देहरादून: उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड 27 जनवरी 2025 से लागू हो गया था. यूसीसी में किए गए प्रावधानों में विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन के साथ ही लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है. इसके तहत प्रदेश की जनता विवाह/ तलाक और लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन करवा रही है. वहीं उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड नियमावली में संशोधन कर दिया है. जिसके तहत स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के सब-रजिस्ट्रार को विवाह और तलाक के रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत कर दिया गया है.
यूसीसी नियमावली में किया गया संशोधन: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसके तहत अब सब-रजिस्ट्रार भी विवाह और तलाक का रजिस्ट्रेशन करने के लिए अधिकृत होंगे. सरकार के इस निर्णय के बाद प्रदेश के सभी जिलों में मौजूद सब-रजिस्ट्रार (उप निबंधक) कार्यालयों में वसीयत के साथ ही विवाह और तलाक रजिस्ट्रेशन भी हो सकेंगे. इससे आने वाले समय में जनता को विवाह/तलाक रजिस्ट्रेशन करवाने में आसानी होगी.
सब-रजिस्ट्रार करेंगे विवाह और तलाक के रजिस्ट्रेशन: राज्य सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता नियमावली उत्तराखंड- 2025 में किए गए संशोधन को एक बड़ी पहल माना जा रहा है. क्योंकि इससे यूसीसी के प्रावधानों को और आसानी से प्रभावी बनाया जा सकेगा. सब रजिस्ट्रार को विवाह और विवाह-विच्छेद का रजिस्ट्रेशन करने के लिए अधिकृत किए जाने के बाद अब जल्द ही सब- रजिस्ट्रार के कार्यालय में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके साथ ही सब रजिस्ट्रार को रजिस्ट्रेशन संबंधित ट्रेनिंग भी दी जाएगी. इस संबंध में सरकार कार्य योजना भी तैयार कर रही है.
देवभूमि उत्तराखण्ड के समग्र व सर्वस्पर्शी विकास हेतु कैबिनेट बैठक में विभिन्न जनकल्याणकारी निर्णय लिए। pic.twitter.com/EiMuoFqJba
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) April 15, 2025
किसको क्या जिम्मेदारी: दरअसल, उत्तराखंड शासन की ओर से ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को उप रजिस्ट्रार और एसडीएम को रजिस्ट्रार बनाया गया है. इसके साथ ही नगर पंचायत और नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी को सब रजिस्ट्रार और एसडीएम को रजिस्ट्रार बनाया गया है. इसी क्रम में नगर निगम में कर अधीक्षकों को सब रजिस्ट्रार और नगर आयुक्त को रजिस्ट्रार बनाया गया है. इसके अलावा, कैंट क्षेत्र में मुख्य अधिशासी अधिकारी को रजिस्ट्रार और उनके द्वारा नामित अधिकारी को सब रजिस्ट्रार बनाया गया है. इसके साथ ही यूसीसी के महानिबंधक की जिम्मेदारी आईएएस अधिकारी वी षणमुगम संभाल रहे हैं.
यूसीसी लागू होने के बाद से आंकड़े:
- उत्तराखंड में अब तक समान नागरिक संहिता पोर्टल पर 21 लोगों ने लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन करवाया है.
- अब तक 66,365 लोगों ने शादी का रजिस्ट्रेशन करवाया है.
- अब तक 207 लोगों ने वसीयत वारिस रजिस्ट्रेशन करवाया है.
- तलाक के लिए 62 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है.
UCC पोर्टल पर सीएम धामी ने कराया था पहला रजिस्ट्रेशन: गौरतलब है कि यूसीसी में सीएम धामी ने अपने विवाह का पहला रजिस्ट्रेशन कराया था. तत्कालीन मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सीएम धामी को इसका प्रमाण पत्र सौंपा था. यूसीसी लागू होने के पहले दिन जिन 5 लोगों ने यूसीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया उन्हें नायक और नायिका कहा गया था. यूसीसी पोर्टल पर शुरुआती रजिस्ट्रेशन करवाने वालों में निकिता नेगी रावत, मनोज रावत, अंजना रावत, मीनाक्षी और अंजलि थे.
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