नई दिल्लीः बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है. कांग्रेस ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश अध्यक्ष बदल दिये, रैलियां निकाली जा रही हैं. रैली में राष्ट्रीय स्तर के नेता शिरकत कर रहे हैं. युवा यात्रा को मिली अच्छी प्रतिक्रिया के बाद अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 20 अप्रैल को बक्सर और पटना में दो रैलियों को संबोधित करके बिहार में चुनावी अभियान को आगे बढ़ाएंगे. इससे पहले 17 अप्रैल को इंडिया ब्लाक की बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा करेगी.
बिहार के प्रभारी एआईसीसी सचिव सुशील पासी ने ईटीवी भारत से कहा, "हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व बिहार पर केंद्रित है. राहुल गांधी हाल ही में युवा यात्रा में शामिल होने के लिए बेगूसराय आए थे और अब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष 20 अप्रैल को आ रहे हैं. पूरा ध्यान पार्टी को मजबूत करने पर होगा, जो कि इंडिया ब्लॉक को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है. हमने यात्रा के दौरान युवाओं से जुड़े मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाया और आगे भी उठाते रहेंगे. बेशक, इंडिया ब्लॉक की बैठक महत्वपूर्ण है क्योंकि वहां कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है."

सीटों का बंटवारा मुद्दा नहींः एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, कांग्रेस बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रही है. लेकिन, सीटों के बंटवारे को मुद्दा नहीं बनाएगी, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है. पासी ने कहा, "यह संख्या के बारे में नहीं है, लेकिन हम निश्चित रूप से उन सीटों पर जोर देंगे जहां कांग्रेस मजबूत है. पूरा ध्यान गठबंधन को बढ़ावा देने पर है. हम सभी सीटों पर जमीन तैयार कर रहे हैं. हम आने वाले दिनों में संयुक्त अभियान की भी संभावना तलाश रहे हैं."

सामाजिक समीकरण पर नजरः बता दें कि बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव में कांग्रेस को राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन के तहत 243 में से 70 सीटें मिली थीं. लेकिन वह केवल 19 सीटें ही जीत सकी थी. बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार, चुनाव लड़ने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू सामाजिक समीकरणों को सही करना है. अति पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को लक्ष्य बनाना है, जो कुल मतदाताओं का लगभग आधा हिस्सा हैं.

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने ईटीवी भारत से कहा, "अभी तक इंडिया ब्लॉक की पार्टियां अलग-अलग रैलियां करती रही हैं, लेकिन अब उन्हें संयुक्त सार्वजनिक कार्यक्रमों की जरूरत महसूस हो रही है. कांग्रेस, आरजेडी और वामपंथी दल 17 अप्रैल को होने वाली विपक्षी बैठक में शामिल होंगे. हमें उन मुद्दों की पहचान करनी होगी, जिन्हें उठाया जाएगा और जिन सामाजिक समूहों को निशाना बनाया जाएगा. इस बार हमारा लक्ष्य अति पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को अपने पक्ष में करना है."
बिहार सरकार पर हमलाः पासी ने जद-यू-भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने यात्रा के दौरान युवाओं की चिंताओं को उठाने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें निशाना बनाया. उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में विपक्ष का कर्तव्य है कि वह लोगों की आवाज उठाए. लेकिन जब हमने ऐसा करने की कोशिश की तो हमें पुलिस बल का सामना करना पड़ा. सरकार युवाओं की चिंताओं का समाधान नहीं करती है."

कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के अनुसार, विकास सूचकांकों के मामले में बिहार देश के राज्यों में 27वें स्थान पर है. उन्होंने कहा, "हमें 1500 करोड़ रुपये की लागत से कौशल विकास विश्वविद्यालय बनाने का वादा किया गया था, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आ रहा है."
इसे भी पढ़ेंः
- राहुल गांधी 40 नए जिला प्रमुख के साथ बिहार चुनाव रणनीति की करेंगे समीक्षा
- कांग्रेस का बिहार पर फोकस! राहुल गांधी का पटना दौरा, ओबीसी, अति पिछड़ों को लुभाने की कोशिश
- 'सामाजिक न्याय' की पिच पर राहुल गांधी की बैटिंग, बिहार चुनाव से पहले खेला दलित कार्ड!
- कन्हैया और पप्पू यादव को तरजीह देने से नाराज हैं अखिलेश सिंह? कांग्रेस की समीक्षा बैठक स्थगित