्रेटेरिएट में काम करते है और उनकी मां एक गृहणी के तौर पर काम करती हैं. वहीं उनका लक्ष्य था कि वे 12वीं की परीक्षा में 99% अंक हासिल करें, आज वे खुश हैं कि उनके 95. 60 % अंक आए हैं.

Children of blind schools of Chandigarh performed brilliantly in CBSE exam Kafi topped the 12th board
चंडीगढ़ के इन ख़ास बच्चों ने सबको चौंकाया (Etv Bharat)
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना : काफी ने बताया कि 12वीं के बाद वे जल्द ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के लिए हुए एंट्रेंस एग्जाम को देंगी. काफी ने बताया कि ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद वे एक आईएएस बनना चाहती है और देश सेवा करना चाहती हैं. काफी ने बताया कि ब्लाइंड स्कूल में उन्हें एक ब्रेल के जरिए पढ़ाया जाता था, जहां पर हर एक सब्जेक्ट से संबंधित किताब बनाई गई है. साथ ही उनके सब्जेक्ट से संबंधित ऑडियो भी शिक्षकों की ओर से उन्हें मुहैया करवाई जाती थी. दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करने के साथ वे म्यूजिक से अपने पढ़ाई के स्ट्रेस को काम करती थी.
Children of blind schools of Chandigarh performed brilliantly in CBSE exam Kafi topped the 12th board
ब्रेल के जरिए पढ़ाई (Etv Bharat)
गुरशरण ने क्या कहा ? : वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए गुरशरण ने बताया कि उनका टारगेट 99% अंक लाने का था, लेकिन खुशी है कि उनके 93.6% अंक आए हैं. इससे ना सिर्फ उन्हें खुशी है बल्कि उनके माता-पिता भी बहुत खुश है. गुरशरण ने बताया कि भले ही मैंने तीसरा स्थान लिया है. लेकिन मैं अपनी मेहनत जारी रखूंगा. गुरशरण ने बताया कि वे एक बिजनेसमैन बनना चाहते हैं. फिलहाल वे ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं.काबिलियत साबित की : गुरशरण के माता-पिता ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके दोनों बच्चे भले ही नेत्रहीन है, लेकिन दोनों ही समझदार और पढ़ाई में तेज है. आज उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने टॉप किया है. उन्होंने बताया कि अक्सर उन्हें आसपास के लोगों द्वारा बच्चों की स्थिति के लिए तरह-तरह की बातें सुनाई जाती थी. लेकिन आज जब बच्चों ने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन दिखाया हैं तो इससे ज्यादा खुशी किसी को नहीं होगी कि उन्होंने अपनी काबिलियत से सबका मुंह बंद किया है. गुरशरण जहां बिजनेसमैन बनना चाहता है, वहीं उसकी बहन जो अभी दसवीं क्लास में है, वो जज बनना चाहती हैं. हम दोनों ही बच्चों के सपनों को पूरा करने की कोशिश करेंगे.
चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल के बच्चों का शानदार प्रदर्शन (Etv Bharat)

सनी ने चैट जीपीटी की मदद ली : वहीं दसवीं कक्षा में पहले स्थान पर आने वाले सनी कुमार ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि वे 90% अंक हासिल करेंगे लेकिन उन्हें सिर्फ 86. 4% ही अंक हासिल हुए है. लेकिन वे आगे 11वीं और 12वीं में इस कमी को पूरा करेंगे. सनी ने बताया कि परीक्षा के समय जब उन्हें किसी भी टॉपिक से संबंधित जानकारी लेनी होती थी तो वे हमेशा चैट जीपीटी इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई करते थे. पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले की रहने वाली सिमरन 2017 से ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई कर रही है. सिमरन ने बताया कि इस बार भले ही उनके अंक 82 प्रतिशत तक रहे हैं, लेकिन 12वीं कक्षा में इससे भी ज्यादा अंक हासिल करके टॉप करेंगी. वहीं ब्लाइंड स्कूल के प्रिंसिपल राकेश शर्मा ने बताया कि ये बहुत खुशी की बात है की दृष्टि बाधित छात्रों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.

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चंडीगढ़ : सीबीएसई के 10वीं, 12वीं की परीक्षा में चंडीगढ़ ब्लाइंड स्कूल के बच्चों का शानदार प्रदर्शन रहा है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेल चुकी "काफी" नाम की छात्रा ने 95.6% अंक लाकर 12वीं में टॉप किया है, वहीं नेत्रहीन होने के बावजूद सुमंत पोद्दार और गुरशरण ने 94% अंक लाकर स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया है.

"काफी" ने किया टॉप : चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में सीबीएसई की 12वीं की कक्षा में इस बार 16 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 12 बच्चों का रिजल्ट फर्स्ट डिवीजन रहा है, वहीं दसवीं की परीक्षा में कुल 13 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से दो छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन और बाकी छात्रों की सेकंड डिवीजन रही है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेलने के बाद शारीरिक और मानसिक तकलीफों से जूझने के बावजूद "काफी" नाम की छात्रा ने 12वीं की परीक्षा में 95.6% अंक लाकर टॉप किया है, वहीं दूसरे स्थान पर सुमंत पोद्दार रहे हैं जिन्होंने 94% अंक हासिल किये. वहीं गुरशरण सिंह ने 93.6% अंक हासिल करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं 10वीं कक्षा के बच्चों में सनी कुमार चौहान ने 86.20 प्रतिशत लाकर पहला स्थान हासिल किया है, जबकि दूसरे स्थान पर सिमरत कौर जिन्होंने 82.60 प्रतिशत अंक और तीसरे स्थान पर नीतिका जिन्होंने 78.60% अंक हासिल किए हैं.

चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल के बच्चों से एक्सक्लूसिव बातचीत (Etv Bharat)

3 साल की उम्र में "काफी" पर एसिड अटैक : ईटीवी भारत ने सभी टॉपर स्टूडेंट्स के साथ खास बातचीत की है. काफी ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके अंक 99% से ज्यादा आएंगे, लेकिन 95.60% आने पर भी वे खुश हैं. साथ ही परिवार के लोगों को भी उन पर गर्व है. काफी ने बताया कि मैं और मेरा परिवार हरियाणा के हिसार का रहने वाला है. 3 साल की उम्र में उनके पड़ोसी ने उन पर के एसिड अटैक किया था तभी से उनका चेहरा बिगड़ गया लेकिन उनके परिवार और उन्होंने हार नहीं मानी. काफी ने अपनी हिम्मत और पढ़ाई के दम पर अपने माता-पिता को कभी भी निराश नहीं होने दिया. काफी ने बताया कि पहले उनके पिता दिल्ली में रहते थे जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन जब उन्हें ब्लाइंड स्कूल के बारे में पता चला तो उन्होंने चंडीगढ़ रहना शुरू कर दिया. आज उनके पिता हरियाणा सेक्रेटेरिएट में काम करते है और उनकी मां एक गृहणी के तौर पर काम करती हैं. वहीं उनका लक्ष्य था कि वे 12वीं की परीक्षा में 99% अंक हासिल करें, आज वे खुश हैं कि उनके 95. 60 % अंक आए हैं.

Children of blind schools of Chandigarh performed brilliantly in CBSE exam Kafi topped the 12th board
चंडीगढ़ के इन ख़ास बच्चों ने सबको चौंकाया (Etv Bharat)
दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना : काफी ने बताया कि 12वीं के बाद वे जल्द ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस के लिए हुए एंट्रेंस एग्जाम को देंगी. काफी ने बताया कि ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद वे एक आईएएस बनना चाहती है और देश सेवा करना चाहती हैं. काफी ने बताया कि ब्लाइंड स्कूल में उन्हें एक ब्रेल के जरिए पढ़ाया जाता था, जहां पर हर एक सब्जेक्ट से संबंधित किताब बनाई गई है. साथ ही उनके सब्जेक्ट से संबंधित ऑडियो भी शिक्षकों की ओर से उन्हें मुहैया करवाई जाती थी. दिन में 6 से 7 घंटे पढ़ाई करने के साथ वे म्यूजिक से अपने पढ़ाई के स्ट्रेस को काम करती थी.
Children of blind schools of Chandigarh performed brilliantly in CBSE exam Kafi topped the 12th board
ब्रेल के जरिए पढ़ाई (Etv Bharat)
गुरशरण ने क्या कहा ? : वहीं ईटीवी भारत से बात करते हुए गुरशरण ने बताया कि उनका टारगेट 99% अंक लाने का था, लेकिन खुशी है कि उनके 93.6% अंक आए हैं. इससे ना सिर्फ उन्हें खुशी है बल्कि उनके माता-पिता भी बहुत खुश है. गुरशरण ने बताया कि भले ही मैंने तीसरा स्थान लिया है. लेकिन मैं अपनी मेहनत जारी रखूंगा. गुरशरण ने बताया कि वे एक बिजनेसमैन बनना चाहते हैं. फिलहाल वे ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ना चाहते हैं.काबिलियत साबित की : गुरशरण के माता-पिता ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके दोनों बच्चे भले ही नेत्रहीन है, लेकिन दोनों ही समझदार और पढ़ाई में तेज है. आज उन्हें गर्व है कि उनके बेटे ने टॉप किया है. उन्होंने बताया कि अक्सर उन्हें आसपास के लोगों द्वारा बच्चों की स्थिति के लिए तरह-तरह की बातें सुनाई जाती थी. लेकिन आज जब बच्चों ने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन दिखाया हैं तो इससे ज्यादा खुशी किसी को नहीं होगी कि उन्होंने अपनी काबिलियत से सबका मुंह बंद किया है. गुरशरण जहां बिजनेसमैन बनना चाहता है, वहीं उसकी बहन जो अभी दसवीं क्लास में है, वो जज बनना चाहती हैं. हम दोनों ही बच्चों के सपनों को पूरा करने की कोशिश करेंगे.
चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल के बच्चों का शानदार प्रदर्शन (Etv Bharat)

सनी ने चैट जीपीटी की मदद ली : वहीं दसवीं कक्षा में पहले स्थान पर आने वाले सनी कुमार ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि वे 90% अंक हासिल करेंगे लेकिन उन्हें सिर्फ 86. 4% ही अंक हासिल हुए है. लेकिन वे आगे 11वीं और 12वीं में इस कमी को पूरा करेंगे. सनी ने बताया कि परीक्षा के समय जब उन्हें किसी भी टॉपिक से संबंधित जानकारी लेनी होती थी तो वे हमेशा चैट जीपीटी इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई करते थे. पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले की रहने वाली सिमरन 2017 से ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई कर रही है. सिमरन ने बताया कि इस बार भले ही उनके अंक 82 प्रतिशत तक रहे हैं, लेकिन 12वीं कक्षा में इससे भी ज्यादा अंक हासिल करके टॉप करेंगी. वहीं ब्लाइंड स्कूल के प्रिंसिपल राकेश शर्मा ने बताया कि ये बहुत खुशी की बात है की दृष्टि बाधित छात्रों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.

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