गुवाहाटी: राज्य में उग्रवादी गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता में, असम पुलिस ने 20 उग्रवादियों को सामान्य जीवन में लाने में कामयाबी हासिल की है. कोकराझार पुलिस ने खुलासा किया कि सोमवार रात को एक 20 सदस्यीय समूह जो एक नया उग्रवादी समूह बनाने की कोशिश कर रहा था, पुलिस के सामने अपने हथियार आत्मसमर्पण करने के साथ मुख्यधारा में लौट आया है.
कोकराझार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीराज राजखोवा ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि "कल रात हमें सूचना मिली कि करीब 20 उग्रवादी जंगल में हथियार और गोला-बारूद के साथ छिपे हुए हैं. इसलिए हमने उन्हें रोका और समझाया. वे हमारे साथ मुख्यधारा में आ गए. कुल 20 उग्रवादी थे और उनके पास से हमने 6 ऑटोमेटिक राइफलें, 4 सिंगल शॉट राइफलें, 3 पिस्टल, 5 हथगोले और कुछ गोला-बारूद बरामद किया है."
पुलिस ने खुलासा किया कि समूह की गतिविधियों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विस्तृत पूछताछ की जाएगी, साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि इसके गठन के पीछे कौन लोग थे तथा युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्तीय सहायता कौन प्रदान कर रहा था.
राभा ने आगे कहा कि "यह बहुत प्रारंभिक जानकारी है, लेकिन हमें पता चला है कि वे एक नया संगठन बनाने की कोशिश कर रहे थे और अभी तक उसे कोई नाम नहीं दिया गया है. हम यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि उनके संगठन को किसने समर्थन दिया या उन्हें वित्तीय सहायता किसने दी. हम अगले 2-3 दिनों में उनमें से प्रत्येक से व्यक्तिगत रूप से पूछताछ करेंगे, ताकि अधिक जानकारी मिल सके."
उन्होंने कहा कि "उन्हें चिरांग कोकराझार सीमा क्षेत्र के जंगल से पकड़ा गया." पुलिस के अनुसार 20 युवकों का यह समूह पिछले तीन-चार महीनों से कोकराझार-चिरांग वन क्षेत्र में एक नया उग्रवादी समूह बनाने की कोशिश कर रहा था. कोकराझार पुलिस को सूचना मिली और सोमवार रात कोकराझार-चिरांग सीमा पर जंगल से हथियारों के साथ समूह को बाहर निकालने में सफल रही.