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मंगलवार को यहां जन सुनवाई करते हैं बालक हनुमान, लिखित में देना पड़ती है एप्लीकेशन - CHHINDWARA EAST FACING HANUMANJI

अयोध्या के बाद छिंदवाड़ा में पूर्व मुखी हनुमानजी की प्रतिमा बाल रूप में विराजमान है. इच्छा पूरी होने पर भक्त नारियल का हार चढ़ाते हैं.

CHHINDWARA EAST FACING HANUMANJI
छिंदवाड़ा में बाल रूप में विराजित हैं पूर्व मुखी हनुमान जी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 10, 2025 at 6:20 PM IST

Updated : April 11, 2025 at 9:10 AM IST

2 Min Read

छिंदवाड़ा(महेन्द्र राय): छिंदवाड़ा में बाल रूप में विराजित पूर्व मुखी हनुमान जी की एक ऐसी प्रतिमा है जिनके सामने हर मंगलवार को जनसुनवाई सरकारी नियमों की तरह होती है. यहां पर भक्त लिखित में अपना आवेदन देते हैं और फिर उन आवेदनों पर भगवान सुनवाई करते हैं.

लाखों की संख्या में आवेदन, रजिस्टर में होता है रिकॉर्ड

छिंदवाड़ा के तिलक मार्केट में केसरी नंदन हनुमान मंदिर है. यहां पर हनुमान जी बाल रूप में पूर्व मुख में विराजमान हैं. मंदिर के पुजारी अनिल मालवीय ने बताया कि "पूर्व मुख में हनुमान जी सिर्फ अयोध्या में विराजमान हैं. उनका दूसरा मन्दिर छिंदवाड़ा में है जो पूर्व मुखी है. इसके अलावा हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा दक्षिण मुखी होती है. यहां पर लोग आते हैं और भगवान को लिखित में आवेदन देते हैं और फिर भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा एक रजिस्टर भी बनाया गया है जिसमें आवेदन क्रमांक होता है. हालांकि भक्तों के द्वारा दिए गए आवेदनों को किसी को भी खोलने की अनुमति नहीं होती है."

बालक हनुमान हर मंगलवार को करते हैं जन सुनवाई (ETV Bharat)

इच्छा पूरी होने पर नारियलों की चढ़ाते हैं तोरण

जो भक्त लिखित में अर्जी देता है, ऐसा मानना है कि उसकी इच्छा पूरी होती है. जब इच्छा पूरी हो जाती है तो वह अपनी इच्छा अनुसार नारियलों की तोरण यहां पर भगवान को भेंट करता है. यह नारियल तोड़े नहीं जाते बल्कि मंदिर की दीवारों के पास लगा दिए जाते हैं. अब हालात यह हैं कि मंदिर चारों तरफ से नारियलों से ढक चुका है. इसलिए इन्हें नारियल वाले हनुमान जी भी कहा जाता है.

child Hanuman public hearing
बालक हनुमान हर मंगलवार को यहां करते हैं जन सुनवाई (ETV Bharat)

जमीन के नीचे से विराजित हैं हनुमान जी

बाल रूप में विराजित श्री हनुमान जी की प्रतिमा जमीन से करीब 10 फीट नीचे है. बताया जाता है कि यह प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई थी और बाल रूप में थे. इसलिए आज भी गर्भ गृह में हैं. आमतौर पर जब मंदिर का निर्माण किया जाता है तो प्रतिमा जमीन के बराबर से सबसे ऊंची स्थापित की जाती है लेकिन यहां पर हनुमान जी जमीन से नीचे विराजित हैं और भक्तों को नीचे जाकर पूजा अर्चना करनी होती है.

छिंदवाड़ा(महेन्द्र राय): छिंदवाड़ा में बाल रूप में विराजित पूर्व मुखी हनुमान जी की एक ऐसी प्रतिमा है जिनके सामने हर मंगलवार को जनसुनवाई सरकारी नियमों की तरह होती है. यहां पर भक्त लिखित में अपना आवेदन देते हैं और फिर उन आवेदनों पर भगवान सुनवाई करते हैं.

लाखों की संख्या में आवेदन, रजिस्टर में होता है रिकॉर्ड

छिंदवाड़ा के तिलक मार्केट में केसरी नंदन हनुमान मंदिर है. यहां पर हनुमान जी बाल रूप में पूर्व मुख में विराजमान हैं. मंदिर के पुजारी अनिल मालवीय ने बताया कि "पूर्व मुख में हनुमान जी सिर्फ अयोध्या में विराजमान हैं. उनका दूसरा मन्दिर छिंदवाड़ा में है जो पूर्व मुखी है. इसके अलावा हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा दक्षिण मुखी होती है. यहां पर लोग आते हैं और भगवान को लिखित में आवेदन देते हैं और फिर भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं. मंदिर प्रबंधन द्वारा एक रजिस्टर भी बनाया गया है जिसमें आवेदन क्रमांक होता है. हालांकि भक्तों के द्वारा दिए गए आवेदनों को किसी को भी खोलने की अनुमति नहीं होती है."

बालक हनुमान हर मंगलवार को करते हैं जन सुनवाई (ETV Bharat)

इच्छा पूरी होने पर नारियलों की चढ़ाते हैं तोरण

जो भक्त लिखित में अर्जी देता है, ऐसा मानना है कि उसकी इच्छा पूरी होती है. जब इच्छा पूरी हो जाती है तो वह अपनी इच्छा अनुसार नारियलों की तोरण यहां पर भगवान को भेंट करता है. यह नारियल तोड़े नहीं जाते बल्कि मंदिर की दीवारों के पास लगा दिए जाते हैं. अब हालात यह हैं कि मंदिर चारों तरफ से नारियलों से ढक चुका है. इसलिए इन्हें नारियल वाले हनुमान जी भी कहा जाता है.

child Hanuman public hearing
बालक हनुमान हर मंगलवार को यहां करते हैं जन सुनवाई (ETV Bharat)

जमीन के नीचे से विराजित हैं हनुमान जी

बाल रूप में विराजित श्री हनुमान जी की प्रतिमा जमीन से करीब 10 फीट नीचे है. बताया जाता है कि यह प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई थी और बाल रूप में थे. इसलिए आज भी गर्भ गृह में हैं. आमतौर पर जब मंदिर का निर्माण किया जाता है तो प्रतिमा जमीन के बराबर से सबसे ऊंची स्थापित की जाती है लेकिन यहां पर हनुमान जी जमीन से नीचे विराजित हैं और भक्तों को नीचे जाकर पूजा अर्चना करनी होती है.

Last Updated : April 11, 2025 at 9:10 AM IST
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