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अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, हरियाणा चुनाव में हो गया खेल! जानिए कैसे - Kejriwal in Haryana Election

Kejriwal in Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को जमामनत मिलने से हरियाणा विधानसभा चुनाव और दिलचस्प हो गया है. केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर हरियाणा में सियासी खेल होने के आसार बढ़ गये हैं. किसके लिए भारी पड़ेंगे केजरीवाल?

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Sep 13, 2024, 10:15 PM IST

Kejriwal in Haryana Election
अरविंद केजरीवाल को मिली बेल, हरियाणा चुनाव में हो गया खेल! (Photo- ETV Bharat)

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव इस बार सबसे अहम कांग्रेस के लिए दिखाई देता है. क्योंकि पार्टी पिछले दस साल से हरियाणा की सत्ता से बाहर है. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची को देखकर लग रहा है कि इस बार सत्ता में वापसी का पूरा जिम्मा पार्टी ने दो बार के सीएम रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दे दी है. लेकिन आम आदमी पार्टी के मैदान में आने और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बेल मिलने के बाद कांग्रेस का खेल बिगड़ने का भी अंदेशा लग रहा है.

कांग्रेस की लिस्ट में हुड्डा खेमे का दबदबा

क्या कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में वापसी हुड्डा के दम पर करना चाह रही है? ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जो सूची कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों की आई है उसमें 70 के करीब हुड्डा खेमे के नेताओं को पार्टी ने मैदान में उतारा है. यानी टिकट वितरण के मामले में हुड्डा खेमे की ही चली है. जबकि उनके विरोधी गुट की मानी जाने वाली कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला खेमे के हाथ करीब 12 सीटें ही लगी हैं. यानी अभी भी हुड्डा खेमे का हाईकमान के सामने दबदबा बरकरार है.

केजरीवाल जेल से बाहर, जमकर होगा प्रचार

हरियाणा में कांग्रेस और आप का सियासी गठजोड़ नहीं हो पाया. इससे नाराज आप नेताओं ने तीखी टिप्पणी भी कांग्रेस पर बिना नाम लिए की थी. दरअसल कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तो गठबंधन करना चाह रहा था, लेकिन हरियाणा कांग्रेस खासतौर पर हुड्डा खेमा इसके पक्ष में नहीं था. जिसके बाद आप ने अकेले दम पर हरियाणा में उम्मीदवार उतार दिए हैं.

इन सबके बीच आप के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. वे अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए भी दिखेंगे. उनके बाहर आने से हरियाणा में आप नेताओं का जोश भी आसमान की ऊंचाइयां छू रहा है. हालांकि केजरीवाल के बाहर आने से आप को हरियाणा में कितना फायदा होगा ये तो चुनावी नतीजे बताएंगे लेकिन इससे कांग्रेस का सियासी समीकरण खराब हो सकता है.

केजरीवाल जेल से बाहर, क्या बिगड़ेगा खेल?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. हरियाणा में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इससे जोश में हैं. कांग्रेस के साथ आपका गठबंधन नहीं हो पाया, आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अकेले लड़ रही है. ऐसे में केजरीवाल की उपस्थिति से किसको (कांग्रेस, बीजेपी) सियासी नुकसान होगा, या किसका खेल बिगड़ेगा, इसको लेकर राजनीति के जानकार अपने-अपने कयास लगा रहे हैं.

हरियाणा चुनाव में AAP कोई फैक्टर नहीं

इस मामले पर राजनीतिक मामलों के जानकारी धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में 46 सीट पर चुनाव लड़ी थी. आम आदमी पार्टी को करीब 0.5 फीसदी वोट मिले थे, जो नोटा से भी कम थे. वहीं सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जप्त हो गई थी. लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा था.

केजरीवाल को जमानत मिलने से कोई असर नहीं होगा

धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि इस बार भी हरियाणा में भले ही पांच प्रमुख पार्टियां चुनाव मैदान में हों लेकिन मुकाबला मुख्य तौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने से भी मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहेगा, यह लगभग तय है. हालांकि वे कहते हैं कि केजरीवाल के हरियाणा में प्रचार करने से कांग्रेस का नुकसान होगा या बीजेपी का, अभी से ये कहना मुश्किल है.

बढ़ सकता है AAP का जनाधार

इसी सवाल को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि केजरीवाल के जमानत पर बाहर आने से हरियाणा में आम आदमी पार्टी में जरूर जोश दिखाई देगा. यह जोश बीजेपी के खिलाफ जो वोट है उसमें खुद के लिए जगह बनाने का काम करेगा. इस चुनाव में सत्ता के खिलाफ जो लहर दिखाई दे रही है वह कहीं ना कही बंटी हुई दिखाई देगी. ऐसे में जो सत्ता विरोधी वोट है, वो कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी अपनी ओर खींचने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. बेशक 2019 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली थी, बावजूद इसके इस बार उनका हरियाणा में वोट बैंक कुछ हद तक बढ़ सकता है.

ये भी पढ़ें- शराब नीति से जुड़े CBI केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत

ये भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उतारे 2 मुस्लिम उम्मीदवार, जानिए कौन हैं

ये भी पढ़ें- कुरुक्षेत्र में शनिवार को पीएम मोदी की रैली, इन चीजों को लाने पर प्रतिबंध, बंद रहेंगे ये ट्रैफिक रूट

चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव इस बार सबसे अहम कांग्रेस के लिए दिखाई देता है. क्योंकि पार्टी पिछले दस साल से हरियाणा की सत्ता से बाहर है. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची को देखकर लग रहा है कि इस बार सत्ता में वापसी का पूरा जिम्मा पार्टी ने दो बार के सीएम रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दे दी है. लेकिन आम आदमी पार्टी के मैदान में आने और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बेल मिलने के बाद कांग्रेस का खेल बिगड़ने का भी अंदेशा लग रहा है.

कांग्रेस की लिस्ट में हुड्डा खेमे का दबदबा

क्या कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में वापसी हुड्डा के दम पर करना चाह रही है? ये इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जो सूची कांग्रेस के 89 उम्मीदवारों की आई है उसमें 70 के करीब हुड्डा खेमे के नेताओं को पार्टी ने मैदान में उतारा है. यानी टिकट वितरण के मामले में हुड्डा खेमे की ही चली है. जबकि उनके विरोधी गुट की मानी जाने वाली कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला खेमे के हाथ करीब 12 सीटें ही लगी हैं. यानी अभी भी हुड्डा खेमे का हाईकमान के सामने दबदबा बरकरार है.

केजरीवाल जेल से बाहर, जमकर होगा प्रचार

हरियाणा में कांग्रेस और आप का सियासी गठजोड़ नहीं हो पाया. इससे नाराज आप नेताओं ने तीखी टिप्पणी भी कांग्रेस पर बिना नाम लिए की थी. दरअसल कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तो गठबंधन करना चाह रहा था, लेकिन हरियाणा कांग्रेस खासतौर पर हुड्डा खेमा इसके पक्ष में नहीं था. जिसके बाद आप ने अकेले दम पर हरियाणा में उम्मीदवार उतार दिए हैं.

इन सबके बीच आप के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. वे अब हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए भी दिखेंगे. उनके बाहर आने से हरियाणा में आप नेताओं का जोश भी आसमान की ऊंचाइयां छू रहा है. हालांकि केजरीवाल के बाहर आने से आप को हरियाणा में कितना फायदा होगा ये तो चुनावी नतीजे बताएंगे लेकिन इससे कांग्रेस का सियासी समीकरण खराब हो सकता है.

केजरीवाल जेल से बाहर, क्या बिगड़ेगा खेल?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. हरियाणा में पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इससे जोश में हैं. कांग्रेस के साथ आपका गठबंधन नहीं हो पाया, आम आदमी पार्टी सभी सीटों पर अकेले लड़ रही है. ऐसे में केजरीवाल की उपस्थिति से किसको (कांग्रेस, बीजेपी) सियासी नुकसान होगा, या किसका खेल बिगड़ेगा, इसको लेकर राजनीति के जानकार अपने-अपने कयास लगा रहे हैं.

हरियाणा चुनाव में AAP कोई फैक्टर नहीं

इस मामले पर राजनीतिक मामलों के जानकारी धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी 2019 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में 46 सीट पर चुनाव लड़ी थी. आम आदमी पार्टी को करीब 0.5 फीसदी वोट मिले थे, जो नोटा से भी कम थे. वहीं सभी उम्मीदवारों की जमानत भी जप्त हो गई थी. लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा था.

केजरीवाल को जमानत मिलने से कोई असर नहीं होगा

धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि इस बार भी हरियाणा में भले ही पांच प्रमुख पार्टियां चुनाव मैदान में हों लेकिन मुकाबला मुख्य तौर पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने से भी मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहेगा, यह लगभग तय है. हालांकि वे कहते हैं कि केजरीवाल के हरियाणा में प्रचार करने से कांग्रेस का नुकसान होगा या बीजेपी का, अभी से ये कहना मुश्किल है.

बढ़ सकता है AAP का जनाधार

इसी सवाल को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल कहते हैं कि केजरीवाल के जमानत पर बाहर आने से हरियाणा में आम आदमी पार्टी में जरूर जोश दिखाई देगा. यह जोश बीजेपी के खिलाफ जो वोट है उसमें खुद के लिए जगह बनाने का काम करेगा. इस चुनाव में सत्ता के खिलाफ जो लहर दिखाई दे रही है वह कहीं ना कही बंटी हुई दिखाई देगी. ऐसे में जो सत्ता विरोधी वोट है, वो कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी अपनी ओर खींचने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. बेशक 2019 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली थी, बावजूद इसके इस बार उनका हरियाणा में वोट बैंक कुछ हद तक बढ़ सकता है.

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