बेंगलुरु: केंद्रीय रेल राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने सोमवार को कहा कि संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि, वे मंगलसूत्र और जनेऊ पहनकर चल रही रेलवे भर्ती परीक्षाओं में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अनुमति दें. यह निर्देश कुछ परीक्षा केंद्रों में मंगलसूत्र और जनेऊ पहनकर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा देने से रोकने वाले परीक्षा कर्मचारियों की कार्रवाई पर भारी आक्रोश के बाद आया है.
सोमन्ना ने कहा कि, कई विधायकों और सांसदों द्वारा उनका ध्यान आकर्षित करने के बाद उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. चर्चा के बाद संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि जनेऊ, मंगलसूत्र जैसे अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले आइटम पहनने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा प्रक्रिया के दौरान किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े."

इससे पहले कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने परीक्षा केंद्रों में मंगलसूत्र और जनीवर जैसे धार्मिक प्रतीकों को पहनने पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र पर निशाना साधा और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा, "कान की बालियां, नाक की बालियां, मंगलसूत्र, जनेऊ, बिंदी और उडुदारा (कमर के चारों ओर पहना जाने वाला धागा) सभी धार्मिक प्रतीक हैं. अधिकारी किसी भी छिपे हुए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के लिए उनकी जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन पर प्रतिबंध लगाना सही नहीं है. लोगों को इसका विरोध करना चाहिए.
कर्नाटक में भी इसी तरह का विवाद तब खड़ा हुआ था जब जनेऊ पहने कुछ छात्रों को बीदर और शिवमोग्गा में राज्य सरकार द्वारा व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होने पर रोक लगाई थी. विवाद के कारण बीदर का एक छात्र परीक्षा देने से भी चूक गया था. विरोध के बाद, सरकार ने दावा किया कि यह कृत्य अवैध है और परीक्षा ड्यूटी पर तैनात कुछ लोगों को निलंबित कर दिया.
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