गुवाहाटी: असम विधानसभा में सोमवार को तब हंगामा देखने को मिला जब सत्ताधारी पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक नूरुल हुदा ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नुमाल मोमिन पर सदन के बाहर हमला किया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
कांग्रेस विधायकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक रूपज्योति कुर्मी के खिलाफ विरोध जताने के लिए काले कपड़े पहनकर असम विधानसभा में भाग लिया. कुर्मी ने पिछले सप्ताह सदन के अंदर विपक्षी विधायकों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया था और उन पर हमला करने की कोशिश की थी.
हालांकि, हुदा ने कहा कि उन्होंने उपसभापति पर हमला नहीं किया, बल्कि विरोध प्रदर्शन के तहत रास्ता रोका था. विपक्षी विधायकों ने सोमवार को अध्यक्ष और उपसभापति के कक्षों की ओर जाने वाले रास्ते को अवरुद्ध करते हुए भाजपा विधायक रूपज्योति कुर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
शुक्रवार को कुर्मी ने रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने सदन में बोलते समय कुर्मी को परेशान किया तो वह गोगोई का माइक तोड़ देंगे. कुर्मी ने शुक्रवार को गोगोई को धमकी दी थी, "अगर आप मेरे बयानों में बाधा डालेंगे तो मैं आपका माइक तोड़ दूंगा. मैं आपके पास खड़ा रहूंगा और आपको सदन में बोलने नहीं दूंगा."
कुर्मी ने कांग्रेस के पूर्व विधायक शेरमन अली को भी धमकाया और उनका पीछा किया, जिन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक द्वारा विपक्षी पार्टी के विधायक को धमकाने का विरोध किया था. कुर्मी को सदन के अंदर गोगोई और अली पर चिल्लाने के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए भी सुना गया.
बैठक शुरू होने से पहले, कांग्रेस विधायकों ने कुर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विधानसभा भवन में सदन के अध्यक्ष के कक्ष के बाहर धरना दिया. मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने प्रश्नकाल के बीच में कहा, "मुझे मोमिन की ओर से व्हाट्सएप पर सूचना मिली कि नूरुल हुदा ने उन पर हमला किया है और अब वह अस्पताल में भर्ती हैं. मैं अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि वह पुलिस में मामला दर्ज कराएं क्योंकि यह सदन के बाहर हुआ है. पुलिस मामले की जांच करेगी."
इससे कुछ क्षण पहले, मोमिन सदन के अंदर बैठकर सत्र में भाग लेते देखे गए. कुछ समय बाद वह सदन से चले गए. विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से मामले की जांच करने को कहा है.
मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया ने पुलिस में मामला दर्ज करने के बजाय सदन की समिति से मामले की जांच कराए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि बताया जा रहा है कि यह घटना विधानसभा भवन के अंदर हुई थी.
कांग्रेस, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) समेत विपक्षी दलों के सदस्य सदन के आसन के करीब आए और मोमिन पर कथित हमले के संबंध में कुर्मी और सत्तारूढ़ पार्टी के बयान का विरोध किया. शर्मा के नेतृत्व में सत्ता पक्ष ने भी नारेबाजी करते हुए जवाब दिया और कहा कि एक आदिवासी व्यक्ति मोमिन पर विपक्ष ने हमला किया था.
किसी भी पक्ष के नरम न पड़ने पर, दैमारी ने कहा कि उन्होंने विधानसभा सचिव से मोमिन की स्थिति के बारे में पता करने को कहा है। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी.
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