नई दिल्लीः भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान तुर्की और अजरबैजान ने पाकिस्तान का साथ दिया था. तुर्की के उपलब्ध कराए गए 300-400 ड्रोनों का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत में सैन्य और नागरिक दोनों क्षेत्रों को निशाना बनाने के लिए किया था. इसके बाद से तुर्की को लेकर भारत के लोगों में आक्रोश है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने देशवासियों और व्यापारियों से तुर्की और अजरबैजान की यात्राओं का पूर्ण बहिष्कार करने की अपील की है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री सह चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना से तुर्की बॉयकाट पर विस्तार से बात की. उन्होंने कहा कि इन देशों द्वारा भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन करने की नीति के जवाब में यह कदम उठाया गया है. खंडेलवाल ने कहा कैट पिछले कई वर्षों से चीनी उत्पादों के बहिष्कार का अभियान चला रहा है, जिसका व्यापक प्रभाव देखा गया है. अब तुर्की और अजरबैजान की यात्राओं के बहिष्कार को तेज करने के लिए कैट ट्रैवल और टूर ऑपरेटर संगठनों सहित अन्य संबंधित क्षेत्रों के साथ मिलकर काम करेगा.
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यदि भारतीय नागरिक तुर्की और अजरबैजान की पाकिस्तान समर्थक नीतियों के विरोध में इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो इससे इन देशों की अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र, पर गहरा असर पड़ेगा. 2024 के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि तुर्की में कुल 62.2 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से लगभग 3 लाख भारतीय पर्यटक थे. 2023 की तुलना में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 20.7% की वृद्धि दर्ज की गई.
तुर्की का कुल पर्यटन राजस्व 61.1 बिलियन डॉलर था, जिसमें एक भारतीय पर्यटक का औसत खर्च 972 डॉलर रहा. इस हिसाब से भारतीय पर्यटकों का कुल खर्च लगभग 291.6 मिलियन डॉलर था. यदि भारतीय पर्यटक तुर्की की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो तुर्की को 291.6 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष नुकसान होगा. इसके अलावा, भारतीय पर्यटकों द्वारा आयोजित विवाह, कॉर्पोरेट आयोजन और सांस्कृतिक गतिविधियों के रद्द होने से अप्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान भी होगा.
अजरबैजान के संदर्भ में खंडेलवाल ने बताया कि 2024 में वहां कुल 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जिनमें से 2.5 लाख भारतीय पर्यटक थे. एक भारतीय पर्यटक का औसत खर्च 2,170 AZN (लगभग 1,276 डॉलर) था, जिसके आधार पर भारतीय पर्यटकों का कुल खर्च लगभग 308.6 मिलियन डॉलर रहा. यदि भारतीय पर्यटक अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करते हैं, तो अजरबैजान को 308.6 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष नुकसान होगा.
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस बहिष्कार से तुर्की और अजरबैजान पर भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ेगा. साथ ही, पर्यटन से होने वाले सांस्कृतिक आदान-प्रदान में कमी आएगी और स्थानीय व्यवसायों, जैसे होटल, रेस्तरां, टूर ऑपरेटर और अन्य संबंधित क्षेत्रों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज अभूतपूर्व रूप से सशक्त है. कोई भी देश भारत को कमजोर समझने की भूल न करे. भारतीय नागरिकों द्वारा तुर्की और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार न केवल इन देशों की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालेगा, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी देगा. यह कदम दोनों देशों को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है.
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