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मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बाढ़ से प्रभावित रामबन के लिए केंद्र से मांगी मदद - RAMBAN FLOOD LANDSLIDE

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तत्काल प्रधानमंत्री राहत कोष और अन्य उपलब्ध कोषों के माध्यम से क्षतिपूर्ति प्रदान करने की मांग की.

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उमर अब्दुल्ला (ani)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 21, 2025 at 5:29 PM IST

3 Min Read

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी है. इस आपदा में अब तक तीन लोगों की जान जाने की खबर है. बाढ़ के कारण लगभग 250 आवासीय घरों के साथ-साथ वाणिज्यिक संपत्तियां और वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

इस गंभीर स्थिति के बाद जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रामबन में हुए भारी नुकसान के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की है. उन्होंने इस मामले को तत्काल प्रधानमंत्री राहत कोष और अन्य उपलब्ध कोषों के माध्यम से क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है.

राजमार्ग क्षतिग्रस्त, आवागमन बाधित: इस आपदा के कारण सबसे बड़ी समस्या भूस्खलन से राजमार्ग का बाधित होना है. लगभग 10 किलोमीटर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, और कई हिस्से भूस्खलन और मलबे के कारण बह गए हैं. यह राजमार्ग क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है. राजमार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं, और कई लोग प्रभावित क्षेत्र को पार करने के लिए पैदल चलने को मजबूर हैं.

स्थिति का जायजा: रामबन के लिए रवाना होने से पहले उमर अब्दुल्ला ने जमीनी हालात का जायजा लिया. उन्होंने कहा, रामबन में राजमार्ग के आसपास की स्थिति काफी गंभीर है. हम राजमार्ग और प्रभावित घरों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ राजमार्ग के बचाव और बहाली कार्यों की निगरानी के लिए एक बैठक करेंगे. इससे पहले, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने रामबन और निकटवर्ती बनिहाल के विधायकों के साथ इलाके का दौरा किया था.

एनडीआरएफ की तैनाती और राजमार्ग बहाली: मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में बचाव अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) को तैनात करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है. अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन एक तरफ से यातायात के लिए राजमार्ग को बहाल करने के लिए काम कर रहा है, लेकिन इसे पूरी तरह से बहाल होने में कम से कम दो दिन लग सकते हैं.

आवश्यक वस्तुओं की कमी की अफवाहों का खंडन: हालांकि राजमार्ग बंद है, मुख्यमंत्री ने आवश्यक वस्तुओं की कमी की अफवाहों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, "हमने अधिकारियों को पुलिस की मदद लेने और कालाबाजारी करने वालों पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है."

वैकल्पिक मार्ग खुला: राजमार्ग बंद है, कश्मीर को राजौरी और पुंछ से शोपियां के रास्ते जोड़ने वाला मुगल रोड एकतरफा यातायात के लिए खुला है. खराब मौसम को देखते हुए सरकार ने एहतियात के तौर पर सोमवार को कश्मीर के स्कूलों को बंद कर दिया था.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के रामबन में फंसे गुजराती पर्यटक सुरक्षित, सेना ने कराया भोजन

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी है. इस आपदा में अब तक तीन लोगों की जान जाने की खबर है. बाढ़ के कारण लगभग 250 आवासीय घरों के साथ-साथ वाणिज्यिक संपत्तियां और वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

इस गंभीर स्थिति के बाद जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रामबन में हुए भारी नुकसान के लिए केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की है. उन्होंने इस मामले को तत्काल प्रधानमंत्री राहत कोष और अन्य उपलब्ध कोषों के माध्यम से क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है.

राजमार्ग क्षतिग्रस्त, आवागमन बाधित: इस आपदा के कारण सबसे बड़ी समस्या भूस्खलन से राजमार्ग का बाधित होना है. लगभग 10 किलोमीटर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है, और कई हिस्से भूस्खलन और मलबे के कारण बह गए हैं. यह राजमार्ग क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है. राजमार्ग पर कई वाहन फंसे हुए हैं, और कई लोग प्रभावित क्षेत्र को पार करने के लिए पैदल चलने को मजबूर हैं.

स्थिति का जायजा: रामबन के लिए रवाना होने से पहले उमर अब्दुल्ला ने जमीनी हालात का जायजा लिया. उन्होंने कहा, रामबन में राजमार्ग के आसपास की स्थिति काफी गंभीर है. हम राजमार्ग और प्रभावित घरों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ राजमार्ग के बचाव और बहाली कार्यों की निगरानी के लिए एक बैठक करेंगे. इससे पहले, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने रामबन और निकटवर्ती बनिहाल के विधायकों के साथ इलाके का दौरा किया था.

एनडीआरएफ की तैनाती और राजमार्ग बहाली: मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में बचाव अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए राष्ट्रीय आपदा बल (एनडीआरएफ) को तैनात करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया है. अब्दुल्ला ने कहा कि प्रशासन एक तरफ से यातायात के लिए राजमार्ग को बहाल करने के लिए काम कर रहा है, लेकिन इसे पूरी तरह से बहाल होने में कम से कम दो दिन लग सकते हैं.

आवश्यक वस्तुओं की कमी की अफवाहों का खंडन: हालांकि राजमार्ग बंद है, मुख्यमंत्री ने आवश्यक वस्तुओं की कमी की अफवाहों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, "हमने अधिकारियों को पुलिस की मदद लेने और कालाबाजारी करने वालों पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है."

वैकल्पिक मार्ग खुला: राजमार्ग बंद है, कश्मीर को राजौरी और पुंछ से शोपियां के रास्ते जोड़ने वाला मुगल रोड एकतरफा यातायात के लिए खुला है. खराब मौसम को देखते हुए सरकार ने एहतियात के तौर पर सोमवार को कश्मीर के स्कूलों को बंद कर दिया था.

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