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सोशल मीडिया पर देश विरोधी खबरें डाली तो खैर नहीं! बीबीसी को चेतावनी - ENEMY FORCES SOCIAL MEDIA ACTIVITY

गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की टीम पहलगाम आतंकवादी हमले से संबंधित डिजिटल मीडिया सामग्री पर रखेगी नजर. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

enemy forces social media activity
सांकेतिक तस्वीर. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 28, 2025 at 2:38 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ ऑनलाइन फैलाए जा रहे 'झूठ' को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. भारत विरोधी गतिविधियों और दुष्प्रचार पर गहरी नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक विशेष अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की गई है. यह टीम खास तौर पर भारतीय और विदेशी डिजिटल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी सामग्री और ऑनलाइन गतिविधियों की बारीकी से जांच करेगी.

एक अधिकारी ने कहा, "टीम उन लोगों की पहचान करेगी जो भारत सरकार और उसकी सेनाओं की नकारात्मक छवि पेश करते हैं तथा मनगढ़ंत और झूठे प्रचार में लिप्त हैं. अंतर मंत्रालयी टीम गठित करने का सुझाव गृह मंत्रालय ने दिया था."

ऐसी टीम बनाने की जरूरत क्यों पड़ीः इस टीम का गठन तब किया गया जब यह पाया गया कि कई विदेशी यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल, पहलगाम हमले के बाद फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे हैं और नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं. गृह मंत्रालय को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया सेवा (आईएसआई) ने पहलगाम नरसंहार को लेकर भारत के खिलाफ झूठा प्रचार करने के लिए एक पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है.

चीन से आईएसआई को मददः एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि चीन स्थित साइबर हैंडलर भी आईएसआई की मदद कर रहे हैं. अधिकारी की मानें तो "देश के अंदर भी कई ताकतें हैं जो सोशल मीडिया के जरिए झूठी सूचना फैलाने की कोशिश कर रही हैं. दरअसल, राज्य भर में कई लोग भारत विरोधी पोस्ट में शामिल पाए गए हैं और उन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ़्तार भी किया है."

भ्रामक पोस्ट पर गिरफ्तारीः असम पुलिस ने हाल ही में फेसबुक सहित सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पहलगाम आतंकवादी हमले का समर्थन करने के लिए कुछ महिलाओं और एक मौजूदा विधायक सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. सरकार ने आधार सेवा केंद्र (एएसके) में कथित तौर पर चल रही संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है. सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ में एएसके के संदिग्ध संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है.

सूत्रों के हवाले वाली खबर से परहेजः उल्लेखनीय है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में भारत के सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने का परामर्श जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मंत्रालय ने उनसे रक्षा अभियानों या आवाजाही से संबंधित स्रोत-आधारित जानकारी के आधार पर रिपोर्टिंग से परहेज करने को कहा.

पिछली घटनाओं से सबकः मंत्रालय ने कहा, "संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों की सहायता कर सकता है तथा परिचालन प्रभावशीलता और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है." कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी कुछ पिछली घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्रालय ने कहा कि अप्रतिबंधित कवरेज से राष्ट्रीय हितों पर अनपेक्षित प्रतिकूल परिणाम हुए हैं.

प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बीके खन्ना ने कहा, "भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक ताकतों की झूठी प्रचार रणनीति को रोकने के लिए ऐसी कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण है. जब दुश्मन सीधे हमला नहीं कर सकते, तो वे इस तरह की शरारत और झूठे प्रचार में शामिल हो जाते हैं. पहले भी कई बार भारत की सुरक्षा के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतें अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने के लिए झूठा प्रचार करने में संलिप्त रही हैं."

पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंधः केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक बयान और गलत सूचना प्रसारित करने के लिए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया.

बीबीसी को लिखा पत्रः विदेश मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले पर उनकी रिपोर्टिंग के बारे में बीबीसी के भारत प्रमुख जैकी मार्टिन को भारत की तीखी भावनाओं से अवगत करा दिया है. आतंकवादियों को उग्रवादी कहने के लिए बीबीसी को एक औपचारिक पत्र लिखा गया है. विदेश मंत्रालय को बीबीसी की रिपोर्टिंग पर बारीकी से नज़र रखने के लिए भी कहा गया है.

इसे भी पढ़ेंः भारत ने शोएब अख्तर समेत 16 पाकिस्तानी YouTube चैनल किए बैन, देंखे पूरी लिस्ट

नई दिल्ली: भारत के खिलाफ ऑनलाइन फैलाए जा रहे 'झूठ' को लेकर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. भारत विरोधी गतिविधियों और दुष्प्रचार पर गहरी नजर रखने के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक विशेष अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की गई है. यह टीम खास तौर पर भारतीय और विदेशी डिजिटल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी सामग्री और ऑनलाइन गतिविधियों की बारीकी से जांच करेगी.

एक अधिकारी ने कहा, "टीम उन लोगों की पहचान करेगी जो भारत सरकार और उसकी सेनाओं की नकारात्मक छवि पेश करते हैं तथा मनगढ़ंत और झूठे प्रचार में लिप्त हैं. अंतर मंत्रालयी टीम गठित करने का सुझाव गृह मंत्रालय ने दिया था."

ऐसी टीम बनाने की जरूरत क्यों पड़ीः इस टीम का गठन तब किया गया जब यह पाया गया कि कई विदेशी यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया हैंडल, पहलगाम हमले के बाद फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे हैं और नकारात्मक प्रचार कर रहे हैं. गृह मंत्रालय को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया सेवा (आईएसआई) ने पहलगाम नरसंहार को लेकर भारत के खिलाफ झूठा प्रचार करने के लिए एक पूरी टीम को सक्रिय कर दिया है.

चीन से आईएसआई को मददः एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारी ने कहा कि चीन स्थित साइबर हैंडलर भी आईएसआई की मदद कर रहे हैं. अधिकारी की मानें तो "देश के अंदर भी कई ताकतें हैं जो सोशल मीडिया के जरिए झूठी सूचना फैलाने की कोशिश कर रही हैं. दरअसल, राज्य भर में कई लोग भारत विरोधी पोस्ट में शामिल पाए गए हैं और उन्हें सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ़्तार भी किया है."

भ्रामक पोस्ट पर गिरफ्तारीः असम पुलिस ने हाल ही में फेसबुक सहित सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से पहलगाम आतंकवादी हमले का समर्थन करने के लिए कुछ महिलाओं और एक मौजूदा विधायक सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. सरकार ने आधार सेवा केंद्र (एएसके) में कथित तौर पर चल रही संदिग्ध गतिविधियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी है. सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ में एएसके के संदिग्ध संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है.

सूत्रों के हवाले वाली खबर से परहेजः उल्लेखनीय है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में भारत के सभी मीडिया चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में आतंकवाद विरोधी अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करने का परामर्श जारी किया है. मंत्रालय ने कहा कि मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मंत्रालय ने उनसे रक्षा अभियानों या आवाजाही से संबंधित स्रोत-आधारित जानकारी के आधार पर रिपोर्टिंग से परहेज करने को कहा.

पिछली घटनाओं से सबकः मंत्रालय ने कहा, "संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में शत्रुतापूर्ण तत्वों की सहायता कर सकता है तथा परिचालन प्रभावशीलता और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है." कारगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी कुछ पिछली घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्रालय ने कहा कि अप्रतिबंधित कवरेज से राष्ट्रीय हितों पर अनपेक्षित प्रतिकूल परिणाम हुए हैं.

प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बीके खन्ना ने कहा, "भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक ताकतों की झूठी प्रचार रणनीति को रोकने के लिए ऐसी कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण है. जब दुश्मन सीधे हमला नहीं कर सकते, तो वे इस तरह की शरारत और झूठे प्रचार में शामिल हो जाते हैं. पहले भी कई बार भारत की सुरक्षा के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतें अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने के लिए झूठा प्रचार करने में संलिप्त रही हैं."

पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंधः केंद्र सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी घटना की पृष्ठभूमि में भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री, झूठे और भ्रामक बयान और गलत सूचना प्रसारित करने के लिए 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया.

बीबीसी को लिखा पत्रः विदेश मंत्रालय ने पहलगाम आतंकी हमले पर उनकी रिपोर्टिंग के बारे में बीबीसी के भारत प्रमुख जैकी मार्टिन को भारत की तीखी भावनाओं से अवगत करा दिया है. आतंकवादियों को उग्रवादी कहने के लिए बीबीसी को एक औपचारिक पत्र लिखा गया है. विदेश मंत्रालय को बीबीसी की रिपोर्टिंग पर बारीकी से नज़र रखने के लिए भी कहा गया है.

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