चंडीगढ़ : कहते हैं कि अगर कुछ सीखने की ललक हो और आपने उसे अपनी ज़िद और जुनून बना लिया तो ज़िंदगी में कुछ भी हासिल कर सकते हैं. कुछ भी नामुमकिन नहीं है. कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चंडीगढ़ की रहने वाली जानवी जिंदल ने, जो अब स्केटिंग गर्ल के तौर पर मशहूर हो चुकी है.
9 साल की उम्र में पहनी स्केट्स : सिर्फ 9 साल की कच्ची उम्र जिसमें ज्यादातर बच्चे ठीक से ज़िंदगी का ककहरा भी नहीं समझ पाते हैं, उसी उम्र में चंडीगढ़ की रहने वाली जानवी जिंदल ने स्केटिंग को अपनाते हुए उसे अपनी जिद और जुनून बना डाला. हुआ कुछ यूं कि जानवी एक बार अपने पापा के साथ चंडीगढ़ के एक मॉल में गई और जहां बच्चे अपने पैरेंट्स से खिलौने, टेडी बियर दिलाने की जिद करते हैं, जानवी ने स्केट्स को पहनने की पापा से जिद कर डाली.
जानवी की ज़िंदगी में टर्निंग पॉइंट : पापा ने जानवी की जिद को मानते हुए उसे स्केट्स पहनाए तो जानवी पहली बार स्केट पहनने के बावजूद भी गिरी नहीं बल्कि उसने 9 साल की उम्र में ही कमाल का बैलेंस बना डाला. वहां उसे इतनी छोटी सी उम्र में ऐसा करते देखने वाले हक्के-बक्के रह गए. बस यही वो टर्निंग पॉइंट था, जहां से जानवी की जिंदगी ने करवट बदली और आज वो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी है.

यूट्यूब से सीखी स्केटिंग : मॉल में जानवी के स्केट्स पर बैलेंस को देखकर जानवी के पापा ने तब उसके लिए स्केट्स तो खरीद लिए. लेकिन अब सवाल ये था कि जानवी ठीक से स्केटिंग सीखेगी कैसे. तब स्केटिंग सिखाने वाला भी कोई नहीं था. जानवी स्केटिंग करना चाहती थी और फिर उसके पापा ने कोच बनकर उसकी इसमें मदद की. प्रोफेशनल कोचिंग के अभाव में जानवी और उसके पापा ने इंटरनेट का सहारा लिया और यूट्यूब के जरिए स्केटिंग के गुर सीखने शुरू कर दिए और फिर उस पर रियलटाइम में प्रैक्टिस शुरू कर दी.

गिरी, फिर उठी, हार नहीं मानी : यूट्यूब पर वीडियोज़ देखकर जानवी लगातार स्केटिंग सीख रही थी. इस दौरान वो कई बार गिरी, कई बार चोटें भी आई, लेकिन जानवी ने हार नहीं मानी क्योंकि उसने स्केटिंग सीखने की ठानी थी. फिर धीरे-धीरे वो स्केटिंग सीखती चली गई और लगातार प्रैक्टिस के साथ वो इसमें माहिर हो गई.

स्केट्स पहनकर भांगड़ा : फिर जानवी ने स्केटिंग में कुछ एक्सपेरिमेंट करने का सोचा. जानवी चंडीगढ़ में रहती थी और चंडीगढ़ में रहने वाले को भांगड़ा पसंद ना हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता. जानवी को भी भांगड़ा काफी ज्यादा पसंद था तो उसने सोचा कि क्यों ना स्केटिंग में ही भांगड़ा को इंट्रोड्यूज़ कर दिया जाए. फिर क्या था, जानवी स्केट्स पहनकर भांगड़ा करने लग गई.

फ्री स्टाइल स्केटिंग करती हैं : जानवी फ्री स्टाइल स्केटिंग करती है और आज कई बड़े खिताब अपने नाम कर चुकी है. यहां तक कि वो अपनी शानदार स्केटिंग के बल पर दो बार गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी अपना दर्ज करा चुकी हैं.

जानवी के परिवार को जानिए : चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 11वीं कक्षा में जानवी पढ़ाई करती हैं. जानवी के पिता मुनीष जिंदल एमएनसी कंपनी IFFCO-TOKIO जनरल इंश्योरेंस में GM के पद पर तैनात हैं और फिलहाल जम्मू में पोस्टेड है. उनकी मां दिव्या जिंदल सेक्टर- 16 के गवर्नमेंट स्कूल में टीचर हैं. उनकी बड़ी बहन ग्राफिक डिजाइनर हैं, जबकि उनका छोटा भाई 9वीं क्लास में पढ़ता है.

80 हज़ार रुपए के स्केट्स : जानवी ने ईटीवी भारत को बताया कि स्केटिंग काफी ज्यादा एक्सपेंसिव होती है. शुरुआती दौर में उन्होंने 6 हजार से 7 हजार के बीच स्केट्स खरीदे थे. आज उनके पास अच्छी क्वालिटी के 80 हजार रुपए के स्केट्स हैं, जो एक साल तक चलते हैं. जानवी ने बताया कि स्केटिंग के साथ-साथ वे योगा भी करती हैं. साथ ही जिम भी जाती हैं. स्केटिंग की कोचिंग इंडिया में काफी ज्यादा लिमिटेड है, इसलिए परेशानियां आती है. हालांकि उन्होंने यूट्यूब के जरिए अपने पैशन से स्केटिंग सीख डाली. इसमें उनके पापा ने काफी ज्यादा मदद की.

गोल्ड मेडल लाना चाहती हैं : फिलहाल 17 साल की उम्र वाली जानवी का सपना है कि एक दिन वो इंटरनेशनल लेवल पर देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आए, लेकिन पैसों की दिक्कत उसके आड़े आ रही है. उन्होंने कहा कि वे 8 सालों से नेशनल मेडलिस्ट हैं, इंटरनेशनल लेवल पर खेलना चाहती हैं लेकिन वहां 10 लाख रुपए का खर्च आएगा. मेडल लाने के लिए प्रोफेशनल कोचिंग की जरूरत भी होती है, जो 20 लाख रुपए के आसपास पड़ती है.

रूस में गोल्ड मेडलिस्ट दोस्त : जानवी ने आगे बताया कि उनकी रूस में रहने वाली स्केटिंग में गोल्ड मेडलिस्ट दोस्त भी है जिसने उनसे कहा था कि वे बस रूस आ जाए तो वो उन्हें स्केटिंग बिना पैसे लिए सिखा देगी. सब प्लान भी कर लिया. लेकिन कोरोना आ गया और बाधाएं लगातार आती चली गई जिसके चलते वे अब तक वहां भी नहीं जा पाई और इंटरनेशनल लेवल का मेडल का सपना पूरा नहीं हो पाया.

गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज : अपने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में बताते हुए जानवी ने कहा कि उन्होंने जब देखा कि वे इंटरनेशनल मेडल नहीं ला पही हैं तो कम से कम क्यों ना गिनीज़ रिकॉर्ड ही बना डालें. 2023 में उन्होंने पहली बार अप्लाई किया था, तब रिजेक्शन आया था. फिर से कोशिश की, गलतियों को सुधारा और फिर तब से अब तक दो बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं. पहला रिकॉर्ड 30 सेकेंड में सबसे ज्यादा स्पिन करने पर बना, उन्होंने 28 स्पिन किए थे और दूसरा बना फास्टेस्ट स्लैलम के लिए. स्केट्स के 8 व्हील्स होते हैं और उन्होंने दो व्हील्स पर इस रिकॉड को बनाया.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम : जानवी ने बताया कि उनके पास 3 इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स है. 2021 में उन्होंने स्केटिंग करते हुए सीढ़ियों से नीचे उतरने का कारनामा और स्केट्स पर भांगड़ा करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि स्केटिंग एक ऐसी कला है जिसमें संतुलन की काफी ज्यादा जरूरत होती है. चंडीगढ़ में वे अकेली ऐसी लड़की हैं जो 18 साल की उम्र से पहले दो बार अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्जा करा चुकी है. उन्होंने कहा कि जो भी कुछ उन्होंने सीखा, वो उन्होंने घर पर सीखा है.



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