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केंद्र सरकार ने लिया पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन, तत्काल प्रभाव से IAS से हटाया - Puja Khedkar discharge from IAS

Centre discharges Puja Khedkar from IAS: केंद्र सरकार ने शनिवार को आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. वैसे, खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है. गुरुवार को खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह एम्स में अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि खेडकर का एक दिव्यांगता प्रमाण पत्र 'जाली' और 'फर्जी' हो सकता है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2024, 6:20 PM IST

Puja Manorama Dilip Khedkar
पूजा खेडकर (ANI)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से हटा दिया है.आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा दिव्यांगता कोटा का लाभ गलत तरीके से लेने का आरोप है.

केंद्र ने यूपीएससी एग्जाम में ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की है. सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार ने आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (MH:2023) को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया है.

पूजा खेडकर की कानूनी परेशानियां तब शुरू हुईं जब यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी प्रस्तुत की. यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने उन पर जाली दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा करने का आरोप लगाया है, जिसमें 2022 और 2023 की परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है.

इससे पूर्व संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करते हुए उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था. यूपीएससी ने पहले कहा था कि उसने आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी की है, और साजिश की पूरी हद को उजागर करने के लिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है.

हालांकि, खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है. गुरुवार को खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह एम्स में अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि पूजा का एक दिव्यांगता प्रमाण पत्र 'जाली' और 'फर्जी' हो सकता है. खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि, वह अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं. उन्होंने यह दलील तब दी जब अदालत आपराधिक मामले में उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर विचार कर रही थी.

बता दें कि, संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) ने अगस्त महीने में पूजा खेडकर के खिलाफ एक्शन लिया था. खेडकर के खिलाफ फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथिमिकी दर्ज की है.

क्या बोले सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार
वहीं, महाराष्ट्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, पूजा खेडकर ने आईएएस सेवा में शामिल होने के लिए जो कुछ भी किया, उसे अपराध कहा जाता है. सामाजिक कार्यकर्ता और पूजा खेडकर मामले को सामने लाने वाले विजय कुंभार ने कहा कि, अच्छा हुआ कि आज भगवान गणेश के आगमन के दिन यह कुप्रवृत्ति समाप्त हो गई. इन मामलों ने साबित कर दिया कि अगर सही तरीके से जांच की जाए तो इतने उच्च सुरक्षा वाले अधिकारियों को भी सेवा से हटाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक 26 सितंबर तक बढ़ी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से हटा दिया है.आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है. पूजा खेडकर के खिलाफ धोखाधड़ी करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा दिव्यांगता कोटा का लाभ गलत तरीके से लेने का आरोप है.

केंद्र ने यूपीएससी एग्जाम में ओबीसी और दिव्यांगता कोटे का दुरुपयोग करने के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ कार्रवाई की है. सूत्र ने बताया कि केंद्र सरकार ने आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर (MH:2023) को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया है.

पूजा खेडकर की कानूनी परेशानियां तब शुरू हुईं जब यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी प्रस्तुत की. यूपीएससी और दिल्ली पुलिस दोनों ने उन पर जाली दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा करने का आरोप लगाया है, जिसमें 2022 और 2023 की परीक्षाओं के लिए दो अलग-अलग दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है.

इससे पूर्व संघ लोक सेवा आयोग ने 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द करते हुए उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था. यूपीएससी ने पहले कहा था कि उसने आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी की है, और साजिश की पूरी हद को उजागर करने के लिए उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है.

हालांकि, खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है. गुरुवार को खेडकर ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह एम्स में अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि पूजा का एक दिव्यांगता प्रमाण पत्र 'जाली' और 'फर्जी' हो सकता है. खेडकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि, वह अपनी मेडिकल जांच कराने को तैयार हैं. उन्होंने यह दलील तब दी जब अदालत आपराधिक मामले में उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर विचार कर रही थी.

बता दें कि, संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) ने अगस्त महीने में पूजा खेडकर के खिलाफ एक्शन लिया था. खेडकर के खिलाफ फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथिमिकी दर्ज की है.

क्या बोले सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार
वहीं, महाराष्ट्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुंभार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, पूजा खेडकर ने आईएएस सेवा में शामिल होने के लिए जो कुछ भी किया, उसे अपराध कहा जाता है. सामाजिक कार्यकर्ता और पूजा खेडकर मामले को सामने लाने वाले विजय कुंभार ने कहा कि, अच्छा हुआ कि आज भगवान गणेश के आगमन के दिन यह कुप्रवृत्ति समाप्त हो गई. इन मामलों ने साबित कर दिया कि अगर सही तरीके से जांच की जाए तो इतने उच्च सुरक्षा वाले अधिकारियों को भी सेवा से हटाया जा सकता है.

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