ETV Bharat / bharat

बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए: तस्लीमा नसरीन - taslima nasreen on Sheikh Hasina

Taslima Nasreen Takes a Jibe Sheikh Hasina: बांग्लादेश की लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन ने बांग्लादेश के हालात पर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए. सेना को शासन नहीं करना चाहिए.

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 6, 2024, 11:22 AM IST

Updated : Aug 6, 2024, 12:51 PM IST

Taslima Nasreen Takes A Jibe As Sheikh Hasina
लेखिका तसलीमा नसरीन (IANS)

नई दिल्ली: बांग्लादेश की चर्चित लेखिका तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. वह पिछले कुछ समय से लगातार उनके खिलाफ हमलावर रहीं हैं. तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया के माध्यम बांग्लादेश के हालात पर लगातार टिप्पणी करती रहीं हैं. इन टिप्पणी में उनका व्यक्तिगत आक्रोश भी नजर आया. बता दें कि बांग्लादेशी लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस घटना के बाद वह भारत में आकर रहने लगीं.

बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन शुरू होने के बाद से तसलीमा नसरीन लगातार सोशल मीडिया एक्स पर इस मुद्दे को लेकर एक्टिव हैं. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा,'शेख हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुआ था. मुझे फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने दिया. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया.'

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तस्लीमा नसरीन ने पोस्ट किया, कहा- इस्लामवादियों ने मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. एक पोस्ट में लिखा, 'हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. अपनी स्थिति के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस्लामवादियों को पनपने दिया. उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने दिया. अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए. सेना को शासन नहीं करना चाहिए. राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिए.'

शेख हसीना पर तीखी टिप्पणी

हसीना फ्रेंकस्टीन की तरह हैं. उन्होंने बड़ी संख्या में इस्लामी उपदेशकों को युवाओं का दिमाग बदलने की अनुमति दी. इस्लामी स्कूल की डिग्री को धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय की डिग्री के बराबर बनाकर राक्षसों का निर्माण किया. अब वे राक्षस चाहते हैं कि वह चलीं जाएं.

धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए

तसलीमा नसरीन ने एक अगस्त को किए एक पोस्ट में लिखा, 'बांग्लादेश जमात-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि इससे कोई मदद मिलेगी. धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. और संविधान से राज्य धर्म को हटा दिया जाना चाहिए. सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने पिछले 16 सालों में इस्लामीकरण करके जमात-इस्लामी के सभी एजेंडे पूरे किए हैं.'

25 जुलाई को उन्होंने लिखा, 'वह (तसलीमा नसरीन) मेट्रो स्टेशन के लिए रो रही हैं, जिसे छात्रों ने नष्ट कर दिया, लेकिन उन्होंने उन 160 छात्रों के लिए एक आंसू भी नहीं बहाया, जिन्हें उनकी पुलिस ने मार डाला.'

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में सेना का शासन, ब्रिटेन में शरण मिलने तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी, सेना प्रमुख वाकर करेंगे विरोध समन्वयकों से मुलाकात

नई दिल्ली: बांग्लादेश की चर्चित लेखिका तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. वह पिछले कुछ समय से लगातार उनके खिलाफ हमलावर रहीं हैं. तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया के माध्यम बांग्लादेश के हालात पर लगातार टिप्पणी करती रहीं हैं. इन टिप्पणी में उनका व्यक्तिगत आक्रोश भी नजर आया. बता दें कि बांग्लादेशी लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस घटना के बाद वह भारत में आकर रहने लगीं.

बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन शुरू होने के बाद से तसलीमा नसरीन लगातार सोशल मीडिया एक्स पर इस मुद्दे को लेकर एक्टिव हैं. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा,'शेख हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुआ था. मुझे फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने दिया. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया.'

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तस्लीमा नसरीन ने पोस्ट किया, कहा- इस्लामवादियों ने मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. एक पोस्ट में लिखा, 'हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. अपनी स्थिति के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस्लामवादियों को पनपने दिया. उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने दिया. अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए. सेना को शासन नहीं करना चाहिए. राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिए.'

शेख हसीना पर तीखी टिप्पणी

हसीना फ्रेंकस्टीन की तरह हैं. उन्होंने बड़ी संख्या में इस्लामी उपदेशकों को युवाओं का दिमाग बदलने की अनुमति दी. इस्लामी स्कूल की डिग्री को धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय की डिग्री के बराबर बनाकर राक्षसों का निर्माण किया. अब वे राक्षस चाहते हैं कि वह चलीं जाएं.

धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए

तसलीमा नसरीन ने एक अगस्त को किए एक पोस्ट में लिखा, 'बांग्लादेश जमात-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि इससे कोई मदद मिलेगी. धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. और संविधान से राज्य धर्म को हटा दिया जाना चाहिए. सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने पिछले 16 सालों में इस्लामीकरण करके जमात-इस्लामी के सभी एजेंडे पूरे किए हैं.'

25 जुलाई को उन्होंने लिखा, 'वह (तसलीमा नसरीन) मेट्रो स्टेशन के लिए रो रही हैं, जिसे छात्रों ने नष्ट कर दिया, लेकिन उन्होंने उन 160 छात्रों के लिए एक आंसू भी नहीं बहाया, जिन्हें उनकी पुलिस ने मार डाला.'

ये भी पढ़ें- बांग्लादेश में सेना का शासन, ब्रिटेन में शरण मिलने तक शेख हसीना भारत में ही रहेंगी, सेना प्रमुख वाकर करेंगे विरोध समन्वयकों से मुलाकात
Last Updated : Aug 6, 2024, 12:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.