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बेटी के जन्मदिन से 2 दिन पहले कोंटा में शहीद हुए ASP आकाश राव गिरिपुंजे, आज अंतिम संस्कार - AKASH RAO GIRIPUNJE MARTYRED

नक्सली हमले में शहीद ASP ने अपनी 6 साल की बेटी से वादा किया था कि 11 जून को उसके जन्मदिन पर जरूर घर पहुंचेंगे.

AKASH RAO GIRIPUNJE MARTYRED
आकाश राव गिरिपुंजे का अंतिम संस्कार (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : June 10, 2025 at 7:41 AM IST

Updated : June 10, 2025 at 7:58 AM IST

4 Min Read

रायपुर\दुर्ग: सुकमा जिले में सोमवार को नक्सलियों के लगाए आईईडी विस्फोट में शहीद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपुंजे ने 11 जून को अपनी 6 वर्षीय बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए अपने ससुराल जाने की योजना बनाई थी. उन्होंने अपनी बेटी से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह उसके जन्मदिन पर जरूर पहुंचेंगे. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. आकाश घर जरूर पहुंचे लेकिन तिरंगे में लिपटे हुए.

शहीद एएसपी के छोटे भाई आदर्श गिरिपुंजे ने बताया "भैया को पूरे विभाग में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता था जो खतरों से कभी पीछे नहीं हटते थे. सोमवार को सुबह करीब 9.30 बजे उनके भाई के गनमैन (सुरक्षा कर्मचारी) का फोन आया, जिसने उन्हें आईईडी विस्फोट में अधिकारी के घायल होने की सूचना दी. हालांकि इस बात का अहसास बिल्कुल नहीं था कि उनके भाई की चोटें जानलेवा होने वाली हैं. "

आदर्श गिरिपुंजे ने आगे बताया"आधे घंटे बाद करीब 10 बजे फिर से बंदूकधारी का फोन आया जिसने मुझे बताया कि सर (एएसपी) अब नहीं रहे और दो अन्य अधिकारी घायल हो गए हैं. भाभी और उनके दो बच्चे पड़ोसी महाराष्ट्र के भंडारा में अपने मायके में थे. मैंने भैया से आखिरी बार रविवार रात को बात की थी जब उन्होंने कहा था कि वह 11 जून को अपनी बेटी के जन्मदिन समारोह के लिए भंडारा के पौनी जा रहे हैं. वह अपने बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए 20 मई को एक दिन के लिए रायपुर आए थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा जब हम उन्हें जीवित देखेंगे."

बता दें शहीद एएसपी के पिता गोविंद राव गिरिपुंजे एक छोटा सा गैराज चलाते हैं. शहीद के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं - बेटा सात साल का और बेटी 6 साल की. ​​पांच भाई-बहनों में आकाश दूसरे नंबर के है.

आकाश राव गिरिपुंजे का अंतिम संस्कार (ETV Bharat Chhattisgarh)

दुर्ग में शहीद एएसपी को श्रद्धांजलि: सुकमा में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपुंजे को पूरे पुलिस महकमे और जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. दुर्ग रेंज के आईजी राम गोपाल गर्ग, एसएसपी दुर्ग विजय अग्रवाल समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी सेक्टर-6 पुलिस कंट्रोल रूम में इकट्ठे हुए और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.

आकाश राव गिरिपुंजे की बहादुरी और सेवाभाव को याद करते हुए दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि वे एक कर्मठ, निडर और मिलनसार अधिकारी थे. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में उन्होंने अपनी सेवाएं दी और अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहे. दुर्ग जिले में भी उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए महत्वपूर्ण कार्य किए थे, जिससे जनता और पुलिस बल में उनके प्रति सम्मान की भावना रही.

शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि देते हुए दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि आकाश राव गिरिपुंजे ने दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र में एसडीओपी के रूप में करीब दो वर्षों तक सेवा दी थी. वे बेहद लोकप्रिय और जिम्मेदार अधिकारी थे.सांसद बघेल ने कहा कि नक्सलियों ने कायरतापूर्ण हरकत की है, जिससे एक होनहार और बहादुर अधिकारी को देश ने खो दिया.

साय कैबिनेट ने शहीद एएसपी को दी श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार शाम शहीद एएसपी के कुशालपुर स्थित घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीएम ने कहा कि अधिकारी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. माओवादी घटना के बाद सीएम ने सोमवार को राजनांदगांव का अपना प्रस्तावित दौरा स्थगित कर दिया और घटना का जायजा लेने और नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा के लिए मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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शहीद एएसपी के छोटे भाई आदर्श गिरिपुंजे ने बताया "भैया को पूरे विभाग में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाना जाता था जो खतरों से कभी पीछे नहीं हटते थे. सोमवार को सुबह करीब 9.30 बजे उनके भाई के गनमैन (सुरक्षा कर्मचारी) का फोन आया, जिसने उन्हें आईईडी विस्फोट में अधिकारी के घायल होने की सूचना दी. हालांकि इस बात का अहसास बिल्कुल नहीं था कि उनके भाई की चोटें जानलेवा होने वाली हैं. "

आदर्श गिरिपुंजे ने आगे बताया"आधे घंटे बाद करीब 10 बजे फिर से बंदूकधारी का फोन आया जिसने मुझे बताया कि सर (एएसपी) अब नहीं रहे और दो अन्य अधिकारी घायल हो गए हैं. भाभी और उनके दो बच्चे पड़ोसी महाराष्ट्र के भंडारा में अपने मायके में थे. मैंने भैया से आखिरी बार रविवार रात को बात की थी जब उन्होंने कहा था कि वह 11 जून को अपनी बेटी के जन्मदिन समारोह के लिए भंडारा के पौनी जा रहे हैं. वह अपने बेटे का जन्मदिन मनाने के लिए 20 मई को एक दिन के लिए रायपुर आए थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि यह आखिरी बार होगा जब हम उन्हें जीवित देखेंगे."

बता दें शहीद एएसपी के पिता गोविंद राव गिरिपुंजे एक छोटा सा गैराज चलाते हैं. शहीद के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं - बेटा सात साल का और बेटी 6 साल की. ​​पांच भाई-बहनों में आकाश दूसरे नंबर के है.

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आकाश राव गिरिपुंजे की बहादुरी और सेवाभाव को याद करते हुए दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि वे एक कर्मठ, निडर और मिलनसार अधिकारी थे. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में उन्होंने अपनी सेवाएं दी और अपने कर्तव्यों के प्रति हमेशा समर्पित रहे. दुर्ग जिले में भी उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए महत्वपूर्ण कार्य किए थे, जिससे जनता और पुलिस बल में उनके प्रति सम्मान की भावना रही.

शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि देते हुए दुर्ग सांसद विजय बघेल ने कहा कि आकाश राव गिरिपुंजे ने दुर्ग जिले के पाटन क्षेत्र में एसडीओपी के रूप में करीब दो वर्षों तक सेवा दी थी. वे बेहद लोकप्रिय और जिम्मेदार अधिकारी थे.सांसद बघेल ने कहा कि नक्सलियों ने कायरतापूर्ण हरकत की है, जिससे एक होनहार और बहादुर अधिकारी को देश ने खो दिया.

साय कैबिनेट ने शहीद एएसपी को दी श्रद्धांजलि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार शाम शहीद एएसपी के कुशालपुर स्थित घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. सीएम ने कहा कि अधिकारी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. माओवादी घटना के बाद सीएम ने सोमवार को राजनांदगांव का अपना प्रस्तावित दौरा स्थगित कर दिया और घटना का जायजा लेने और नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा के लिए मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.

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Last Updated : June 10, 2025 at 7:58 AM IST
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