रुद्रप्रयाग: चारधाम यात्रा की तैयारियां तेज हो गई हैं. बदरी-केदार मंदिर समिति की ओर से इस बार अभिनव पहल शुरू की गई है. जिससे तीर्थयात्रियों को राहत मिलने के साथ ही यात्रा को भी ग्रीन बनाया जा सकेगा. इसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है. इस बार चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को जूट की थैलियों में प्रसाद वितरण किया जाएगा.
आगामी चारधाम यात्रा को बदरी-केदार मंदिर समिति ने कमर कस ली है. इस बार मंदिर समिति यात्रा को प्लास्टिक मुक्त बनाने के साथ ही तीर्थयात्रियों को उनकी ही भाषा में जानकारी देने को लेकर प्लान बना रहा है. यह कार्य योजना यात्रा शुरू होने से पहले ही धरातल पर नजर आ जाएगी. जिससे देश-विदेश से केदारनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को भारी राहत मिलेगी. बीकेटीसी सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर बीकेटीसी की ओर से इस बार जूट की थैलियों में प्रसाद वितरण किया जाएगा.
बीकेटीसी सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कपाट बंद होने के बाद छह माह के दौरान कर्मचारी स्वयं ही जूट के बैग भी बना सकेंगे, जिसका प्रशिक्षण उन्हें दिया जा चुका है. धामों में बढ़ रहे प्लास्टिक कचरे के नियंत्रण की दिशा में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. उन्होंने बताया यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बदरी-केदार की 12 भाषाओं में जानकारी दी जाएगी. साथ ही अन्य 47 मठ-मंदिरों की भी जानकारी भक्तों को मिलेगी.
बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया यात्रा की तैयारियों को लेकर वे खुद भी दौरा करके आ चुके हैं. पहली बार बीकेटीसी द्वारा 12 भाषाओं में संपूर्ण जानकारीयां प्रकाशित की गई हैं, जो यात्रियों को निःशुल्क बांटी जाएंगीय उन्होंने बताया कि इस बार केदारनाथ मंदिर परिसर में रील्स बनाने वालों पर कार्यवाही की जाएगी. मंदिर परिसर में रील्स बनाए जाने से भीड़भाड़ का माहौल पैदा हो जाता है, अन्य श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में मंदिर परिसर के 30 मीटर दायरे में कोई रील्स नहीं बनाएगा.
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