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कैथल के पोलड़ गांव को खाली करने का आदेश, ASI ने भेजा नोटिस, भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बसा था - KAITHAL POLAD VILLAGE VACATE NOTICE

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कैथल के गांव पोलड़ को खाली करने का आदेश दे डाला है जिसके बाद हड़कंप के हालात है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
कैथल के पोलड़ गांव को खाली करने का आदेश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 20, 2025 at 8:44 PM IST

9 Min Read

कैथल : हरियाणा के कैथल के गांव पोलड़ को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने खाली करने के आदेश जारी कर दिए हैं. पिछले सप्ताह गांव के करीब 206 घरों को पुरातत्व विभाग ने गांव खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. जब ईटीवी भारत की टीम मंगलवार के दिन ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए गांव में पहुंची तो कई ग्रामीण मिले जिनके पास पुरातत्व विभाग ने जल्द से जल्द गांव छोड़ने का नोटिस दे रखा है. एएसआई के नोटिस के बाद से गांव में डर का माहौल है क्योंकि उन्हें अपने घरों से बेघर होना पड़ेगा.

भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बसा था गांव : ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीण बीरबल ने बताया कि उनके पूर्वज भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर यहां पर बसे थे. उनकी कई पीढ़ियां यहां पर रहती आ रही है, लेकिन अब गांव को नोटिस मिलने के बाद हर कोई डर के माहौल में जीने को मजबूर है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग हर कोई घर छोड़ने की बात को लेकर चिंतित है. उन्होंने बताया कि उनके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है लेकिन वे साल 1947 से यहां रहते आ रहे हैं.

कैथल के पोलड़ गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट (Etv Bharat)

गांव के घर खाली करने का नोटिस : ग्रामीण शशिपाल ने बताया कि पुरातत्व विभाग उनके गांव में अपनी जमीन होने का दावा कर रहा है. उनके गांव में 78 एकड़ जमीन पुरातत्व विभाग की बताई जा रही है, जिस पर पूरा गांव बसा हुआ है. हालांकि अभी तक केवल कुछ परिवार को ही नोटिस मिला है, लेकिन पूरे गांव को ही खाली करने के आदेश दिए गए हैं. पुरातत्व विभाग के द्वारा 2005 से उनके पास नोटिस भेजे जा रहे हैं कि ये पुरातत्व विभाग की जमीन है, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन था. वहीं जानकारी के अनुसार 2018 से ग्रामीणों ने जो कोर्ट में केस किया था, वहां पर वकील ने उनका पक्ष नहीं रखा और अब पुरातत्व विभाग उन्हें घर खाली करने का नोटिस भेज रहा है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
पोलड़ गांव के लोग (Etv Bharat)

रावण के दादा के नाम से मशहूर है गांव : गांव वालों का कहना है कि ये उनका एक ऐतिहासिक गांव है, जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है. यहां पर रावण के दादा पुलस्त्य मुनि की तपोस्थली रही है और उन्हीं के नाम पर गांव का नाम पोलड़ पड़ा था. ये एक धार्मिक और ऐतिहासिक गांव है, जिसका इतिहास काफी पुराना बताया जाता है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
पोलड़ गांव में महिला के साथ घूमता बच्चा (Etv Bharat)

सरस्वती के तट पर बसा है गांव : ये गांव सरस्वती नदी के तट पर बसा हुआ है. ईटीवी भारत ने देखा कि गांव में सरस्वती माता का मंदिर भी बना हुआ है, जिसका निर्माण 1960 में किया गया था. सरस्वती बोर्ड के द्वारा सरस्वती नदी पर कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है. यहां पर प्राचीन समय में सरस्वती नदी के तट पर मेले का भी आयोजन किया जाता था, जहां पर आसपास से लोग मेले में आते थे.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
सरस्वती माता का मंदिर (Etv Bharat)

गांव में करीब 2000 वोट : ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव की अपनी खुद की जमीन नहीं है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां पर गांव बसा हुआ है जहां पर 2000 के करीब वोट है और करीब 8000 आबादी यहां पर रह रही है. 78 एकड़ पुरातत्व की जमीन यहां पर बताई जाती है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
कैथल का पोलड़ गांव (Etv Bharat)

गांव में है पंचायत, सरकार दे रही सुविधा : ग्रामीणों का ये भी कहना है कि जब ये जमीन उनकी खुद की नहीं है और पुरातत्व विभाग की है लेकिन फिर भी उनके गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा मिला हुआ है. हालांकि पिछले प्लान में गांव पंचायत को छोड़कर सीवन नगर पालिका में शामिल किया गया था जहां पर अब सीवन नगर पालिका के अंदर ये गांव आता है. इतना ही नहीं गांव वालों के वोटर कार्ड, आधार कार्ड, फैमिली आईडी और सभी प्रकार के दस्तावेज बने हुए हैं और गांव में सरकारी स्कूल भी है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जब ये गांव पुरातत्व विभाग की जमीन पर बसा हुआ है तो यहां पर ग्राम पंचायत कैसे बनी और इन लोगों को सरकार की ओर से कैसे सारी सुविधाएं मिल रही है.

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ग्रामीणों को पुरातत्व विभाग ने भेजा नोटिस (Etv Bharat)

दो बार गांव की हो चुकी है खुदाई : ग्रामीणों का कहना है कि ये मामला पिछले कई सालों से चला आ रहा है. यहां पर पुरातत्व विभाग के द्वारा गांव की निशानदेही भी ली गई है. यहां पर पुरातत्व विभाग दो बार गांव की खुदाई करवा चुका है लेकिन उनको किसी भी प्रकार की कोई प्राचीन वस्तु ज़मीन से प्राप्त नहीं हुई है और इसी के चलते अब गांव को एक बार फिर से पुरातत्व विभाग के द्वारा खाली करने के आदेश दिए गए हैं.

बच्ची ने सुनाई दुख भरी दास्तां : स्कूल की छोटी बच्ची राजवंती ने कहा कि हम सभी को बड़ों से पता चला है कि हमारा गांव खाली करवाने के लिए बोला गया है. उसने कहा कि मेरे पिता का देहांत हो चुका है और मेरी माता ने बड़ी मुश्किल से हमारा घर बनाया है. लेकिन अब हमें विभाग के आदेश के बाद अपना घर छोड़ना पड़ेगा. हम कहां जाएंगे. बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी इस दुविधा में फंसे हुए हैं.

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कैथल के गांव पोलड़ में स्कूली बच्चे (Etv Bharat)
नया मकान पूरा होते ही मिले विभाग के आदेश : गांव की एक महिला रीना देवी ने कहा कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपना घर तैयार किया है. उसके पति पास ही के गांव में ज़मीदार के पास ड्राइवर का काम करते हैं और वे खुद दूसरों के घर में साफ सफाई का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं. बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपना घर हाल ही में तैयार किया है लेकिन नए घर में शिफ्ट होने से पहले ही विभाग के आदेश खाली करने के आ गए हैं. जो उन्होंने अपने नए घर को लेकर सपने देखे थे, वे सब टूटते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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कैथल के पोलड़ गांव का सरकारी स्कूल (Etv Bharat)

भारतीय सेना में गांव के कई जवान : ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के कई लोग 1965 की लड़ाई में भाग ले चुके हैं. उनके गांव से अभी कई ऐसे जवान है जो भारत की अलग-अलग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं.

मर जाएंगे लेकिन गांव को छोड़कर नहीं जाएंगे : ईटीवी भारत ने जब ग्रामीणों से बातचीत की तो ग्रामीणों का कहना है कि हमारे बड़े बुजुर्ग ने यहां पर आकर रहना शुरू किया था. हमारी कई पीढ़ियां यहीं पर रहती आ रही है. हमने एक-एक पैसा जोड़कर अपना मकान यहां पर बनाया है, लेकिन अब विभाग के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम मर जाएंगे लेकिन गांव छोड़कर नहीं जाएंगे.

कहीं और दिया जाए मकान : वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार हमें यहां से हटाती है तो कम से कम सरकार के द्वारा उनको कहीं और पर स्थाई तौर पर रहने के लिए जगह दी जाए या फिर उनके लिए घर बना कर दिए जाएं ताकि वे अपने बच्चों को सिर पर छत दे सके. अगर वे यहां से ऐसे ही चले जाते हैं तो उनके बच्चों के सिर से छत उठ जाएगी और वे बेसहारा हो जाएंगे.

ग्रामीण लगा रहे गुहार : ग्रामीणों को नोटिस मिलने के बाद अब गांव वाले इकट्ठा होकर अपने स्तर पर प्रशासनिक लोगों से बातचीत कर रहे हैं तो वहीं राजनीतिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं ताकि उनको अपना गांव ना छोड़ना पड़े. इस बारे में जब हमने कैथल जिला उपायुक्त से बात की तो उन्होंने कैमरे पर आने से मना कर दिया. लेकिन उन्होंने कहा कि हमारे पास किसी भी प्रकार का कोई नोटिस या आदेश नहीं आया है और ना ही हमारे पास ग्रामीण आए हैं. इसलिए इस पर कुछ नहीं कहना चाहती. लेकिन ग्रामीण आज कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल से मिलने के लिए गए हुए हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि ग्रामीण यहां से गांव छोड़कर जाते हैं या फिर सरकार उनके लिए कोई समाधान निकाल लेती है.

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गांव में घरों को खाली करने का नोटिस (Etv Bharat)

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कैथल : हरियाणा के कैथल के गांव पोलड़ को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने खाली करने के आदेश जारी कर दिए हैं. पिछले सप्ताह गांव के करीब 206 घरों को पुरातत्व विभाग ने गांव खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. जब ईटीवी भारत की टीम मंगलवार के दिन ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए गांव में पहुंची तो कई ग्रामीण मिले जिनके पास पुरातत्व विभाग ने जल्द से जल्द गांव छोड़ने का नोटिस दे रखा है. एएसआई के नोटिस के बाद से गांव में डर का माहौल है क्योंकि उन्हें अपने घरों से बेघर होना पड़ेगा.

भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय बसा था गांव : ईटीवी भारत से बात करते हुए ग्रामीण बीरबल ने बताया कि उनके पूर्वज भारत पाकिस्तान के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर यहां पर बसे थे. उनकी कई पीढ़ियां यहां पर रहती आ रही है, लेकिन अब गांव को नोटिस मिलने के बाद हर कोई डर के माहौल में जीने को मजबूर है. बच्चों से लेकर बुजुर्ग हर कोई घर छोड़ने की बात को लेकर चिंतित है. उन्होंने बताया कि उनके पास जमीन का मालिकाना हक नहीं है लेकिन वे साल 1947 से यहां रहते आ रहे हैं.

कैथल के पोलड़ गांव से ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट (Etv Bharat)

गांव के घर खाली करने का नोटिस : ग्रामीण शशिपाल ने बताया कि पुरातत्व विभाग उनके गांव में अपनी जमीन होने का दावा कर रहा है. उनके गांव में 78 एकड़ जमीन पुरातत्व विभाग की बताई जा रही है, जिस पर पूरा गांव बसा हुआ है. हालांकि अभी तक केवल कुछ परिवार को ही नोटिस मिला है, लेकिन पूरे गांव को ही खाली करने के आदेश दिए गए हैं. पुरातत्व विभाग के द्वारा 2005 से उनके पास नोटिस भेजे जा रहे हैं कि ये पुरातत्व विभाग की जमीन है, लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन था. वहीं जानकारी के अनुसार 2018 से ग्रामीणों ने जो कोर्ट में केस किया था, वहां पर वकील ने उनका पक्ष नहीं रखा और अब पुरातत्व विभाग उन्हें घर खाली करने का नोटिस भेज रहा है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
पोलड़ गांव के लोग (Etv Bharat)

रावण के दादा के नाम से मशहूर है गांव : गांव वालों का कहना है कि ये उनका एक ऐतिहासिक गांव है, जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है. यहां पर रावण के दादा पुलस्त्य मुनि की तपोस्थली रही है और उन्हीं के नाम पर गांव का नाम पोलड़ पड़ा था. ये एक धार्मिक और ऐतिहासिक गांव है, जिसका इतिहास काफी पुराना बताया जाता है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
पोलड़ गांव में महिला के साथ घूमता बच्चा (Etv Bharat)

सरस्वती के तट पर बसा है गांव : ये गांव सरस्वती नदी के तट पर बसा हुआ है. ईटीवी भारत ने देखा कि गांव में सरस्वती माता का मंदिर भी बना हुआ है, जिसका निर्माण 1960 में किया गया था. सरस्वती बोर्ड के द्वारा सरस्वती नदी पर कंस्ट्रक्शन का काम किया जा रहा है. यहां पर प्राचीन समय में सरस्वती नदी के तट पर मेले का भी आयोजन किया जाता था, जहां पर आसपास से लोग मेले में आते थे.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
सरस्वती माता का मंदिर (Etv Bharat)

गांव में करीब 2000 वोट : ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव की अपनी खुद की जमीन नहीं है, लेकिन उसके बावजूद भी यहां पर गांव बसा हुआ है जहां पर 2000 के करीब वोट है और करीब 8000 आबादी यहां पर रह रही है. 78 एकड़ पुरातत्व की जमीन यहां पर बताई जाती है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
कैथल का पोलड़ गांव (Etv Bharat)

गांव में है पंचायत, सरकार दे रही सुविधा : ग्रामीणों का ये भी कहना है कि जब ये जमीन उनकी खुद की नहीं है और पुरातत्व विभाग की है लेकिन फिर भी उनके गांव को ग्राम पंचायत का दर्जा मिला हुआ है. हालांकि पिछले प्लान में गांव पंचायत को छोड़कर सीवन नगर पालिका में शामिल किया गया था जहां पर अब सीवन नगर पालिका के अंदर ये गांव आता है. इतना ही नहीं गांव वालों के वोटर कार्ड, आधार कार्ड, फैमिली आईडी और सभी प्रकार के दस्तावेज बने हुए हैं और गांव में सरकारी स्कूल भी है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि जब ये गांव पुरातत्व विभाग की जमीन पर बसा हुआ है तो यहां पर ग्राम पंचायत कैसे बनी और इन लोगों को सरकार की ओर से कैसे सारी सुविधाएं मिल रही है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
ग्रामीणों को पुरातत्व विभाग ने भेजा नोटिस (Etv Bharat)

दो बार गांव की हो चुकी है खुदाई : ग्रामीणों का कहना है कि ये मामला पिछले कई सालों से चला आ रहा है. यहां पर पुरातत्व विभाग के द्वारा गांव की निशानदेही भी ली गई है. यहां पर पुरातत्व विभाग दो बार गांव की खुदाई करवा चुका है लेकिन उनको किसी भी प्रकार की कोई प्राचीन वस्तु ज़मीन से प्राप्त नहीं हुई है और इसी के चलते अब गांव को एक बार फिर से पुरातत्व विभाग के द्वारा खाली करने के आदेश दिए गए हैं.

बच्ची ने सुनाई दुख भरी दास्तां : स्कूल की छोटी बच्ची राजवंती ने कहा कि हम सभी को बड़ों से पता चला है कि हमारा गांव खाली करवाने के लिए बोला गया है. उसने कहा कि मेरे पिता का देहांत हो चुका है और मेरी माता ने बड़ी मुश्किल से हमारा घर बनाया है. लेकिन अब हमें विभाग के आदेश के बाद अपना घर छोड़ना पड़ेगा. हम कहां जाएंगे. बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी इस दुविधा में फंसे हुए हैं.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
कैथल के गांव पोलड़ में स्कूली बच्चे (Etv Bharat)
नया मकान पूरा होते ही मिले विभाग के आदेश : गांव की एक महिला रीना देवी ने कहा कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपना घर तैयार किया है. उसके पति पास ही के गांव में ज़मीदार के पास ड्राइवर का काम करते हैं और वे खुद दूसरों के घर में साफ सफाई का काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं. बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपना घर हाल ही में तैयार किया है लेकिन नए घर में शिफ्ट होने से पहले ही विभाग के आदेश खाली करने के आ गए हैं. जो उन्होंने अपने नए घर को लेकर सपने देखे थे, वे सब टूटते हुए दिखाई दे रहे हैं.
Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
कैथल के पोलड़ गांव का सरकारी स्कूल (Etv Bharat)

भारतीय सेना में गांव के कई जवान : ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के कई लोग 1965 की लड़ाई में भाग ले चुके हैं. उनके गांव से अभी कई ऐसे जवान है जो भारत की अलग-अलग सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं.

मर जाएंगे लेकिन गांव को छोड़कर नहीं जाएंगे : ईटीवी भारत ने जब ग्रामीणों से बातचीत की तो ग्रामीणों का कहना है कि हमारे बड़े बुजुर्ग ने यहां पर आकर रहना शुरू किया था. हमारी कई पीढ़ियां यहीं पर रहती आ रही है. हमने एक-एक पैसा जोड़कर अपना मकान यहां पर बनाया है, लेकिन अब विभाग के द्वारा आदेश जारी किए गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम मर जाएंगे लेकिन गांव छोड़कर नहीं जाएंगे.

कहीं और दिया जाए मकान : वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार हमें यहां से हटाती है तो कम से कम सरकार के द्वारा उनको कहीं और पर स्थाई तौर पर रहने के लिए जगह दी जाए या फिर उनके लिए घर बना कर दिए जाएं ताकि वे अपने बच्चों को सिर पर छत दे सके. अगर वे यहां से ऐसे ही चले जाते हैं तो उनके बच्चों के सिर से छत उठ जाएगी और वे बेसहारा हो जाएंगे.

ग्रामीण लगा रहे गुहार : ग्रामीणों को नोटिस मिलने के बाद अब गांव वाले इकट्ठा होकर अपने स्तर पर प्रशासनिक लोगों से बातचीत कर रहे हैं तो वहीं राजनीतिक लोगों से मुलाकात कर रहे हैं ताकि उनको अपना गांव ना छोड़ना पड़े. इस बारे में जब हमने कैथल जिला उपायुक्त से बात की तो उन्होंने कैमरे पर आने से मना कर दिया. लेकिन उन्होंने कहा कि हमारे पास किसी भी प्रकार का कोई नोटिस या आदेश नहीं आया है और ना ही हमारे पास ग्रामीण आए हैं. इसलिए इस पर कुछ नहीं कहना चाहती. लेकिन ग्रामीण आज कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल से मिलने के लिए गए हुए हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि ग्रामीण यहां से गांव छोड़कर जाते हैं या फिर सरकार उनके लिए कोई समाधान निकाल लेती है.

Archaeological Survey of India has ordered to vacate Polad village of Kaithal in Haryana
गांव में घरों को खाली करने का नोटिस (Etv Bharat)

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