नई दिल्ली: बांग्लादेश की चर्चित लेखिका तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. वह पिछले कुछ समय से लगातार उनके खिलाफ हमलावर रहीं हैं. तसलीमा नसरीन ने सोशल मीडिया के माध्यम बांग्लादेश के हालात पर लगातार टिप्पणी करती रहीं हैं. इन टिप्पणी में उनका व्यक्तिगत आक्रोश भी नजर आया. बता दें कि बांग्लादेशी लेखिका और एक्टिविस्ट तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस घटना के बाद वह भारत में आकर रहने लगीं.
Hasina had to resign and leave the country. She was responsible for her situation. She made Islamists to grow. She allowed her people to involve in corruption. Now Bangladesh must not become like Pakistan. Army must not rule.Political parties should bring democracy & secularism.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 5, 2024
बांग्लादेश में छात्रों का आंदोलन शुरू होने के बाद से तसलीमा नसरीन लगातार सोशल मीडिया एक्स पर इस मुद्दे को लेकर एक्टिव हैं. उन्होंने एक पोस्ट में लिखा,'शेख हसीना ने इस्लामवादियों को खुश करने के लिए 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुआ था. मुझे फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने दिया. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया.'
Bangladesh is going to ban Jamate-Islami. I don't think it 'll help. Religion based politics should be banned. & state religion should be removed from the constitution.Awami league the ruling party fulfilled all the agendas of Jamate-Islami in the last 16 years by Islamization.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 1, 2024
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तस्लीमा नसरीन ने पोस्ट किया, कहा- इस्लामवादियों ने मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया. एक पोस्ट में लिखा, 'हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. अपनी स्थिति के लिए वह खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस्लामवादियों को पनपने दिया. उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने दिया. अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए. सेना को शासन नहीं करना चाहिए. राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिए.'
She is crying for the metro station, which was destroyed by students, but she did not shed a tear for the 160 students who were killed by her police. pic.twitter.com/6AJk4mNugC
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 25, 2024
शेख हसीना पर तीखी टिप्पणी
हसीना फ्रेंकस्टीन की तरह हैं. उन्होंने बड़ी संख्या में इस्लामी उपदेशकों को युवाओं का दिमाग बदलने की अनुमति दी. इस्लामी स्कूल की डिग्री को धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय की डिग्री के बराबर बनाकर राक्षसों का निर्माण किया. अब वे राक्षस चाहते हैं कि वह चलीं जाएं.
धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए
तसलीमा नसरीन ने एक अगस्त को किए एक पोस्ट में लिखा, 'बांग्लादेश जमात-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. मुझे नहीं लगता कि इससे कोई मदद मिलेगी. धर्म आधारित राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. और संविधान से राज्य धर्म को हटा दिया जाना चाहिए. सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने पिछले 16 सालों में इस्लामीकरण करके जमात-इस्लामी के सभी एजेंडे पूरे किए हैं.'
25 जुलाई को उन्होंने लिखा, 'वह (तसलीमा नसरीन) मेट्रो स्टेशन के लिए रो रही हैं, जिसे छात्रों ने नष्ट कर दिया, लेकिन उन्होंने उन 160 छात्रों के लिए एक आंसू भी नहीं बहाया, जिन्हें उनकी पुलिस ने मार डाला.'