कुरुक्षेत्र (मुनीश टूरन) : मधुमक्खी के शहद को बेचकर उससे कमाई के बारे में तो आपने खूब सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि मधुमक्खी का ज़हर भी खूब कमाल का होता है और अगर आपने शहद के साथ इसे निकालना सीख लिया तो आप रातों-रात मालामाल हो सकते हैं. यहां तक कि आप कुछ वक्त में करोड़पति तक बन सकते हैं.
कम लागत में अच्छा मुनाफा : हरियाणा समेत भारत के कई जगहों पर मधुमक्खी पालन बड़े स्तर पर किया जाता है क्योंकि मधुमक्खी पालन में काफी कम लागत में अच्छा ख़ासा मुनाफा होता है. मधुमक्खी पालन करने का मुख्य उद्देश्य शहद प्राप्त करना होता है, लेकिन नई तकनीक आने के बाद अब शहद के साथ- साथ मधुमक्खियां से ज़हर भी निकाला जा रहा है.
क्या होता है बी वेनम ? : मधुमक्खी का नाम आते ही इंसान के दिमाग में दो चीज सबसे पहले आती है. एक ये कि मधुमक्खी से हमें शहद मिलता है और दूसरा मधुमक्खी अगर हमें काट दे तो बहुत ही ज्यादा दर्द मिलता है. मधुमक्खी के डंक के साथ वो हल्का ज़हर हमारे शरीर में छोड़ देती है जिससे काटने वाले को दर्द का अहसास होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही मधुमक्खी का ज़हर बड़े ही काम की चीज़ है और ये हमारे शरीर में औषधि का काम करती है. मधुमक्खी के ज़हर को इंग्लिश में बी वेनम के नाम से जाना जाता है.

सेल्फ डिफेंस के लिए ज़हर : कुरुक्षेत्र के रामनगर स्थित इंडो इज़राइल एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में काम करने वाली साइंटिस्ट डॉ. नेहा चौधरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि मधुमक्खी के अंदर सेल्फ डिफेंस के लिए एक ग्रंथि कुदरत ने उसे दी है जिससे वो ज़हर बनाती है और उससे वो शत्रुओं से अपनी रक्षा करती है. मधुमक्खियां जब किसी को काटती है तो वो अपना ज़हर उसमें छोड़ती है जिसके चलते आपको दर्द का आभास होता है. हालांकि ये औषधि आपको देकर जाती है.

कितने में बिकता है मधुमक्खी का ज़हर ?: मधुमक्खी के ज़हर की कीमत लाखों में होती है. अगर सिर्फ एक ग्राम ज़हर की बात करें तो ये 30,000 रुपए से 1,000,00 रुपए में बिकता है.

मेलिटिन से तय होती है कीमत : डॉ नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी से मिलने वाले ज़हर की कीमत मेलिटिन नामक पदार्थ से तय होती है. मेलिटिन मधुमक्खी के ज़हर का सबसे अहम अंश होता है. मधुमक्खी के जहर में 55% से ऊपर मेलिटिन होना चाहिए. तभी उसकी कीमत 30,000 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक प्रति ग्राम होती है.

मधुमक्खी के 30 डिब्बों से मिलता है एक ग्राम ज़हर : डॉ नेहा ने बताया कि इस पर हाल ही में काम शुरू हुआ है जिसके चलते किसानों को इसकी जानकारी बहुत कम है और इसकी प्रोडक्शन भी बहुत कम होती है. मधुमक्खियों के लिए 30 डिब्बे लगाने पर उसमें से एक ग्राम मधुमक्खी का ज़हर मिलता है. औसतन एक मधुमक्खी से दो माइक्रोग्राम ज़हर मिलता है. 15 से 20 दिन बाद मधुमक्खी ज़हर देने के लिए तैयार हो जाती है.

बी वेनम कलेक्टर का इस्तेमाल : डॉ. नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी का जहर इकट्ठा करने के लिए विशेष उपकरण की जरूरत पड़ती है, जिसे बी वेनम कलेक्टर कहते हैं. ये एक इलेक्ट्रिक डिवाइस होती है जिसमें हल्का करंट छोड़कर मधुमक्खी का जहर इकट्ठा किया जाता है. इसके साथ एक स्लैब लगाई जाती है, जिस पर हल्के करंट की वजह से वो अपना जहर छोड़ती है. हल्के करंट के चलते मधुमक्खी को लगता है कि आसपास कोई दुश्मन है तो वो अपना डंक मारती है जिससे ज़हर निकल आता है और फिर इसे एक छोटे कंटेनर में जमा कर लिया जाता है ताकि उस पर धूप या रोशनी ना पड़े.

कई बीमारियों में होता है इस्तेमाल : डॉक्टर नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी का ज़हर यानि बी वेनम एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी माइक्रोबियल और एनाल्जेसिक है.फार्मा और कॉस्मेटिक कंपनी को इसकी जरूरत रहती है, वहां इसकी सप्लाई की जा सकती है. मधुमक्खी के ज़हर में पाए जाने वाले मेलिटिन में एंटी इन्फ्लामेटरी गुण होते हैं. गठिया की दवाई बी वेनम से बनती है. कॉस्मेटिक में एंटी एजिंग क्रीम में इसे मिलाया जाता है. साथ ही रिसर्च ये कहती है कि बी वेनम का इस्तेमाल कैंसर खत्म करने के लिए भी किया जा सकता है.

मधुमक्खी के ज़हर की कहां-कहां डिमांड ? : डॉ. नेहा चौधरी ने आगे बताया कि मधुमक्खी के ज़हर की फार्मा और कॉस्मेटिक कंपनी में भारी डिमांड रहती है क्योंकि ये कई प्रकार की दवाइयों और कॉस्मेटिक उत्पाद बनाने में इस्तेमाल की जाती है. साथ ही भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इसकी अच्छी खासी डिमांड है. इसी वजह से इसकी कीमत भी काफी ज्यादा हाई है.

किसानों को दी जा रही ट्रेनिंग : नेहा चौधरी ने बताया कि मधुमक्खी पालकों को ट्रेनिंग दी जा रही है कि कैसे मधुमक्खी के जहर को जमा किया जाता है.कुरुक्षेत्र के रामनगर स्थित इंडो इज़राइल एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र में ट्रेनिंग लेने के बाद हरियाणा के रोहतक के रहने वाले मधुमक्खी पालक संजय तक्षक फिलहाल मधुमक्खियों से ज़हर निकालने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसान या मधुमक्खी पालक बड़ी ही आसानी से मधुमक्खी का ज़हर इकट्ठा करने की ट्रेनिंग ले सकते हैं और शहद निकालने के काम के साथ ज़हर के जरिए लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. ये कम लागत में बड़े ही मुनाफे का बिजनेस है.


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