नई दिल्ली: तमिलनाडु की राजनीति में शुक्रवार को उस समय एक बड़ा बदलाव आया, जब गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने आधिकारिक रूप से 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की.
यह गठबंधन सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) को चुनौती देने के लिए बनाया गया है, जिसने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी 39 सीटों पर कब्जा किया था. भाजपा पहले से ही दक्षिण विस्तार पर काम कर रही है. ऐसे में तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ गठबंधन से भाजपा को काफी उम्मीदें हैं.
डीएमके के खिलाफ गठबंधनऑ
भाजपा और एआईएडीएमके दोनों दलों के बीच यह गठबंधन उस समय हुआ, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान इसकी पुष्टि की. शाह ने कहा कि बीजेपी और एआईएडीएमके मिलकर तमिलनाडु में डीएमके की 'भ्रष्ट सरकार' को हटाने के लिए काम करेंगे.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन में सीट बंटवारे और मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी जैसे मुद्दों पर फैसला बाद में होगा, लेकिन पहला लक्ष्य डीएमके को सत्ता से बाहर करना है. शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और एआईएडीएमके की दिवंगत नेता जे जयललिता के समय के गठबंधन को याद करते हुए कहा कि यह नया गठबंधन भी उसी तरह तमिलनाडु के विकास के लिए काम करेगा.
एनडीए से क्यों अलग हुई थी AIADMK ?
इस गठबंधन की राह में सबसे बड़ी बाधा बीजेपी के तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई थे, जिनके बयानों ने 2023 में दोनों दलों के बीच दरार पैदा की थी. अन्नामलाई ने एआईएडीएमके के संस्थापक अन्नादुरई और जयललिता पर टिप्पणियां की थीं, जिसके बाद एआईएडीएमके ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था. अलग होने के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सके. इस हार ने दोनों को गठबंधन की जरूरत का एहसास कराया.
बीजेपी ने अन्नामलाई को तमिलनाडु अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला किया. वहीं, अन्नामलाई ने खुद कहा कि वे पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. माना जा रहा है कि यह बदलाव एआईएडीएमके की शर्त पर किया गया, क्योंकि वे अन्नामलाई के साथ काम करने को तैयार नहीं थे.
पलानीस्वामी की सधी प्रतिक्रिया
एआईएडीएमके प्रमुख एडप्पादी के पलानीस्वामी ने गठबंधन पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य तमिलनाडु के लोगों के हितों की रक्षा करना है और गठबंधन का फैसला समय के साथ लिया गया है. हालांकि, पलानीस्वामी ने यह भी संकेत दिया कि वे अन्य दलों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं, ताकि गठबंधन को और मजबूत किया जा सके सूत्रों की माने तो भाजपा कुछ और भी छोटी पार्टियों को गठबंधन में लाने का प्रयास कर रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गठबंधन तमिलनाडु में डीएमके के खिलाफ एक मजबूत विकल्प बन सकता है, खासकर पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में, जहां दोनों दलों का अच्छा जनाधार है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 11.2% और एआईएडीएमके को 20.4% वोट मिले थे. अगर ये वोट एकजुट होते हैं, तो यह डीएमके के 27% वोट शेयर को कड़ी टक्कर दे सकता है।
शाहनवाज हुसैन का बयान
इस बीच बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि, बीजेपी ने राष्ट्र का चुनाव जीता, महाराष्ट्र, हरियाणा दिल्ली भी जीता. बीजेपी ने जीत की हैट्रिक बनाई थी. तमिलनाडु में भी स्पष्ट बहुमत की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि, एनडीए का दरवाजा तमिलनाडु में खुला हुआ है.