चंडीगढ़ : सीबीएसई के 10वीं, 12वीं की परीक्षा में चंडीगढ़ ब्लाइंड स्कूल के बच्चों का शानदार प्रदर्शन रहा है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेल चुकी "काफी" नाम की छात्रा ने 95.6% अंक लाकर 12वीं में टॉप किया है, वहीं नेत्रहीन होने के बावजूद सुमंत पोद्दार और गुरशरण ने 94% अंक लाकर स्कूल और परिवार का नाम रोशन किया है.
"काफी" ने किया टॉप : चंडीगढ़ के ब्लाइंड स्कूल में सीबीएसई की 12वीं की कक्षा में इस बार 16 छात्रों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 12 बच्चों का रिजल्ट फर्स्ट डिवीजन रहा है, वहीं दसवीं की परीक्षा में कुल 13 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से दो छात्रों ने फर्स्ट डिवीजन और बाकी छात्रों की सेकंड डिवीजन रही है. 3 साल की उम्र में एसिड अटैक झेलने के बाद शारीरिक और मानसिक तकलीफों से जूझने के बावजूद "काफी" नाम की छात्रा ने 12वीं की परीक्षा में 95.6% अंक लाकर टॉप किया है, वहीं दूसरे स्थान पर सुमंत पोद्दार रहे हैं जिन्होंने 94% अंक हासिल किये. वहीं गुरशरण सिंह ने 93.6% अंक हासिल करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं 10वीं कक्षा के बच्चों में सनी कुमार चौहान ने 86.20 प्रतिशत लाकर पहला स्थान हासिल किया है, जबकि दूसरे स्थान पर सिमरत कौर जिन्होंने 82.60 प्रतिशत अंक और तीसरे स्थान पर नीतिका जिन्होंने 78.60% अंक हासिल किए हैं.
3 साल की उम्र में "काफी" पर एसिड अटैक : ईटीवी भारत ने सभी टॉपर स्टूडेंट्स के साथ खास बातचीत की है. काफी ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके अंक 99% से ज्यादा आएंगे, लेकिन 95.60% आने पर भी वे खुश हैं. साथ ही परिवार के लोगों को भी उन पर गर्व है. काफी ने बताया कि मैं और मेरा परिवार हरियाणा के हिसार का रहने वाला है. 3 साल की उम्र में उनके पड़ोसी ने उन पर के एसिड अटैक किया था तभी से उनका चेहरा बिगड़ गया लेकिन उनके परिवार और उन्होंने हार नहीं मानी. काफी ने अपनी हिम्मत और पढ़ाई के दम पर अपने माता-पिता को कभी भी निराश नहीं होने दिया. काफी ने बताया कि पहले उनके पिता दिल्ली में रहते थे जहां उनका इलाज चल रहा था, लेकिन जब उन्हें ब्लाइंड स्कूल के बारे में पता चला तो उन्होंने चंडीगढ़ रहना शुरू कर दिया. आज उनके पिता हरियाणा सेक्रेटेरिएट में काम करते है और उनकी मां एक गृहणी के तौर पर काम करती हैं. वहीं उनका लक्ष्य था कि वे 12वीं की परीक्षा में 99% अंक हासिल करें, आज वे खुश हैं कि उनके 95. 60 % अंक आए हैं.


सनी ने चैट जीपीटी की मदद ली : वहीं दसवीं कक्षा में पहले स्थान पर आने वाले सनी कुमार ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि वे 90% अंक हासिल करेंगे लेकिन उन्हें सिर्फ 86. 4% ही अंक हासिल हुए है. लेकिन वे आगे 11वीं और 12वीं में इस कमी को पूरा करेंगे. सनी ने बताया कि परीक्षा के समय जब उन्हें किसी भी टॉपिक से संबंधित जानकारी लेनी होती थी तो वे हमेशा चैट जीपीटी इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई करते थे. पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले की रहने वाली सिमरन 2017 से ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई कर रही है. सिमरन ने बताया कि इस बार भले ही उनके अंक 82 प्रतिशत तक रहे हैं, लेकिन 12वीं कक्षा में इससे भी ज्यादा अंक हासिल करके टॉप करेंगी. वहीं ब्लाइंड स्कूल के प्रिंसिपल राकेश शर्मा ने बताया कि ये बहुत खुशी की बात है की दृष्टि बाधित छात्रों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.
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