नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी शिवकुमार के कथित बयान मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदलने की बात के मामले को तूल दे दिया है. हालांकि डीके शिवकुमार ने कहा कि, वे इस पर केस लड़ेंगे और विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे. डिप्टी सीएम ने कहा कि, उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
मगर संसद के दोनों सदनों में इस मसले पर भाजपा ने सोमवार को जबरदस्त हमला बोला. केपीसीसी अध्यक्ष ने भाजपा और उसके प्रमुख जेपी नड्डा पर उन्हें गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया. दरअसल 23 मार्च, 2025 को एक न्यूज समिट में बोलते हुए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 में संशोधन के बारे में बोलते हुए कहा था कि, जो राज्य में सार्वजनिक कार्यों में मुस्लिम समुदाय के ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है. शिवकुमार ने कथित तौर पर कहा कि "संविधान बदल जाएगा."
हालांकि इस पर शिवकुमार ने सफाई देते हुए ये भी कहा कि "हम मुस्लिम समुदाय की थोड़ी मदद करना चाहते थे और उन्हें विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनाना चाहते थे, इसलिए हमने उन्हें ठेके पर काम करने के लिए कहा."
मगर अब डीके शिवकुमार का बयान एक तरह से तीर कमान से निकालने जैसा है जिसमें अब वो जितनी भी सफाई दें, भाजपा इस मुद्दे पर काफी आक्रामक हो चुकी है. पहले राज्यसभा में भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जो नड्डा ने कहा कि, बाबा साहब ने स्पष्ट कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता लेकिन कांग्रेस की सरकार ने साउथ में मुस्लिम धर्म के लिए कॉन्ट्रैक्ट में चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है.
जेपी नड्डा ने इसे ऑथेंटिकेट किया और कहा कि, कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने वहां के सदन में कहा है कि जरूरत पड़ी तो हम संविधान को बदलेंगे और ये लोग संविधान के बड़े रक्षक बनते हैं. वहां संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया गया है. विपक्ष के नेता को इसका जवाब देना चाहिए.
लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के अलावा भाजपा के राज्यों के नेताओं ने भी कांग्रेस पर इस मुद्दे पर जमकर हमला बोला है. बता दें कि, बिहार में चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू हो चुकी है और ऐसे में कांग्रेस की एक राज्य की चुनी हुई सरकार कि तरफ से मुसलमानों के आरक्षण की बात करना कहीं न कहीं ध्रुवीकरण के मुद्दे में आग में घी का काम कर गई है. भाजपा भी इस मौके को गंवाने के लिए कतई तैयार नहीं, बहरहाल ये मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है.
सदन में जहां संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजीजू ,अनुराग ठाकुर ,और सदन से बाहर भाजपा नेता संबित पात्रा,रविशंकर प्रसाद जैसे भाजपा नेताओं कांग्रेस पर इस मुद्दे पर जमकर हमला बोला और राहुल गांधी से जवाब भी मांगा. हालांकि इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सफाई दी. इस मुद्दे पर कड़े सवाल उठाए जा रहे हैं और हो भी क्यों ना, गाहे बगाहे संविधान की कॉपी लेकर संसद में पहुंचने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ और तमाम नेताओं पर ये सवाल उठाने का मौका भाजपा गंवा भी कैसे सकती है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि, संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान में कहीं भी धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि धर्म के नाम आरक्षण देने की बात करना या बदलने की बात करना गैर कानूनी है. लेकिन बार बार कांग्रेस के नेताओं, जो गांधी परिवार के काफी नजदीक है और इंडी गठबंधन के 'छुटभैये' नेताओं द्वारा बार एसटी, एससी और ओबीसी के लोगों का आरक्षण खत्म कर मुसलमानों को देने की बात करना गैर संवैधानिक है. ये नहीं हो सकता.
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने कहा कि, संविधान में अन्य का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने की बात करना संविधान निर्माताओं को अपमानित करने जैसा है. उन्होंने कहा कि, पहले भी शाह बानो केस में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक ऐसा ही फैसला लेकर संविधान बदलवाया, उसे देश भूल नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि, ऐसे किसी भी कार्य को भाजपा होने नहीं देगी.
बहरहाल ये मुद्दा अब तूल पकड़ता ही जा रहा है और आने वाले दिनों में बिहार के चुनाव में भी इस विषय का मुख्य मुद्दों में शुमार होने की संभावना है. वह इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का मुद्दा बनाया था. हालांकि वह ज्यादा असरदार रहा नहीं, बावजूद भाजपा अब इसी मुद्दे पर कांग्रेस और इंडी एलायंस पर पलटवार कर रही है.
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