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अटारी सीमा बंद होने से अफगानिस्तान से आयात प्रभावित, ड्राई फ्रूट्स की कीमतें बढ़ने की उम्मीद, जानें कितना होगा इजाफा ? - PAHALGAM TERROR ATTACK

पहलगाम हमले के बाद अटारी सीमा के बंद होने से अफगानिस्तान से सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ सकता है.

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ड्राई फ्रूट्स की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : April 29, 2025 at 2:05 PM IST

3 Min Read

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और अटारी सीमा को बंद करने से अफगानिस्तान से बादाम और पिस्ता सहित भारत के सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ने की संभावना है. दोनों देशों के निर्यातकों ने कहा कि इससे घरेलू बाजारों में इन वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है.

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद,जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए, जिसमें अटारी-वाघा भूमि सीमा को तत्काल बंद करना भी शामिल है. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी व्यापार निलबंन करने का ऐलान किया, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी भी तीसरे देश से और उसके लिए व्यापार शामिल है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अटारी में एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद करने से पाकिस्तान के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच होने वाला व्यापार प्रभावित हुआ है. इसमें कहा गया है, "यह भारत के साथ व्यापार के लिए अफगानिस्तान का सबसे छोटा और सबसे सस्ता रास्ता है और अफगानिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट (ACCI) ने कहा है कि इस मार्ग के माध्यम से 500 मिलियन डॉलर वार्षिक व्यापार होता है."

358 मिलियन डॉलर का सूखा मेवा आयात
2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने अफगानिस्तान को 264.15 मिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था, जबकि 591.49 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया गया था. इसमें बादाम, सूखे अंजीर, पिस्ता और किशमिश जैसे सूखे मेवों की 358 मिलियन डॉलर की शिपमेंट शामिल है. इस बीच निर्यातक वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में ईरान के चाबहार बंदरगाह पर नजर गड़ाए हुए हैं. हालांकि, इससे कीमतें बढ़ जाएंगी.

ईरान हो सकता वैकल्पिक मार्ग
रिपोर्ट के अनुसार एक भारतीय इम्पोर्टर बीके बजाज ने कहा कि अफगानिस्तान के सूखे मेवों के नए स्टॉक को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने में कम से कम दो महीने लगेंगे. उन्हें उम्मीद है कि इस अवधि में ईरान के माध्यम से एक वैकल्पिक मार्ग चुना जाएगा, लेकिन यह महंगा और अधिक समय लेने वाला होगा. नतीजतन इससे सूखे मेवों की कीमत बढ़ जाएगी. हालांकि, कीमत कितनी बढ़ेगी, यह तो समय ही बताएगा.

वहीं, सूखे मेवों के व्यापारी मुकेश सिधवानी ने कहा कि सूखे मेवों की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

यह भी पढ़ें- 'पाकिस्तान परस्त पार्टी', कांग्रेस के गायब पोस्टर पर भड़की BJP, कहा-PM मोदी के खिलाफ उकसावा

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और अटारी सीमा को बंद करने से अफगानिस्तान से बादाम और पिस्ता सहित भारत के सूखे मेवों के आयात पर असर पड़ने की संभावना है. दोनों देशों के निर्यातकों ने कहा कि इससे घरेलू बाजारों में इन वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है.

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद,जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए, जिसमें अटारी-वाघा भूमि सीमा को तत्काल बंद करना भी शामिल है. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत के साथ सभी व्यापार निलबंन करने का ऐलान किया, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी भी तीसरे देश से और उसके लिए व्यापार शामिल है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अटारी में एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद करने से पाकिस्तान के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान के बीच होने वाला व्यापार प्रभावित हुआ है. इसमें कहा गया है, "यह भारत के साथ व्यापार के लिए अफगानिस्तान का सबसे छोटा और सबसे सस्ता रास्ता है और अफगानिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट (ACCI) ने कहा है कि इस मार्ग के माध्यम से 500 मिलियन डॉलर वार्षिक व्यापार होता है."

358 मिलियन डॉलर का सूखा मेवा आयात
2024-25 (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने अफगानिस्तान को 264.15 मिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था, जबकि 591.49 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया गया था. इसमें बादाम, सूखे अंजीर, पिस्ता और किशमिश जैसे सूखे मेवों की 358 मिलियन डॉलर की शिपमेंट शामिल है. इस बीच निर्यातक वैकल्पिक व्यापार मार्ग के रूप में ईरान के चाबहार बंदरगाह पर नजर गड़ाए हुए हैं. हालांकि, इससे कीमतें बढ़ जाएंगी.

ईरान हो सकता वैकल्पिक मार्ग
रिपोर्ट के अनुसार एक भारतीय इम्पोर्टर बीके बजाज ने कहा कि अफगानिस्तान के सूखे मेवों के नए स्टॉक को अंतरराष्ट्रीय बाजार में आने में कम से कम दो महीने लगेंगे. उन्हें उम्मीद है कि इस अवधि में ईरान के माध्यम से एक वैकल्पिक मार्ग चुना जाएगा, लेकिन यह महंगा और अधिक समय लेने वाला होगा. नतीजतन इससे सूखे मेवों की कीमत बढ़ जाएगी. हालांकि, कीमत कितनी बढ़ेगी, यह तो समय ही बताएगा.

वहीं, सूखे मेवों के व्यापारी मुकेश सिधवानी ने कहा कि सूखे मेवों की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

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