नई दिल्ली: नए वक्फ कानून का देशभर में विरोध हो रहा है. विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठन सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं. भाजपा भी अपने फैसले पर अडिग है और इसके समर्थन में पूरे देश में जनजागरण अभियान चलाने का फैसला लिया है. इसके लिए भगवा पार्टी ने 16 पन्नों की बुकलेट जारी की है, जिसमें वक्फ का इतिहास, 2013 में यूपीए सरकार द्वारा वक्फ कानून में किया गया संशोधन और उसके मनमाने प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
इसके अलावा भाजपा ने नए वक्फ कानून के फायदे भी गिनाए हैं. साथ ही वक्फ से जुड़े भ्रष्टाचार और धन के दुरुपयोग के मामलों की विस्तार से जानकारी भी दी गई है.

भाजपा ने बुकलेट में कहा है कि यूपीए सरकार द्वारा पेश किया गया वक्फ संशोधन अधिनियम, 2013 वक्फ बोर्ड की शक्तियों का विस्तार करके संपत्ति के अधिकारों को कमजोर करता था, जिससे मनमाने ढंग से भूमि अधिग्रहण संभव हो जाता है. इसमें पारदर्शिता की कमी थी, हितधारकों की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया और कानूनी हस्तक्षेप कम किया गया.
संशोधित कानून द्वारा पेश किए महत्वपूर्ण परिवर्तन इस प्रकार हैं-
- प्रदेश-प्रायोजित सर्वेक्षण और वक्फ संपत्ति पर प्रतिबंध
- 2013 के संशोधन में वक्फ संपत्ति के सरकारी पैसों से सर्वेक्षण का प्रावधान किया गया.
- वक्फ बोर्ड द्वारा सौंपी जा सकने वाली शक्ति को सीमित किया गया
- संपत्ति के हस्तांतरण को प्रतिबंधित किया गया
- वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण के लिए कारावास का प्रावधान किया गया था.
- इसमें गैर-मुस्लिमों द्वारा वक्फ को संपत्ति या धन दान करने का भी प्रावधान किया गया था.
भाजपा का कहना है कि 2013 के संशोधन ने राज्य सरकार की वक्फ बोर्ड को निर्देश देने की शक्ति को भी सीमित कर दिया था और मुस्लिम कानून के अनुरूप किसी भी दान को वैध किया गया.


बुकलेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुस्लिम समुदाय के साथ आठ फोटो भी हैं जिनमें अजमेर शरीफ के लिए चादर भेजते समय का फोटो भी है. बुकलेट के अंत में पीएम मोदी के फोटो के साथ 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' का नारा लिखा गया है.

वहीं, चार पन्नों के पैंफलेट में वक्फा कानून की संक्षिप्त जानकारी दी गई है और कांग्रेस के 2013 के संशोधन को ड्रैकोनियन बताते हुए उसकी तुलना नए कानून से की गई है. मुस्लिम समुदाय को वक्फ के द्वारा कैसे लूटा गया इसका विस्तार से विवरण दिया गया है.
वक्फ से हिंदू, सिख और ईसाई कैसे प्रभावित हुए इसका भी विवरण दिया गया है.
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